धौलावीरा क्यों प्रसिद्ध है Dholavira kis nadi ke kinare sthit hai

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नमस्कार साथियों!

Important Gyan में आप सभी का स्वागत है! Important gyan के इस सीरीज में आज हमारे लेख का विषय है धौलावीरा क्यों प्रसिद्ध है । साथियों इस लेख के अंत में हमने आप लोगों के लिए एक प्यारा सा क्विज बनाया है । आप इस लेख को पढ़कर क्विज जरूर हल करें। इससे कम से कम आप लोगों को इस बात क्या ज्ञान तो हो जाएगा की आपने इस लेख को कितना ध्यान से पढ़ा? 

Dholavira किस राज्य में है?

धौलावीरा गुजरात के भचाउ जिले में स्थित है। सिंधु सभ्यता का एक प्रसिद्ध स्थल है ।यह खादर द्वीप के उत्तरी भाग में है ।

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Dholavira की खोज किसने किया था?

धौलावीरा की खोज 1967 ईस्वी में जगपति जोशी ने किया था और 1990-1991 के बीच में आर एस विष्ट ने व्यापक पैमाने पर उत्खनन कार्य करवाया था । इस नगर का क्षेत्रफल लगभग 100 हेक्टेयर था । 

Dholavira किस आकार का है?

धौलावीरा का आकार आयताकार है । इस नगर का क्षेत्रफल लगभग 100 हेक्टेयर था । यह भारत में स्थित दो विशाल भवनों में से एक है । भारत में सबसे बड़ा स्थल इसी को माना जाता है । 

Dholavira किस नदी के किनारे है?

धौलावीरा मनहर और मनसर नामक दो नदियों के किनारे स्थित है । यहाँ से टीला मिला है एक कोटदा और दूसरा बाजार। 

Dholavira का क्या अर्थ है?

धौलाबीरा का गुजराती में अर्थ है – धौला अर्थात सफेद और वीरा अर्थात कुआं । यहाँ से एक ऐसा कुआं मिला है जिसमें पत्थर की टाइल्स लगा है। 

Dholaveera की नगर योजना कैसी थी?

धौलावीरा तीन भागों में विभाजित था । जबकि सैन्धव सभ्यता के अन्य नगर दो भागों में विभाजित था । 

  • दुर्ग-Citadal 
  • मध्यम नगर-Middle Town
  • अवम या निचला नगर-Lower Town

इसके सबसे बड़ी खास बात यह है की सम्पूर्ण नगर की किलेबंदी पत्थर की रक्षा प्राचीर से की गई थी और इसके बाद भी अपने दुर्ग की किलेबंदी की गई थी और बाद में मध्यम नगर की भी किलेबंदी दोबारा की गई थी । 

Banawali

Dholaveera को झीलों और तालाबों का नगर क्यों कहा जाता है?

धौलाबीरा के दुर्ग, मध्यम नगर और अवम नगर  छोटे छोटे तालाब के साक्ष्य मिले हैं और इनसे पानी लिकालने के लिए नालियों का निर्माण किया गया था । इसी कारण विद्वानों ने इसको ‘झीलों और तालाबों का नगर कहा है। 

Dholavira क्यों प्रसिद्ध है?

इस प्रकार भवन निर्माण,कलाकृतियों की पृष्ठभूमि, नगर नियोजन, सुंदर नगर योजना, लिपि और जल निकासी व्यवस्था की और जल संग्रहण के  अद्भुत व्यवस्था के लिए यह प्रसिद्ध है ।

धौलाबीरा की सबसे बड़ी बात यह है की यह तीन भागों में विभाजित था दुर्ग, निचला नगर और अवम नगर । सम्पूर्ण नगर की किलेबंदी पत्थर की रक्षा प्राचीर से की गई थी । Dholavira kis nadi ke kinare sthit hai

झील और तालाब मिलने के कारण इसको झीलों का नगर कहा जाता है। भारत में सैन्धव सभ्यता का सबसे बड़ा स्थल है । यहाँ से नेम प्लेट यानि की लघु अभिलेख मिले हैं । स्टेडियम के साक्ष्य मिले हैं। Dholavira kis nadi ke kinare sthit hai

घोड़े की कलाकृतियों के साक्ष्य मिले हैं । पालिशदार श्वेत पाषाण खंड मिले हैं । मिट्टी सफेद है।  इसका उपयोग ये लोग संभवतः स्तंभों के रूप में करते होंगे । इससे पता चलता है की सैन्धववासी पालिश करने की कला से परिचित थे ।

सैन्धव लिपि के दस अक्षर मिले हैं जो विश्व की प्राचीन अक्षर माला का संकेत देते हैं यह एक अद्भुत खोज है। 

Dholaveera का समाधि क्षेत्र

धौलाबीरा से समाधि क्षेत्र के साक्ष्य नहीं मिला है । 

Dholaveera की मुहरें

यहाँ से प्राप्त मुहरों पर दाईं तरफ देखता एक सिंगी पशु और पशुओं के आगे नांद की आकृतियाँ बनी हैं । एक प्रसिद्ध रचना “सूक्ति वाक्य” यहीं से मिला है जो सैन्धव लिपि में लिखित है । 

Dholavira की लिपि कैसी थी?

यहाँ से दस अक्षर वाली लिपि मिली है जो विश्व की प्राचीन अक्षर माला में महत्वपूर्ण स्थान रखती है ।

Dholavira का पतन कैसे हुआ था?

धौलाबीरा चूंकि अन्य नगरों के समान नदी तट पर स्थित था अतः विद्वान इस नगर के पतन का कारण भी जलस्रोत के सुख जाने या नदियों के धारा में परिवर्तन के कारण हुआ होगा दूसरा हिमालय से निकलकर गुजरात के एरिया में बहने वाली सरस्वती नदी का लुप्त होना भी इसके पतन का कारण माना जाता है । Dholavira(Dholaveera) Dholavira kis nadi ke kinare sthit hai

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Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया धौलबविरा की क्या विशेषता है और क्यों प्रसिद्ध है। मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये।अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ  क्षमा  कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो  जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। 

आप लोगों को और अपना ज्ञानवर्धन करना चाहिए, अगर आप लोगों को लगता है की हमें और क्या पढ़ना चाहिए तो आप www.importantgyan.com के वेबसाईट पर नियमित विज़िट करके अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं । हमारे कुछ मीनू आप लोगों का राह देखते रहते हैं जैसे-Motivation, Health, sarkari Yojna आदि । आप इनका लाभ जरूर उठायें । आपका दिन शुभ हो!-Dholavira kis nadi ke kinare sthit hai-Dholavira kis nadi ke kinare sthit hai-Dholavira kis nadi ke kinare sthit hai-Dholavira kis nadi ke kinare sthit hai-Dholavira kis nadi ke kinare sthit hai-Dholavira kis nadi ke kinare sthit hai

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