लोथल एक लघु हड़प्पा और लघु मोहनजोदड़ों नाम से प्रसिद्ध था Lothal Kahan Sthit hai
सैन्धव सभ्यता एक नगरीय और कांस्य युगीन सभ्यता थी
Important gyan के इस सीरीज में आज मैं आप लोगों के लिए एक बहुत ही interesting टॉपिक लेकर आया हूँ जिसका विषय है लोथल कहाँ स्थित है? क्या आप जानते हैं की लोथल क्या है । लोथल का क्या अर्थ है । किस नदी के किनारे अवस्थित है नाम बताइए । लोथल किस राज्य में स्थित है । लोथल कहाँ स्थित है । लोथल के खोजकर्ता कौन है । लोथल क्यों प्रसिद्ध है । लोथल को लघु हड़प्पा और लघु मोहनजोदड़ों किसने कहा है है । आदि बातों के बारे में चर्चा करेंगे । आप एक एक बिन्दुओ को ध्यान से पढ़ें ।
हमने आप लोगों के लिए कुछ प्रश्न उत्तर बनाया है । आप इस लेख को ध्यान से पढ़ें और अपने ज्ञान को परखने के लिए आप इग्ज़ैम जरूर दें । आपकी तैयारी कितनी हुई है और कितनी बाकी इसको परखें । अगर कोई सुझाव हो तो वो भी जरूर दें । हम आप लोगों के लिए ऐसे प्रश्न पत्र लेकर आएंगे। आप नियमित अभ्यास करें ।
लोथल कहाँ स्थित था?
लोथल हड़प्पा सभ्यता का एक प्रमुख स्थल है जिसका अपना एक व्यापारिक महत्व है । यह अपने की विशेषताओ के लिए मशहूर है । लोथल मुख्य रूप से गुजरात राज्य के अहमदाबाद जिले के सरगवल नामक गाँव में स्थित है । Lothal Kahan Sthit hai
लोथल किस नदी के तट पर स्थित था?
लोथल का टीला भोगवा नदी के किनारे स्थित है । लोथल में ही भोगवा नदी का अस्तित्व है । यह सैन्धव सभ्यता का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है जो व्यापार के लिए मशहूर है । Lothal Kahan Sthit hai
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लोथल किन दो नदियों के मध्य स्थित था?
लोथल मुख्य रूप से साबरमती और भोगवा नदी के बीच में स्थित है । भोगवा नदी के से ही लोथल एक नहर द्वारा जुड़ा हुआ है ।
लोथल का उत्खनन किसने किया था?
1954 से 1962 के मध्य में रंगनाथ राव के निर्देशन में लोथल की खुदाई की गई थी । यहाँ पर दो मिल के घेरे में एक नगर का अवशेष मिल हुआ है और यह नगर दो भागों में विभाजित था-एक दुर्ग और दूसरा निचला नगर । इसकी सम्पूर्ण बस्ती एक ही रक्षा प्राचीर से घिरी है । Lothal Kahan Sthit hai
Mohan Jodaro Ki khoj Kisne kiya
लोथल के खोजकर्ता कौन है?
लोथल की खोज 1954 ईस्वी में एस आर राव ने किया था । इन्ही के निर्देशन में 1954 से 1962 के बीच में हुआ था ।
लोथल का क्या अर्थ है?
लोथल का अर्थ है मृतकों का स्थान। यहाँ से कम से कम 20 समाधियाँ मिली हुई हैं।
लघु हड़प्पा या लघु मोहनजोदड़ों किसको कहा जाता है?
जब एस आर राव ने लोथल की खुदाई की तो लोथल को लघु हड़प्पा या लघु मोहनजोदड़ों कहा । इसका विस्तार भी काफी मात्रा में है और एक व्यापारिक नगर भी है । लोथल में नालियों और नरमोखो की उत्तम प्रबंध था । यहाँ के निवासी भी स्वास्थ्य और सफाई पर विशेष ध्यान देते थे । ये सारी व्यवस्था हड़प्पा और मोहनजोदड़ों में भी देखने को मिलता है। इसी कारण इस स्थल के उत्खनन कर्ता एस आर राव ने इस स्थल को लघु हड़प्पा या लघु मोहनजोदड़ों कहा । Lothal Kahan Sthit hai
लोथलो को मुर्दों, प्रेतों और पिशाचों का नगर क्यों कहा जाता है?
लोथल में खुदाई के दौरान बीस समाधियाँ मिली हैं जिसमें से तीन युग्मित समाधियाँ हैं । इसमें से एक ही ताबूत में स्त्री और पुरुष दोनों का शव मिला है । इसमें से दो स्त्री की पहचान हो चुकी है । Lothal Kahan Sthit hai
एक ही रक्षा प्राचीर से घिरे हड़प्पा सभ्यता के दो स्थल कौन से हैं?
हड़प्पा सभ्यता के दो प्रमुख स्थल हैं जो एक ही रक्षा प्राचीर से घिरे हुए हैं -पहला लोथल और दूसरा सुरकोटदा ।
लोथल की युग्मित समाधियाँ किस दिशा में है?
लोथल से कुल बीस समाधियाँ मिली हैं इसीलिए इसको मुर्दों,प्रेतों और पिशाचों का नगर कहा जाता है। समाधियों का दिक स्थापन उत्तर-दक्षिण दिशा में है लेकिन एक समाधि में सिर पूरब में और पैर पश्चिम में है । Lothal Kahan Sthit hai
चावल के साक्ष्य कहाँ से मिलते हैं?
चावल और धान के साक्ष्य मुख्य रूप से लोथल से मिले हैं और धान की भूसी रंगपुर से मिला है ।
वृत या चतुर्भुजाकार अग्निकुंड के साक्ष्य कहाँ से मिलते हैं?
वृत या चतुर्भुजाकार अग्निकुंड के साक्ष्य लोथल और कालिबनगा से मिला है ।
मनके बनाने का कारखाना कहाँ से मिलता है?
आपको बता दें की लोथल से मनके बनाने का कारखाना मिला है ।
जहाजों का गोदीबाड़ा कहाँ से मिला है?
नगर क्षेत्र के पूरब में एक गोदी बाड़ा मिला है । इसी को राव साहब ने जहाजों का गोदीबाड़ा नाम दिया है । यह हड़प्पा सभ्यता का सबसे बड़ा स्मारक है। इसका आकार 218*36*3.30 मीटर है। यह बंदरगाह है जो नहर द्वारा भोगवा नदी से जोड़ा गया है । गोदी में पानी इसी के जरिए आता था । विश्व का ज्ञात प्राचीनतम गोदीबाड़ा लोथल का गोदीबाड़ा है । यहाँ पर मिश्र और मेसोपोतमिया से व्यापारी आते जाते थे ।
गोदी बाडा का निकास द्वार किस दिशा में खुलता था?
गोदी का निकास द्वार उत्तर दिशा में खुलता था । यह मुख्य रूप से 12 मीटर चौड़ा था । इसको नहर द्वारा भोगवा नदी से जोड़ा गया था और इसी दरवाजे से जहाज अंदर की ओर प्रवेश करते थे ।
पंचतंत्र की चालाक लोमड़ी और कौवे का चित्र कहाँ से मिलता है?
एक मुहर पर प्रसिद्ध कहानी पंचतंत्र की चालाक लोमड़ी और कौवे का चित्र सैन्धव सभ्यता के लोथल नामक स्थान से मिला है ।
लोथल की अन्य विशेषता क्या है?
- लोथल की सम्पूर्ण बस्ती एक ही रक्षा प्राचीर से घिरी है। और इसके भीतर कच्ची ईंटों से बने चबूतरों पर घर बनाए गए थे । घरों के निर्माण में कच्ची ईंटों का प्रयोग किया गया था । लेकिन कुछ विशिष्ट भवन पकी ईंटों के भी बने हुए थे ।
- नालियों और स्नानगृह के फर्श में पकी ईंटों का प्रयोग किया गया था । Lothal Kahan Sthit hai
फारस की खाड़ी प्रकार की मुहर कहाँ से मिली है?
फारस की खाड़ी प्रकार के एक मुहर खुदाई के दौरान लोथल से मिला है क्योंकि यह एक व्यापारिक नगर था जहां से व्यापार का कार्य संचालित होता था ।
लोथल से क्या क्या मिला है?
लोथल से मिलने वाले अवशेषों में धान, फारस की मुहर, घोड़े की लघु मृनमूर्ति, एक मृदभांड पर कुछ विशेष चित्र जैसे कौआ और लोमड़ी उकेरे गए हैं आदि मिलते हैं । इसकी साम्यता पंचतंत्र की लोमड़ी से है ।
लोथल का आकार कैसा था?
सम्पूर्ण बस्ती एक ही रक्षा प्राचीर से घिरा हुआ था । सबसे पहले 126*30 मीटर का नाली और स्नानगृह का साक्ष्य मिला है जो संभवतःशासक का आवास था । इसके नीचे एक अन्नागार मिला है । इन दोनों के बाद दुर्ग या गढ़ी था और उसके बाद एक व्यावसायिक भवन का साक्ष्य मिला है ।
व्यावसायिक भवन के बाद नगर का साक्ष्य मिला है जो चार सड़कों द्वारा विभाजित था जिसमें मुख्य रूप से उत्तर पूर्व में धान/चावल और बाजरे का अवशेष मिला है । इसके बगल में यानि की वृत या चतुर्भुजाकार अग्निकुंड के साक्ष्य मिले हैं ।
लोथल में खुदाई के दौरान बीस समाधियाँ मिली हैं जिसमें से तीन युग्मित समाधियाँ हैं । इसमें से एक ही ताबूत में स्त्री और पुरुष दोनों का शव मिला है । इसमें से दो स्त्री की पहचान हो चुकी है । Lothal Kahan Sthit hai
अब इन दोनों के नीचे यानि की दक्षिण की ओर छोटी बेलनाकार मुहरें,आटा पीसने का साक्ष्य, मनके बनाने के कारखाने,दो राक्षस के मुहँ वाली मुहरें और साथ ही गौरीला और बरसिंघा की मोहरें मिली हैं । नगर के उत्तर की ओर बाजार हुआ करता था ।
लोथल में खुदाई के दौरान बीस समाधियाँ मिली हैं जिसमें से तीन युग्मित समाधियाँ हैं । इसमें से एक ही ताबूत में स्त्री और पुरुष दोनों का शव मिला है । इसमें से दो स्त्री की पहचान हो चुकी है । Lothal Kahan Sthit hai
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लोथल में खुदाई के दौरान बीस समाधियाँ मिली हैं जिसमें से तीन युग्मित समाधियाँ हैं । इसमें से एक ही ताबूत में स्त्री और पुरुष दोनों का शव मिला है । इसमें से दो स्त्री की पहचान हो चुकी है । Lothal Kahan Sthit hai
लोथल में खुदाई के दौरान बीस समाधियाँ मिली हैं जिसमें से तीन युग्मित समाधियाँ हैं । इसमें से एक ही ताबूत में स्त्री और पुरुष दोनों का शव मिला है । इसमें से दो स्त्री की पहचान हो चुकी है । Lothal Kahan Sthit hai
मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये।अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। Lothal Kahan Sthit hai
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