Chausa ka yuddh kab hua-इस युद्ध में हुमायूँ की पराजय क्यों हुई?

Chausa ka yuddh-आज हम चौसा के युद्ध के बारे में विस्तार से बातें करेंगे । क्या आप जानते हैं की Chausa Battle क्या था, चौसा का मैदान कहा है? चौसा का युद्ध कब और किसके बीच हुआ? शेरशाह ने चौसा के युद्ध में किसे पराजित किया? आदि बातें

चौसा का मैदान कहा है?

आप लोगों को बताते चलें की बिहार में बक्सर के निकट और कर्मनाशा नदी के किनारे एक छोटा सा कस्बा है जहाँ पर २७ जून १५३९(1539) ईस्वी को प्रसिद्ध ऐतिहासिक युद्ध जो इतिहास में चौसा के युद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुआ था।

चौसा का युद्ध कब और किसके बीच हुआ?

Battle of Chausa मुग़ल सम्राट हुमायूँ & शेर शाह सूरी के बीच में हुआ था । इस युद्ध में शेरशाह सूरी की विजय हुई और हुमायूँ को अपनी जान बचाकर भागना पड़ा । २७ जून १५३९(1539) ईस्वी को प्रसिद्ध ऐतिहासिक युद्ध जो इतिहास में चौसा के युद्ध के नाम से प्रसिद्ध हुआ था।

Chausa ka yuddh

Chausa ka yuddh-जैसा की आप सभी जानते हैं की हुमायूँ का सेनापति हिंदुबेग थे । वह चाहते थे की हुमायूँ जौनपुर से अफगानों को खदेड़ दे जो गंगा के उत्तरी भाग पर पड़ता था । लेकिन हुमायूँ के लिए ये सब आसान लग रहा था उसने अफगानों के गतिविधियों पर ध्यान नहीं दिया ।

इधर शेरखान ने चालाकी से काम लेते हुए एक अफ़गान दूत भेजा और मुगलों की सैन्यव्यवस्था की कमजोरी और दुर्व्यवस्था को जान लिया । इस तरह शेरखान ने चालाकी से काम लेते हुए 1539 ईस्वी में अचानक रात में ही हमला बोल दिया ।

शेरशाह ने चौसा के युद्ध में किसे पराजित किया?

Chausa ka yuddh-इस तरह अफरातफरी में मुग़ल सैनिक भयभीत होकर छितिरबीतिर हो गए और गंगा में कूद गए । इसमें से बहुत सैनिक या तो डूब गए या फिर अफ़गान तीरों के शिकार हो गए । उधर हुमायूँ भी अपनी स्थिति कमजोर जानकर अपनी जान बचाने हेतु गंगा नदी में छलांग मार ही दिया ।

इसी समय एक भिश्ती ने हुमायूँ की जान बचाई । इसी से खुश होकर हुमायूँ ने उसे एक दिन की बादशाहत दिया था । इसने चमड़े के सिक्के जारी किया था । इस तरह शेरखान को विजयश्री प्राप्त हुआ ।

शेरशाह का राज्याभिषेक

शेरखान ने सर्वप्रथम अपना राज्याभिषेक करवाया था । इसके ऊपर बंगाल के राजाओं के छत्र उसके सिर के ऊपर लाया गया और शेरखान ने “शेरशाह आलम सुल्तान उल आदिल” की उपाधि धारण किया ।

Chausa ka yuddh-इसी के बाद शेरशाह ने अपने बेटे जलाल खान को बंगाल पर अधिकार करने के लिए भेजा जहां पर जहांगीर कुली की पराजय हुई और उसकी मृत्यु के बाद खिज्रखान बंगाल का हाकिम बना । बिहार में सुजात खान को शासन भर सौंपा गया । इस तरह लखनऊ और बनारस पर शेरशाह का अधिकार हो गया ।

जून 1539 में इनमें से किस स्थान पर हुमायूँ और शेरशाह सूरी के बीच एक ऐतिहासिक युद्ध लड़ा गया था?

यह प्रसिद्ध युद्ध चौसा नामक स्थान पर लड़ा गया था ।

Chausa ka yuddh

इस तरह देखा जाए तो चौसा का युद्ध हुमायूँ के लिए लाभदायक नहीं रहा । उसे पराजय का मुहँ देखना पड़ा ।

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प्रश्न:- चौसा का युद्ध कौन जीता था?

उत्तर:-आपको बता दें की २६ जून १५५९ को हुए चौसा के युद्ध में शेर शाह सूरी को विजय मिली थी।

प्रश्न:-चौसा का युद्ध कहाँ हुआ था?

उत्तर:-चौसा का युद्ध बिहार राज्य बक्सर जिले में पड़ता है।

प्रश्न:-चौसा के युद्ध से पहले कितने महीनों तक दोनों सेनाओं ने एक दूसरे के सामने डेरा डाला?

उत्तर:-दोनों सेनाएं तीन महीने तक डेरा डाला था।

Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि Chausa ka yuddh के लिए क्या पूरा विवरण है? मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये।

अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे।

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