Champaran satyagraha in Hindi:साथियों आज हम चर्चा करेंगे चम्पारण सत्याग्रह क्या था? चम्पारण आंदोलन की शुरुवात कब हुई थी? चम्पारण में गांधी ने किसानों को क्या प्रेरणा दी? भारत में गांधी जी ने पहला सत्याग्रह का प्रयोग कहाँ किया? महात्मा गांधी ने सबसे पहला आंदोलन कौन सा किया था? चम्पारण में जबरदस्ती नील की खेती क्या कहलाती थी? चम्पारण आंदोलन के खिलाफ कौन था? चम्पारण सत्याग्रह का निबंध किस राज्य से है? चम्पारण कृषि जांच समिति के सदस्य कौन थे और चम्पारण आंदोलन के क्या कारण थे?
Champaran satyagraha UPSC
चंपारण सत्याग्रह से प्रत्येक वर्ष चंपारण सत्याग्रह से प्रश्न आते ही रहते हैं । कभी मुख्य परीक्षा में तो कभी प्रारम्भिक परीक्षा में । वैसे आईएएस,पीसीएस, एसएससी आदि परीक्षाओं में भी इससे प्रश्न आते रहते हैं । अतः इसका आप नियमित अभ्यास करें ।
Champaran satyagraha क्या था?
आपको बताते चलें की चंपारण आंदोलन एक किसान आंदोलन था । गांधी जी के नेतृत्व में बिहार के चम्पारण जिले में एक सत्याग्रह का प्रयोग किया गया इसी लिए इसको चम्पारण सत्याग्रह कहते हैं ।
चम्पारण किस राज्य में है?
Champaran satyagraha:चम्पारण बिहार प्रांत का एक जिला था लेकिन वर्तमान में यह पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चम्पारण नामक दो जिलों के नाम से जाना जाता है । यह जिला भारत और नेपाल से सटा हुआ है । स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान यह जिला बहुत ज्यादा सक्रिय था । इस जिले की प्रसिद्धि का प्रथम मुख्य करण था गांधी जी द्वारा चलाया गया प्रथम सत्याग्रह ।
चम्पारण आंदोलन की शुरुवात कब हुई थी?
चम्पारण किसान आंदोलन अप्रैल 1917 में हुआ था ।
चम्पारण में जबरदस्ती नील की खेती क्या कहलाती थी?
गोरे बागान मालिकों ने किसानों से एक करारनामा करा लिया था । इस अनुबंध के तहत किसानों को अपनी जमीन के 3/20 वें भाग में नील की खेती करना अनिवार्य था । इसी को तीन कठिया पद्धति कहा जाता है ।
Champaran satyagraha-नील की खेती क्या था?
Champaran satyagraha in Hindi:19वीं शदी के अंत में देखा जाए तो नील को बाजार से बाहर करने में जर्मनी के रासायनिक रंगों अर्थात डाई का मुख्य हाथ था । अतः चम्पारण के बागान मालिक नील की खेती बंद करने के लिए मजबूर थे और इधर किसान भी नील की खेती से छुटकारा पाना चाहते थे । लेकिन इन दोनों में सबसे बड़ी समस्या आई अनुबंध या करारनामा । इस अनुबंध का बागान मालिकों ने खूब फायदा उठाया और किसानों से मनमाने ढंग से लगान वसूलने पर आतुर हो गए । अब पूरा लूट का कारोबार चलने लगा ।
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1917 में गांधी जी किस के अनुरोध पर चंपारण गए थे?
इस अस्त व्यस्त जीवन को देखते हुए 1917 ईस्वी में चम्पारण के राजकुमार शुक्ल ने गांधी जी को चम्पारण बुलाने का निश्चय किया । बहुत अनुनए-विनय करने के बाद गांधी जी चंपारण पहुंचे।
Champaran satyagraha का मुख्य कारण क्या था?
चूंकि नील की खेती के प्रति किसानों के दिलों में एक कहीं न कहीं असंतुष्टि बरकरार थी । जर्मनी की डाई ने तो नील की खेती को मार्केट से एकदम बाहर कर दिया था जिससे बागान मालिक तो नील की खेती की उपेक्षा करने ही लगे थे साथ ही किसान भी कमर कस लिए की हमें अब नील की खेती नहीं करना है । लेकिन पूर्व में हुए इन दोनों के बीच अनुबंध ने किसानों के प्रति शोषण को जन्म दिया । अब बागान मालिकों ने लूट का बाजार खोल दिया ।
Champaran satyagraha: जब गांधी जी चंपारण पहुंचे वहाँ के नियुक्त कमिश्नर ने उन्हें वहाँ से चले जाने को कहा। लेकिन गांधी जी ने अपने विवेक का प्रयोग करते हुए उसके इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया और हर तरह के दंड को भुगतने के राजी हो गए । आपको बता दें की हर व्यक्ति के लिए यह एक नई पहल थी ।
किसी भी अनुचित आदेश की अवज्ञा तथा उसका शांतिपूर्ण ढंग से विरोध । चूंकि सरकार भी इस तरह के प्रतिरोध से अनजान थी और वह गांधी जी को भी विद्रोही नहीं समझती थी इसके साथ ही सरकार किसी भी प्रकार से पंगा नहीं लेना चाहती थी । इस लिए आगामी परिस्थितियों को भांपते हुए स्थानीय अधिकारियों को अपना आदेश वापस लेने के लिए कह दिया ।
Champaran satyagraha के प्रमुख नेता:
इस समय प्रमुख नेता थे-बृज किशोर, राजेन्द्र प्रसाद, महादेव देसाई, नरहरी पारेख, जे बी कृपलानी और बिहार के प्रमुख बुद्धिजीवि वर्ग । ये लोग गांधी जी के साथ दौरा किया करते थे ।
भारत में गांधी जी ने पहला सत्याग्रह का प्रयोग कहाँ किया?
Champaran satyagraha: गांधी जी ने अफ्रीका दौरे के सत्याग्रही अनुभव को चम्पारण में ही लागू किया था । अतः हम कह सकते हैं की भारत में गांधी जी ने पहला सत्याग्रह का प्रयोग किया था ।
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FAQs- Champaran satyagraha UPSC
प्रश्न:-चम्पारण कृषि जांच समिति के अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर:-इस कृषि जांच समिति में गांधी जी तो थे ही साथ ही भारतीय सिविल सेवा के चार ब्रितानी अफसर एवं केन्द्रीय सूबों के कमिश्नर एफ जी अलाई को साथ मिलाया गया था ।
प्रश्न:-चंपारण एग्रेरियन बिल कब पारित हुआ?
उत्तर:-4 मार्च 1918 ईस्वी को गवर्नर जनरल ने चंपारण एग्रेरियन बिल पर साइन करके इस तीनकठिया पद्धति को खत्म कर दिए था ।
प्रश्न:-Champaran satyagraha का निबंध किस राज्य से है?
उत्तर:-Champaran satyagraha का निबंध बिहार राज्य से है ।
प्रश्न:-चम्पारण आंदोलन किस व्यवस्था के खिलाफ था?
उत्तर:-चंपारण आंदोलन मुख्य रूप से नील की खेती करने वाले किसानों के शोषण के खिलाफ था ।
Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि चम्पारण सत्याग्रह क्या था? चम्पारण आंदोलन की शुरुवात कब हुई थी? चम्पारण में गांधी ने किसानों को क्या प्रेरणा दी? भारत में गांधी जी ने पहला सत्याग्रह का प्रयोग कहाँ किया? महात्मा गांधी ने सबसे पहला आंदोलन कौन सा किया था? Champaran satyagraha
मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये।अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। Champaran satyagraha
हमारे कुछ मीनू आप लोगों का राह देखते रहते हैं जैसे-Motivation, Health, sarkari Yojna आदि । आप इनका लाभ जरूर उठायें । आपका दिन शुभ हो! Champaran satyagraha