झुगर झागर संस्कृति-Excavation at chanhudaro
नमस्कार साथियों!
Important Gyan के इस सीरीज में हम आप लोगों से सैन्धव सभ्यता के बारे में विस्तार से चर्चा कर रहे हैं । हमारा उद्देश्य आप लोगों के ज्ञान में वृद्धि करना है । इससे पहले के लेख में हमने आप लोगों को मोहेनजोदड़ों,सुरकोटदा, हड़प्पा और लोथल के बारे में काफी विस्तार से बताया है,अगर आप लोगों ने उसको अभी तक नहीं पढ़ा है तो जरूर पढ़ें, इसका लिंक हमने नीचे दे दिया है ।
आज हमारे लेख का विषय है चनहुदड़ों । चनहुदड़ों की खोज किसने किया, यह कहाँ स्थित है और इसकी क्या विशेषता है ।
Chanhudaro कहाँ स्थित है?
चनहुदड़ों पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है और यह मोहन जोदड़ों से 130 km दक्षिण पूर्व में है ।
Chanhudaro किस नदी के किनारे बसा है
चनहुदड़ों सिंध नदी के किनारे स्थित है ।
Chanhudaro की खोज किसने किया है?
चनहुदड़ों की खोज 1934 में एन जी मजूमदार ने किया था और 195 में मैके द्वारा इसका उत्खनन कार्य किया गया था
Chanhudaro के निचले स्तर से क्या मिला है?
चनहुदड़ों के निचले स्तर से सैन्धव संस्कृति के अवशेष मिले हैं।
Chanhudaro से मनका बनाने का कारखाना किसने खोजा है?
चनहुदड़ों से मनका बनाने का कारखाना मैके महोदय ने खोजा है । साथ ही इनको भट्ठी भी मिली है ।
Chanhudaro की झुगर झागर संस्कृति किस काल की समकालिक है?
चनहुदड़ों की झुगर झागर संस्कृति का संबंध ताम्र पाषाण काल से है । प्राक हड़प्पा संस्कृति को ही झुगर झागर संस्कृति कहा जाता है । Chanhudaro की नगर योजना कैसी थी?
- यहाँ की मुख्य सड़क की चौड़ाई 7.50 मीटर की थी ।
- मोहन जोदड़ों और हड़प्पा की भांति यहाँ भी मकान सड़क के दोनों किनारों पर बनाए गए थे ।
- यहाँ की मकान पकी ईंटों के बने थे और नालियाँ भी पकी ईंटों से ढकी हुई थीं ।
- मकानों में कमरे ,आँगन ,स्नानगृह और शौचालय की व्यवस्था थी।
- स्नानगृह और शौचालय की फर्श ईंटों की बनती थी।
Chanhudaro के औद्योगिक केंद्र में क्या काम होता था?
- चनहुदड़ों के औद्योगिक केंद्र में मणिकारी,मुहर बनाने और भार एवं माप के बटखरे बनाने का काम होता था ।
- आपको बता दें की से किलेबंदी के साक्ष्य नहीं मिलते हैं न ही दुर्ग से और न ही नगर से ।
- यह एक मात्र स्थान था सैन्धव सभ्यता का जहां से वक्राकर इंटे प्राप्त हुई हैं ।
Chanhudaro से प्राप्त प्रमुख अवशेष
यहाँ से हाथी,खिलौने,लिपीस्टीक और कुत्ते का बिल्ली द्वारा पीछा करने का साक्ष्य मिला है ।
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Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि चनहुदड़ों (Chanhudaro) कहाँ स्थित है और इसकी क्या विशेषता है । मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये।अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे।
आप लोगों को और अपना ज्ञानवर्धन करना चाहिए, अगर आप लोगों को लगता है की हमें और क्या पढ़ना चाहिए तो आप www.importantgyan.com के वेबसाईट पर नियमित विज़िट करके अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं । हमारे कुछ मीनू आप लोगों का राह देखते रहते हैं जैसे-Motivation, Health, sarkari Yojna आदि । आप इनका लाभ जरूर उठायें । आपका दिन शुभ हो!-e–excavation at chanhudaro-excavation at chanhudaro-excavation at chanhudaro-excavation at chanhudaro
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