कुतुबुद्दीन ऐबक चन्द्रमा का स्वामी Qutubuddin Aibak in Hindi भारत में तुर्की राज्य का प्रथम संस्थापक जानें ज्ञानवर्धक बातें

कुतुबुद्दीन ऐबक चन्द्रमा का स्वामी Qutubuddin Aibak in Hindi भारत में तुर्की राज्य का प्रथम संस्थापक जानें ज्ञानवर्धक बातें

Contents hide
28 कुतुबुद्दीन ऐबक का मूल्यांकन

“दानशील व्यक्ति को उसे अपने युग का एबक कहा जाता था” एबक ने अच्छे और महान कार्य किए –अबुल फजल

नमस्कार साथियों!

Important Gyan में आज हम दिल्ली सल्तनत की एक सीरीज शुरू कर रहे हैं जिसमें हम पुरा सल्तनत कवर करेंगे । आप लोग जरूर इसको पढ़ें जो परीक्षा उपयोगी तो होगा ही साथ ही आप लोगों का ज्ञान भी बढ़ेगा । Qutubuddin Aibak in Hindi

आज हम इस लेख में चर्चा करेंगे की कुतुबुद्दीन ऐबक कौन था । कुतुबुद्दीन ऐबक की उपाधि क्या थी । कुतुबुद्दीन एबक का क्या अर्थ है । कुतुबुद्दीन ऐबक के पिता का क्या नाम था । कुतुबुद्दीन ऐबक की पुत्री का नाम । कुतुबुद्दीन ऐबक की राजधानी । कुतुबुद्दीन ऐबक को पराजित करने वाली मेवाड़ की वीरांगना कौन थी । कुतुबुद्दीन ऐबक की उपलब्धियों का वर्णन । कुतुबुद्दीन ऐबक का मकबरा कहाँ है । कुतुबुद्दीन ऐबक का गुलाम कौन था । कुतुबुद्दीन ऐबक की मृत्यु कैसे हुई और कुतुबुद्दीन ऐबक का उत्तराधिकारी कौन था?

1206 से 1290 ईस्वी के बीच में देखा जाए तो दिल्ली सल्तनत पर गुलाम वंश के सुल्तानों ने राज किया था । ये सभी तुर्क थे लेकिन ये एक वंश के नहीं थे और न ही सुल्तान बनने के समय ये लोग गुलाम थे । अतः इनको ‘तुर्क सुल्तान या दिल्ली के मामलूक कहना सही रहेगा । यहाँ मामलूक का अर्थ है ‘वह गुलाम व्यक्ति जो मुख्य रूप से स्वतंत्र माता-पिता के संतान थे । Qutubuddin Aibak in Hindi

एबक ने कुतबी,इलतूतमिश ने शमशी,बलबन ने बलबनी राजवंश की स्थापना किया।

कुतुबुद्दीन ऐबक के पिता का क्या नाम था?

कुतुबुद्दीन ऐबक तुर्किस्तान का निवासी था । इसके माता पिता तुर्क थे । इस एरिया में दासों का खरीद फरोख्त होता था । इसी दास व्यापार का शिकार कुतुबुद्दीन ऐबक हुआ और उसको बेच दिया गया । फिर इसको निशापूर के व्यापारी फखरूद्दीन अब्दुल अजीज कुकी ने खरीदा । खरीद विक्री की क्रिया चलती रही और अंत में मुहम्मद गोरी ने इसको खरीद लिया ।

कुतुबुद्दीन एबक का क्या अर्थ है?

कुतुबुद्दीन एबक के नाम का अर्थ होता है “चंद्रमा का स्वामी” । अतः यह एक युनीक नाम था ।

कुतुबुद्दीन ऐबक के पुत्री का नाम क्या था?

कुतुबुद्दीन ऐबक के पुत्री का नाम “कुतुब बेगम” था ।

कुतुबुद्दीन एबक का नाम क्या था?

कुतुबुद्दीन एबक कई नामों से जाना जाता था । “Qutb al-Din Aybeg” “Qutbuddin Aibek और Kutb Al-Din aybak या सिर्फ Aibek । इन कई नामों से इंगित था ।

कुतुबुद्दीन एबक का समय काल(Period) क्या था?

कुतुबुद्दीन एबक ने लाहौर पर 1208 से 1210 के बीच में शासक के रूप में शासन किया था ।

कुतुबुद्दीन एबक कौन था?

कुतुबुद्दीन एबक ने कुत्बी वंश की स्थापना किया था । यह दिल्ली का पहला मुसलमान शासक था और भारत में तुर्की राज्य का संस्थापक भी यही था। यह एक तुर्क था और इसके माता पिता तुर्किस्तान जो आज कजकिस्तान में पड़ता है, के निवासी थे । Qutubuddin Aibak in Hindi

लेकिन समय का फेर देखें इसको बचपन में निशापुर के काजी फाखरूद्दीन अब्दुल अजीज कुकी ने एक दास के रूप में खरीदा था । लेकिन इसको मोहम्मद गोरी ने खरीद लिया । यह बहुत ही योग्य था और धीरे धीरे अमीर ए आखुर (अश्व शाला का अध्यक्ष)के पद पर पहुँच गया । यह एबक के जीवन का प्रथम पद था । Qutubuddin Aibak in Hindi

प्रोफेसर हाबीबल्लाह का कहना है की गोरी ने तराईंन के द्वितीय युद्ध के बाद भारतीय प्रदेशों का सूबेदार बनाया । इस प्रकार देखा जाए तो ये बहुत ही योग्य व्यक्ति था । Qutubuddin Aibak in Hindi

आपके जानकारी के लिए बता दें की एबक गद्दी पर बैठने के बाद ही दासता से मुक्त हुआ था । लेकिन बलबन और इलतूतमिश पहले ही हो गए थे । Qutubuddin Aibak in Hindi

कुतुबुद्दीन ऐबक का गुलाम कौन था?

कुतुबुद्दीन ऐबक का गुलाम इल्तुतमिश था। इल्तुतमिश इलबारी तुर्क था । इल्तुतमिश को गुलामों का गुलाम कहा जाता था । यह कुतुबुद्दीन ऐबक का गुलाम था ।

मोहम्मद गोरी के समय एबक के विजय अभियान

मोहम्मद गोरी के समय कुतुबुद्दीन एबक ने कई विजय अभियान में भाग लिया ।

  1. तराईंन के द्वितीय युद्ध में यह गोरी के साथ था ।
  2. गोरी के वापस जाने के बाद इसने अजमेर,मेरठ आदि विद्रोह को दबाया था । इसके बाद दिल्ली को अपने अधिकार में लिया।
  3. 1994 ईस्वी में कन्नौज के शासक जयचंद से चन्दावर नामक स्थान पर हुए युद्ध में गोरी के साथ था। आपको बता दें की जयचंद की आँख में अचूक निशाना एबक ने ही लगाया था ।
  4. 1203 ईस्वी में बुंदेलखंड के राजा परमर्दीदेव को परास्त करके कलिंजर, महोवा और खजुराहो पर अधिकार कर लिया कुतुबुद्दीन एबक ने ।
  5. कोल(अलीगढ़), बरन(बुलंदशहर),मेरठ आदि को कुतुबुद्दीन एबक ने ही जीता था ।

कुतुबुद्दीन एबक कब शासक बना?

कुतुबुद्दीन एबक जून 1206 ईस्वी में गोरी की अचानक मृत्यु होने के बाद ही लाहौर पहुंचकर शासन सत्ता अपने हाथ में लिया। एक शासक के रूप में इसने सुल्तान की उपाधि नहीं ग्रहण किया बल्कि मलिक, सिपहसल्हार जैसे पदवी से ही काम चलाया। ये सभी पदवी अपने स्वामी से प्राप्त किया । कुतुबुद्दीन एबक ने अपनी एक उपाधि ‘कुरानखान’ धारण किया था । Qutubuddin Aibak in Hindi

इसने न तो अपने नाम का खुतबा पढ़वाया और न सिक्के ढलवाए । गोरी के उत्तराधिकारी गायसुद्दीन ने इसको ‘सुल्तान’ स्वीकार कर लिया । एबक ने लाहौर को ही अपनी राजधानी बनाया था।

मोहम्मद गोरी के मृत्यु के बाद स्वतंत्र हुए शासक

गोर में-गायसुद्दीन महमूद गोरी

किरमान(गजनी) में – ताजुद्दीन यलदौज

मुल्तान और उच्छ- नसीरुद्दीन कूबाचा

दिल्ली में- कुतुबुद्दीन एबक

कुतुबुद्दीन एबक का सबसे भयानक शत्रु कौन था?

किरमान काताजुद्दीन यलदौज इसका सबसे परम शत्रु था ।

कुतुबुद्दीन एबक की मुख्य कठिनाइयाँ क्या थीं?

जब कुतुबुद्दीन एबक राजगद्दी पर बैठा तो उसके सामने बहुत सारी कठियानाइयाँ सामने थीं । इसकी कठियानाइयाँ भी दो तरह की थी- एक तो वाह्य और दूसरी आंतरिक ।

आंतरिक कठियानाइयाँ

एबक के सामने अपने संबंधियों और गोरी के अन्य दास के प्रति कुछ कठिनाई बनी हुई थी । गोरी के उत्तराधिकारी तजुद्दीन यलदौज और नसीरुद्दीन कूबाचा से भी समस्या थी । ये दोनों ही एबक के रिस्तेदार  प्रतिद्वंदी थे और ताजुद्दीन यलदौज तो इसका प्रबल शत्रु था । Qutubuddin Aibak in Hindi

गायसुद्दीन से ताजुद्दीन यलदौज ने गजनी हड़प लिया और कूबाचा ने पुरा सिंध हड़प लिया । लेकिन कूबाचा के साथ एबक ने अपनी बहिन का विवाह कार दिया जिसने दिल्ली पर एबक के अधिकार को मान लिया लेकिन यलदौज हमेशा खतरा बना रहा इसी लिए एबक कभी भी दिल्ली के सिंहासन पर नही बैठा और लाहौर में ही रहा ।

इसके अलावा एबक के सामने एक समस्या खवारिज्म के शाह के प्रति भी थी ।

वाह्य कठियानाइयाँ

भारत में तुर्की राज्य की स्थापना से राजपूत वर्ग के लिए एक बड़ी चुनौती थी जिससे बड़े पैमाने पर विद्रोह हुए। ये लोग तुर्की राज्य की स्थापना को सहज ही स्थापित नहीं होने देना चाह रहे थे ।  चंदेल त्रैलोक्यवर्मन ने कलिंजर को जीत लिया, उधर परिहारों ने ग्वालियर को जीत लिया और हरिश्चंद्र ने बदायूं और फरुखाबाद को जीत लिया। Qutubuddin Aibak in Hindi

मुस्लिम संस्कृति का केंद्र बिन्दु कौनसा स्थल था?

तुर्क राज्य की स्थापना से पहले ही बदायूं मुस्लिम संस्कृति का केंद्र बन चुका था ।

आपको बता दें की कुतुबुद्दीन एबक कभी भी राजपूतों को अपने वश में नहीं कर पाया था। अर्थात इनके विद्रोह को नहीं दबा पाया ।

 कुतुबुद्दीन एबक की गजनी पर 40 दिन की बादशाहत

 कुतुबुद्दीन एबक ने 40 दिन तक गजनी पर कब्जा किए रहा।  इसी लिए इसकी 40 दिन की गजनी पर बादशाहत कहा जाता है।

लेकिन यहाँ की जनता ने इसको हटा दिया और ताजुद्दीन यलदौज को पुनः जनता ने गजनी की गद्दी पर बैठा दिया।

कुतुबुद्दीन एबक का बंगाल पर अधिकार

एबक के एक सरदार कैमाज रूमी के निरंतर प्रयास से अलिमर्दान खान को बंगाल का सूबेदार बनाया जा सका । इस प्रकार बंगाल इसी के समय में दिल्ली सुल्तान के अधीन आ गया ।

कुतुबुद्दीन एबक की मृत्यु कैसे हुई?

कुतुबुद्दीन एबक एक पोलो यानि की चौगान नामक खेल खेलते हुए घोड़े से गिर गया और उसकी मृत्यु हो गई ।

कुतुबुद्दीन एबक की मृत्यु कहाँ हुई?

कुतुबुद्दीन एबक की मृत्यु लाहौर, पाकिस्तान में पोलो नामक खेल खेलते हुए घोड़े से गिरने से हुई थी ।

कुतुबुद्दीन एबक की कब्र कहाँ है?

कुतुबुद्दीन एबक की मृत्यु लाहौर में हुई थी अतः यहीं पर इसकी एक कब्र बना दिया गया और उसकी कब्र पर एक साधारण स्मारक ।

कुतुबुद्दीन एबक के सरंक्षण में प्रमुख विद्वान?

कुतुबुद्दीन एबक ने हसन निज़ामी और फाखारुद्दीन को अपना सरंक्षण दिया था। हसन निज़ामी ने ताज-उल-मासिर नामक पुस्तक लिखा जिसका अर्थ -कारनामों का ताज ।

कुतुबुद्दीन एबक को लाख बक्श क्यों कहा जाता है?

मिनहाज़ उद्दीन सिराज ने कहा है की कुतुबुद्दीन एबक एक उच्च भावनाओं वाला विशाल हृदयी,दानशील शासक था।  यह बहुत ज्यादा दान करता था इस लिए इसको अपने समय का लाखबक्श, लखता और हातिम यानि की असंभव कार्य करने वाला कहा जाता था । Qutubuddin Aibak in Hindi

कुतुबुद्दीन एबक को ‘हज़रत ए आला’ क्यों कहा जाता था?

जैसा की हसन निज़ामी ने कहा है की एबक अपने सम्पूर्ण प्रजा के बीच सामान्य न्याय के लिए प्रसिद्ध था और उनकी सुख समृद्धि के लिए सदैव प्रयत्नशील रहता था । इसी लिए यह हज़रत ए आला कहा जाता था ।  

कुतुबुद्दीन एबक की मुख्य उपलब्धि क्या थी?

  1. इसने भारत में तुर्की राज्य की स्थापना किया और लाहौर में शासन किया । इसने गुलाम वंश या मामलूक वंश की स्थापना किया था और इसको दिल्ली सल्तनत के रूप में प्रतिस्थित किया ।
  2. इसने  महरौली के पास दिल्ली का पहला नगर बसाया ।
  3. दिल्ली में पृथ्वीराज को पराजित किया और जैनमंदिर को तोड़वाया “कुव्वत-उल-इस्लाम” मस्जिद की स्थापना किया ।
  4. अजान के लिए कुतुबमिनार का निर्माण शुरू किया ।
  5. इस कुतुबमीनार का निर्माण सूफी संत ख्वाजा कुतुबुददीन बख्तियार काकी की पुण्यतिथि के स्मृति में किया था ।
  6. इसके समय में बंगाल दिल्ली सलनत का अंग बना ।

अढाई दिन का झोंपड़ा कहाँ स्थित है?

अजमेर में एक संस्कृत विश्वविद्यालय(इसको विग्रहराज ने निर्माण किया था) को तोड़वाकर ‘ढाई दिन का झोंपड़ा’ मस्जिद का निर्माण किया । इस ढाई दिन के झोंपड़े पर संस्कृत नाटक ‘हरिकेली’ के कुछ अंश हैं । यह राजस्थान के शहर अजमेर में है।

कुतुबुद्दीन ऐबक का उत्तराधिकारी कौन था?

कुतुबुद्दीन ऐबक का उत्तराधिकारी आरामशाह था । इसने मात्र 8 माह ही शासन किया था लेकिन इसको पराजित करके इलतूतमिश ने राजगद्दी हथिया लिया ।

कुतुबुद्दीन ऐबक का मूल्यांकन

एबक को भारत में तुर्की राज्य का संस्थापक माना गया है । इसका प्रमुख कारण है की उसने अल्प समय में गोरी से प्राप्त एक फौजी जागीर को राज्य का रूप दिया । उसने वाह्य और आंतरिक परेशानियों से सामना करके राज्य को सुरक्षा प्रदान किया अपने अल्प समय के राज्य काल में ।

गोरी के गुलामों में यह योग्यतम सिद्ध हुआ । इसके अंदर व्यावहारिक बुद्धि और कूटनीतिज्ञ विचार थे जो इसने प्रस्तुत किया था । यह एक कर्मठ सैनिक योग्य सेनापति भी था । गोरी के समय में भी इसने कई विजय किया था ।

जहां यह लाखों का दान करता था वहीं यह लाखों व्यक्तियों का रक्त भी बहाता था ।

प्रश्न:-कुतुबुद्दीन एबक ने किस वंश की स्थापना किया था?

उत्तर:-कुतुबुद्दीन एबक ने कुत्बी वंश की स्थापना किया था।

प्रश्न:-जयचंद की आँख में अचूक निशाना किसने लगाया था?

उत्तर:-जयचंद की आँख में अचूक निशाना कुतुबुद्दीन एबक ने लगाया था।

प्रश्न:-किसने कुतुबुद्दीन एबक को मलिक और वली अहमद की उपाधि प्रदान किया था?

उत्तर:-मुहम्मद गौरी ने कुतुबुद्दीन एबक को मलिक और वली अहमद की उपाधि प्रदान किया था?

प्रश्न:-कुतुबुद्दीन एबक की मुख्य विजय किस राज्य पर थी?

उत्तर:-कुतुबुद्दीन एबक की मुख्य विजय बुंदेलखंड पर थी ।

प्रश्न:-संस्कृत नाटक ‘हरिकेली’ के कुछ अंश कहाँ अंकित है?

उत्तर:-संस्कृत नाटक ‘हरिकेली’ के कुछ अंश अढ़ाई दिन के झोंपड़े पर अंकित है ।

प्रश्न:-दिल्ली का पहला नगर बसाया महरौली के पास किसने बसाया था?

उत्तर:-कुतुबुद्दीन एबक ने बसाया था।

प्रश्न:-कुतुबुद्दीन एबक को हज़रत-ए-आला किसने कहा है?

उत्तर:-कुतुबुद्दीन एबक को हज़रत-ए-आला हसन निज़ामी ने कहा था ।

प्रश्न:-कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद स्थित है?

उत्तर:-दिल्ली में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद स्थित है ।

प्रश्न:-कुतुबुद्दीन ऐबक का सेनापति कौन था?

उत्तर:-कुतुबुद्दीन ऐबक का सहायक सेनापति बख्तियार खिलजी था ।

प्रश्न:-कुतुबुद्दीन ऐबक का उत्तराधिकारी कौन था?

उत्तर:-कुतुबुद्दीन ऐबक का उत्तराधिकारी आराम शाह था ।

प्रश्न:-कुतुबुद्दीन ऐबक के संरक्षण में कौन विद्वान थे?

उत्तर:-हसन हसन निज़ामी और फक्र-ए-मुडब्बीर

प्रश्न:-कुतुबुद्दीन ऐबक की कब्र कहाँ है?

उत्तर:-कुतुबुद्दीन ऐबक की कब्र लाहौर में है ।

Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि कुतुबउद्दीन एबक कौन था और उसकी मुख्य उपलब्धि क्या थी उसने कौन कौन से कार्य कीये थे? Qutubuddin Aibak in Hindi

मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये।अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। Qutubuddin Aibak in Hindi

आप लोगों को और अपना ज्ञानवर्धन करना चाहिए, अगर आप लोगों को लगता है की हमें और क्या पढ़ना चाहिए तो आप www.importantgyan.com के वेबसाईट पर नियमित विज़िट करके अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं । Qutubuddin Aibak in Hindi

हमारे कुछ मीनू आप लोगों का राह देखते रहते हैं जैसे-Motivation, Health, sarkari Yojna आदि । आप इनका लाभ जरूर उठायें । आपका दिन शुभ हो! Qutubuddin Aibak in Hindi

Leave a Comment

error: Content is protected !!