प्रमुख बौद्ध संगीतियाँ Baudh Sangiti in Hindi
प्रथम बौद्ध संगीति
प्रथम बौद्ध संगीति राजगृह की सप्तपर्णी गुफा में हुआ था। इसमें 500 लोगों ने भाग लिया था और ये बुद्ध की मृत्यु के तुरंत बाद में आयोजित किया गया था । इस समय यहाँ के राजा अजातशत्रु थे और इस संगीति की अध्यक्षता महकससप ने किया था । इसमें बुद्ध के दोनों शिष्यों ने भाग लिया था । Baudh Sangiti
प्रथम बौद्ध |
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स्थान-राजगृह की सप्तपर्णी गुफा में |
समय-483 ईस्वी पूर्व |
राजा-अजातशत्रु |
अध्यक्ष-महाकश्यप |
सदस्य-इसमें 500 लोगों ने भाग लिया इसलिए इसको पंचशतिका भी कहा जाता है । |
बुद्ध के दोनों शिष्य थे-आनंद=ये धर्म संबंधी कार्य देख रहे थे और उपाली=संगठन संबंधी काम देख रहे थे । अर्थात ये दोनों धर्म और विनय के प्रतीक थे । |
बुद्ध की मृत्यु के तुरंत बाद आयोजित हुआ था । इसमें बुद्ध की शिक्षाओं को दो पिटकों में संकलित किया गया । विनय पिटक और सूत्त पिटक |
सूत्तपिटक-बुद्ध के उपदेश |
विनय पिटक-भिक्षुओ और संघ संबंधी नियम । ये दोनों ही पाली भाषा में है। |
द्वितीय बौद्ध संगीति
इस संगीति का आयोजन बुद्ध की मृत्यु के 100 साल बाद हुआ था और यह संगीति बैशाली में आयोजित की गई थी । इस समय राजा थे कालाशोक । यहाँ अवन्ती के भिक्षु को अवन्ती पुत्र और वैशाली के भिक्षु को वज्जीपुत्र कहते थे। इन दोनों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया। Baudh Sangiti
इन दोनों में विनय आचरण को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ था। इन दोनों ने अलग अलग संगीति बुलाई। इसमें बज़्जिपुत्र की संगीति को अध्यक्षता महाकश्यप ने किया था, ये लोग परिवर्तन के साथ विनय के नियम स्वीकार किए थे इनको महासंघिक या सर्वसतिवाद कहा जाता था और अवन्तीपुत्र की संगीति की अध्यक्षता महाकच्चायन ने किया था जो परंपरागत नियमों में आस्था रखते थे और इनको स्थविर या थेरवादी बोला जाता था । Baudh Sangiti
द्वितीय बौद्ध संगीति |
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स्थान-वैशाली में |
समय-383 ईस्वी पूर्व |
राजा-कालाशोक |
अध्यक्ष-सर्वकामी |
विशेष बातें-इन दोनों संगीतियों के विषय में जानकारी हमें चुल्लवग्ग, दीपवंश और महावंश से मिलता है। |
मुख्य उद्येश्य:- इस संगीति में अनुशासन की बात को लेकर मतभेद के समाधान हेतु बौद्ध धर्म स्थापित और महासंघीक दो भागों में बंट गया |
तृतीय बौद्ध संगीति
इस संगीति के बारे में जानकारी दीपवंश और महावंश से मिलता है। आपको बता दें की कथावथु से संस्कृत भाषा की शुरुवात हुई थी । इस संगीति में थेरवादियों(परंपरावादियों) का बोलबोला था । Baudh Sangiti
तृतीय बौद्ध संगीति |
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स्थान-पाटलीपुत्र |
समय-251 ईस्वी पूर्व |
राजा-अशोक |
अध्यक्ष-मोगालीपुत्र तिश्य |
विशेष बातें-इस संगीति में एक और पिटक ‘अभिधम्म पिटक’ लिखा गया । इस पिटक में एक अध्याय ‘कथावथु है जो मोगालीपुत्र तिश्या ने लिखा था। इस संघभेद के विरुद्ध कठोर नियम का प्रतिपादन किया गया । धर्म ग्रंथों का अंतिम रूप से सम्पादन किया गया । |
चतुर्थ बौद्ध संगीति
आपको बता दें की इस संगीति में बौद्ध पिटकों के कठिन अंशों पर वसुमित्र द्वारा भाष्य लिखा गया था जिसका नाम विभाषशास्त्र है । अश्वघोष मगध के रहने वाले थे । पारथियन(ईरानी) राजकुमार लोकोट्टम ने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था । Baudh Sangiti
कनिष्क के शासन काल में दो विद्वान धर्म रत्न और कश्यप मातंग को चीन में बौद्ध धर्म के प्रचार में भेजा गया था। ये पहली बार चीन जाने वाले यात्री थे । इस संगीति में बौद्ध धर्म दो भागों में बंट गया-प्रथम हीनयान और दूसरा महायान। हीनयान अर्थात निकृष्ट मार्ग और दूसरा महायान अर्थात उत्कृष्ट मार्ग ।
चतुर्थ बौद्ध संगीति |
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स्थान-कश्मीर का कुंडलवन |
समय-प्रथम शताब्दी इस्वी |
राजा-कनिष्क |
अध्यक्ष-वसुमित्र |
उपाध्यक्ष-अश्वघोष विशेष बातें-इस संगीति को कनिष्क के पुत्र पार्श्व के कहने पर आयोजित किया गया था । |
विशेष बातें:- बौद्ध धर्म का दो संप्रदायों हीनयान और महायान में विभाजन |
पंचम बौद्ध संगीति
पंचम बौद्ध संगीति |
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स्थान-कन्नौज |
राजा-हर्ष |
अध्यक्ष-हुएनसांग |
प्रश्न:-सर्वकामी किस बौद्ध संगीति की अध्यक्षता किए थे?
उत्तर:-द्वितीय बौद्ध संगीति की ।
प्रश्न:-कथावथु की रचना किस संगीति में की गई थी?
उत्तर:-तृतीय बौद्ध संगीति में ।
प्रश्न:-संस्कृत भाषा की शुरुवात हुई थी?
उत्तर:-कथावथु से ।
प्रश्न:-विभाषशास्त्र की रचना की गई थी?
उत्तर:-चतुर्थ बौद्ध संगीति में
प्रश्न:-कन्नौज में किस संगीति का आयोजन हुआ था?
उत्तर:-पंचम बौद्ध संगीति की
प्रश्न:-राजा अशोक के समय किस संगीति का आयोजन हुआ था?
उत्तर:-तृतीय बौद्ध संगीति का।
प्रश्न:-तृतीय बौद्ध संगीति की जानकारी मिलती है?
उत्तर:-दीपवंश और महावंश से ।
प्रश्न:-किसके शासन काल में दो विद्वान धर्म रत्न और कश्यप मातंग को चीन में बौद्ध धर्म के प्रचार हेतु भेजा गया था?
उत्तर:-कनिष्क के शासन काल में।
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Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि बौद्ध संगीति क्या है और कब कब बौद्ध संगीति हुई थी और क्या विशेष बातें की गई थीं? Baudh Sangiti
मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये।अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा Baudh Sangiti
और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। Baudh Sangiti
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