जानें कुछ अछूते रहस्य ताजमहल के बारें में Taj mahal in Hindi?
“यह नेत्रों को संतुष्ट और हृदय को आनंदित करता है”
–वीपी सक्सेना
Important Gyan के इस सीरीज में आप सभी का स्वागत है । आज हम आप लोगों के लिए कुछ interesting टॉपिक लेकर आए हैं जिसका विषय है ताजमहल किसने बनवाया था? आज हम तजमहल के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे। बस आप हमारे साथ बने रहें । Taj mahal in Hindi
ताजमहल की निर्माण योजना शाहजहाँ द्वारा स्वयं बनाया था और इसके योजना के अनुसार ही कुशल कारीगरों ने इसको कार्यरूप में परिणति किया और इसको ‘ताजमहल’ का रूप दिया था । यह ताजमहल शाहजहाँ द्वारा निर्मित इमारतों में सबसे मुख्य और अलौकिक इमारत थी।
ताजमहल कब बना?
शाहजहां के समय में ताजमहल निर्माण कार्य 1632 ईस्वी में प्रारंभ हुआ था और 1654 में बनकर तैयार हुआ था । वैसे देखा जाए तो इसका निर्माण कार्य मुमताज महल की मृत्यु के पश्चात ही प्रारंभ हुआ था ।
ताजमहल किस नदी के किनारे पर स्थित है?
ताजमहल आगरा में यमुना नदी के किनारे पर स्थित है । यह उत्तर प्रदेश में स्थित है ।
ताजमहल किसकी याद(पुण्य तिथि) में बना था?
ताजमहल का निर्माण शाहजहां ने अपनी प्रियतमा अर्थात पत्नी आर्जूमंद बेगम जिसको ‘मुमताज महल’ के नाम से भी जाना जाता है के पुण्य तिथि में ही बनवाया था । इसका निर्माण कार्य इसके मरने के बाद ही शुरू हुआ था ईस्वी सं 1931 में ।
ताजमहल किस शैली पर बना है?
ताजमहल मुख्य रूप से भारतीय इस्लामी स्थापत्य कला शैली की चरम सीमा को प्रस्तुत करता है । इसमें काफी मिला जुला असर है जसे-इसका निर्माण दिल्ली में निर्मित हुमायूँ के मकबरे और खनेखाना के मकबरे की शैली के आदर्श पर हुआ था कुछ मायनों में अकबर के मकबरे के मकबरे का भी प्रभाव था ।
यह मुख्य रूप से हुमायूँ के मकबरे से प्रभावित है लेकिन इसकी चारदीवारी, मुख्य द्वार और उद्यान अकबर के मकबरे से लिया गया है । जिस सामग्री का प्रयोग किया गया है वो एतमाउददौला के मकबरे से लिया गया है ।
ताजमहल आर्जूबंद बानो बेगम की याद में बना था जिसमें कुल तीन करोड़ से ज्यादा ही खर्च हुआ था ।
ताजमहल का मुख्य डिजाइनर कौन था?
इस विषय पर विद्वानों मे मतभेद है । युरोपियन लेखक फादर मैनरिक ने अपनी यात्रा विवरण में यह उल्लेख किया है की इसका मुख्य डिजाइनर तख्ते ताऊस के निर्माण कर्ता ‘वेनिस निवासी जेरोनियों बेरॉनियों नामक कलाकार था ।लेकिन वास्तव में देखा जाए तो इसके प्रारूपकर्ता यानि की नक्शा नवीस उस्ताद मुहम्मद लाहौरी थे ।
प्रमुख कलाकार(मिस्त्री) आगरा के उस्ताद ईसा खान थे और सहायक कलाकार मुकार्रमत खान,मीर अब्दुल,करीम मोहम्मद हानिफ, अमानत खान, मोहम्मद खान,मोहम्मद शरीफ,इस्माइल खान,मोहम्मद काजीम, मोहन लाल और रायमल कश्मीरी थे। इन लोगों ने मिलकर योगदान दिया था ।
प्रमुख कलाकार | योगदान |
इस्माइल खान रूमी ने | गुंबद निर्माण का कार्य किया था |
अमानत खान ने | कुरान की आयतों की खुदाई की |
मोहन लाल ने | पच्चीकारी की |
रायमल कश्मीरी ने | तजमहल के बागों का निर्माण किया |
मोहम्मद शरीफ | तुगरा नवीसी में निपुण थे |
उस्ताद खान | अनुभवी नक्शानवीस थे |
ताजमहल किस आकार का है?
ताजमहल एक आयताकार इमारत है । यह 1200*100 फीट के प्रांगण में विशाल उद्यान के बीचोबीच मुख्य इमारत का चबूतरा है । यह चबूतरा मुख्य रूप से 22 फीट ऊंचा है । इस चबूतरे पर अष्टभुजाकार कक्ष के केंद्र में मुमताज महल की समाधि है ।
ताजमहल की कीमत कितनी है?
जैसा की सब जानते हैं की यह एक अमूल्य धरोहर है जिसका कोई मोल नहीं है । छोटी छोटी मूर्तियों की कीमत आंकना मुस्किल होता है तो फिर ताजमहल का मूल्य आंकना बहुत बुद्धिमानी नहीं है और आंकना भी मुस्किल है । इसको बनने में उस समय तीन करोड़ से ज्यादा लगा था जिसकी अब कीमत इस लिए नहीं आँका जा सकता है क्योंकि यह एक सातों आश्चर्यों में एक है और साथ ही सरकारी धरोहर भी ।
ताजमहल को बनने में कितना समय लगा था?
ताजमहल को बनने में लगभग 22 वर्ष लगे थे । इसको बनाने में 20 से 22 हजार के करीब मजदूर लगाए गए थे ।
ताजमहल की क्या विशेषता है?
ताजमहल सफेद संगमरमर का बना हुआ है । ताजमहल के दोनों ओर मस्जिदें बनी हैं जिनका निर्माण लाल पत्थरों द्वारा किया गया है । समाधि 22 फीट ऊंचा है । इसमें मुख्य रूप से दो समाधियाँ हैं एक मुमताज महल की और दूसरा शाहजहाँ की । इनको रंग बिरंगे पत्थरों से और फूल पत्तियों से सजाया गया है ।
ताजमहल के ऊपरी भाग पर एक सुंदर और सुडौल गुंबद है । इसके अन्य चारों कोनों पर एक एक मीनारें हैं । ये सभी मीनारें तीन मंजिलें हैं और प्रत्येक मीनार की ऊंचाई 137 फीट के लगभग है ।
इसके प्रवेश द्वार पर पवित्र कुरान की आयतें खुदी हुई हैं । इसके निर्माण कार्य में मकराना के संगमरमर(राजस्थान-जयपुर) का प्रयोग किया गया है । शाहजहाँ ने कुछ पत्थर ईरान से भी मंगाया था । यह पत्थर रंग भी बदलता है । ⇐”शंगमरमर में शोकगीत”
इसकी विशेषता के बारे में पर्सीब्रॉउन ने लिखा है “दिन की प्रत्येक घड़ी तथा प्रत्येक आकाशीय परिवर्तन के लिए ताज के अपने अलग अलग रंग हैं। प्रातः काल उषा की बेला का रंग, दोपहर की चकाचौंध कर देने वाली सफेदी तथा चाँदनी में शीतल सौन्दर्य जब इसका गुंबद वायु की भांति हल्के वस्तु की भांति तारों के मध्य एक बड़े मोती की तरह लटकता रहता है ।”
ताजमहल के नीचे जाने पर पाबंदी क्यों है?
शोध कर्ताओं का मानना है की ताजमहल के नीचे हजार से भी ज्यादा कमरे हैं ।इस पर पाबंदी क्यों है यह एक आज तक रहस्य बना हुआ है जिसके पीछे कोई ठोस प्रमाण नहीं है सिर्फ एक अनुमान है, हालांकि शोध जारी है जिसके परिणाम भविष्य में जरूर साबित होंगे । इसके कुछ कारण हैं जिसमें केवल संभावना ही है ।
- हालांकि बाहर निकलने के लिए रास्ते जरूर बने थे लेकिन एक रहस्यमई तहखानों की तरह उसको शाहजहाँ ने बंद करवा दिया होगा ।
- कुछ लोग मानते हैं की मुमताज की कब्र है लेकिन इसके पीछे कोई ठोस प्रमाण का अभाव है ।
- इन तहखानों के पीछे कुछ कीमती खजाने भी हो सकते हैं ।
- लेकिन इतना तो पक्का है की कुछ तो रहस्यमई बात है जिसके चलते इसको बंद किया गया है ।
तजमहल को तेजो महालय क्यों कहा जाता है?
लेखक पुरषोत्तम ओके का कहना है की इस जगह पर पहले एक शिव मंदिर था । इसको तेजो महालय कहा जाता है । बाद में इसके ऊपर ताजमहल का निर्माण किया गया ।
ताजमहल की गिनती दुनियाँ के सात अजूबों में क्यों की जाती है?
ताजमहल शाहजहाँ द्वारा निर्मित इमारतों में सबसे मुख्य इमारत है जो अलौकिक और बहुत ही खूबसूरत है । यह वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है जिसमें भारतीय और इस्लामी, तुर्की और फारसी सभी शैलियों का अनुपम संगम देखने को मिलता है । इसकी प्रेणना स्रोत हुमायूँ का मकबरा,अकबर का मकबरा, खनेखाना का मकबरा एतमाददौला का मकबरा है ।
इसकी अनुपम कृति की वजह से ही यूनेस्को ने 1983 में विश्वधरोहर के रूप में स्वीकार किया । इसको भारत की इस्लाम कला का रत्न भी घोषित किया गया है । दुनियाँ भर के पर्यटकों का यह एक आकर्षण केंद्र है ।
इसके निर्माण में 22 साल लगे थे, लगभग 22 हजार मजदूरों ने इसको बनाने में अपना योगदान दिया था । लगभग 28 प्रकार के रत्न श्रीलंका देश और भारत के विभिनने देशों से मंगाया गया था ।
वी पी सक्सेना ने यह कहा की ” यह नेत्रों को संतुष्ट और हृदय को आनंदित करता है”
पर्सीब्रॉउन ने कहा की “यह मुगल भवन कला का विधिवत विकसित रूप है जो परंपरा के अनुसार है और बाह्य प्रभाव से पूर्ण रुपेंण मुक्त है ।
ताजमहल के खुलने का समय क्या है?
ताजमहल आम दिनों में देखा जाए तो सूर्योदय के ठीक तीस मिनट बाद खुलता है और सूर्यास्त के तीस मिनट पहले बंद हो जाता है ।
ताजमहल देखने के लिए कितना टिकट लगता है?
इसके गुंबद तक घूमने के लिए 250 रुपये आम पर्यटक को देने पड़ते हैं और विदेशी पर्यटक को 1300 रुपये देने पड़ते हैं ।
ताजमहल के अंदर क्या है?
ताजमहल के अंदर जितने भी फव्वारे लगे हुए हैं वो सभी एक ही साथ काम करते हैं और इसमें लगा हुआ सभी फव्वारा किसी पाइप से जुड़ा नहीं है । हर फव्वारे के नीचे चांदी का टैंक लगा है जो एक ही समय पर एक ही साथ भरता है और जब इस पर दबाव पड़ता है तो फव्वारा चलने लगता है ।
कुछ ज्ञानवर्धक टोपिक आपके लिए यहाँ पर भी है ।
Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि Taj mahal किसने बनवाया था और उसकी अन्य क्या विशेषता है। मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये।अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे।
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