बहरामशाह के शासन काल में पहली बार माँगोलों ने भारतीय प्रदेश का अतिक्रमण किया और नायब-ए-मुमालिकात का पद बना –Bahram shah in Hindi
मुईजुददीन बहराम शाह 1240-1242
नमस्कार साथियों!
Important Gyan के इस सीरीज में आप सभी का स्वागत है। आज हम बातें करेंगे दिल्ली सल्तनत के शासक और रजिया का उत्तराधिकारी बहरामशाह के बारे में कुछ रोचक जानकारियाँ। ये आप लोगों के लिए ज्ञानवर्धक तो होगा ही साथ ही परीक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होगा । Bahram shah in Hindi
बहराम शाह कौन था?
बहरामशाह इल्तुतमीश के तीसरे नंबर का पुत्र था । तुर्क अमीरों ने रजिया को राजपद से हटाकर बहरामशाह को राजगद्दी देकर अपना स्वार्थ तो सिद्ध कर ही लिया । Bahram shah in Hindi
सुल्तान और गुलाम अमीर सरदार के बीच शक्ति के लिए चल रहे संघर्ष में गुलाम सरदार के गुट को ही सफलता मिली । ये तुर्क सरदार अब काफी शक्तिशाली हो चुके थे । Bahram shah in Hindi
इन तुर्क सरदारों ने रजिया के सुल्तान बनने से एक सबक तो ले ही लिया था की कुछ भी हो जाए सत्ता की पूर्ण शक्ति सुल्तान को नहीं देना है । बस इसी सिद्धांत पर ये लोग चलना शुरू कर दिए।
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नायब-ए-मुमालिकात या नायब के पद का सृजन
रजिया के एकछत्र राज से सबक सीखे तुर्क अमीर अब पूरी तरह से जागरूक हो चुके थे। सुल्तान के पद को कमजोर करने हेतु उनके दिमाग में एक नए पद सृजन का विचार पनप गया। इसलिए उन्होंने एक ‘नायब अर्थात नायब ए मुमालिकत का पद बनाया। Bahram shah in Hindi
इस नए पद के पास शक्ति भंडार करते हुए सुल्तान के समस्त शक्तियों को इस अधिकारी के पद में समाहित कर दिया। अर्थात दे दिया।
नायब-ए-मुमालिकात या नायब का पद किसको दिया गया था?
इस पद पर सबसे पहले रजिया के खिलाफ षड्यन्त्र करने वाले नेता इख्तियारूद्दीन एतगिन को बैठाया गया।
लेकिन एक प्रतिष्ठित सुल्तान के लिए इस पद को लंबे समय तक बनाए रखना आसान नहीं था क्योंकि ये तुर्क अमीर सुल्तान को खा जाते। बहरामशाह ने तुरंत इस समस्या को भांप लिया। लेकिन सुल्तान को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा।
चूंकि बहरामशाह इन तुर्क अमीर वर्ग के साथ चंद समझौतों के साथ ही बैठा था की मैं सुल्तान पद की शक्ति इस नायब पद को सौंप दूंगा। बहरामशाह पंप एण्ड शो में विश्वास नहीं करता था। यह रक्त बहाने वाला शासक था। उसके अंदर की आत्मा देश के प्रति जागरूक हो रही थी । Bahram shah in Hindi
बहरामशाह ने मात्र दो माह के भीतर ही तुर्क अमीर वर्ग के विश्वास को ठेस पहुंचाना चाहा की वे लोग मुझे शासक बनाकर कितनी बड़ी गलती किए हैं । अब बहरामशाह सक्रिय हो गया।
इख्तियारूद्दीन एतगिन का वध किसने किया?
इसने एतगिन को नायब का पद देना स्वीकार तो कर लिया लेकिन वजीर का पद मुहाजूबउद्दीन के पास ही छोड़ दिया। लेकिन एतगिन अपना दूसरा रूप देखाते हुए महल के सामने नौबत रखना और हाथी रखना शुरू कर दिया जिससे देख बहरामशाह परेशान होगया। इसका कारण यह था की ये सब एक्टिविटी एक सुल्तान के हक में आता था। Bahram shah in Hindi
अब बहरामशाह की परेशानियाँ दिन पर दिन बढ़ने लगी । बहरामशाह परेशान होकर एतगिन को दफ्तर में ही मरवा दिया। अब माहौल गर्मजोशी का बन गया। इस युग में एक तुर्क सरदार का वध करना एक विकट माहौल को पैदा करने वाला था। लेकिन तुर्कसरदार भी आपसी फुट की वजह से सुल्तान के खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रहे थे ।
इधर एतगिन का वध कर देने से बहरामशाह को प्रत्यक्ष लाभ नहीं हुआ अमीर ए हाज़िब बदरुद्दीन शंकर रूमी नायब के पद की सारी शक्तियां हड़प कर बैठ गया । अब षड्यंत्रों का माहौल चलता रहा । आपके जानकारी के लिए बता देने की बलबन को आगे बढ़ाने में अमीर ए हाज़िब बदरुद्दीन शंकर रूमी का ही हाथ था ।
बहराम शाह को किसने मारा था?
कुछ नाटकीय षड्यंत्रों का तानाबाना बुना गया। वजीर मुहाजबुद्दीन जो 1241 ईस्वी में हुए माँगोल आक्रमण(पंजाब से लाहौर तक) का सामना करने हेतु सेना लेकर गया था । इसने बीच में सेना को भड़का दिया की सुल्तान ने मुझे आप लोगों को रास्ते में ही खत्म करने का आदेश पारित किया है जो झूठा आदेश भी देखा दिया ।
अब सेना पूरी तहर भड़क चुकी थी और सुल्तान को पद से हटाने दिल्ली की ओर वापस चल दी । मई 1242 ईस्वी में बहरामशाह का वध कर दिया गया।
तुर्क सरदार किशलू खान ने दिल्ली में पहले प्रवेश किया । यह खुद को सुल्तान घोषित किया लेकिन तुर्क अमीर इसको स्वीकार नहीं किए । अंत में फिरोजशाह के पुत्र अलाउद्दीन मसूदशाह को राजगद्दी मिली ।
इस घटनाक्रम से दो बातें तो स्पष्ट हो ही गया की सुल्तान की शक्ति नाममात्र की रह गई है । वह एक कठपुतली मात्र है और तुर्क अमीर शक्तिशाली है । लेकिन आपसी फुट की वजह से इन तुर्क अमीरों में से कोई भी सुल्तान नहीं बन सकता था ।
मँगोल आक्रमण
इस समय एक एतिहासिक घटना घटती है। इसके शासन काल में पहली बार माँगोलों ने अपने नेता बहादुर ताईर के नेत्रितत्व में भारतीय सीमा का अतिक्रमण करती हुई पंजाब पर आक्रमण किया था।
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Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि बहरामशाह कौन था और इसको तुर्क अमीरों ने मिलकर कैसे गद्दी से उतारा था। Bahram shah in Hindi
मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये।अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। Bahram shah in Hindi
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FAQs
प्रश्न:-रजिया का उत्तराधिकारी कौन था?
उत्तर:-रज़िया का उत्तराधिकारी बहरामशाह था।
प्रश्न:-बहरामशाह को राजगद्दी कौन दिलाया था?
उत्तर:- बहरामशाह को राजगद्दी तुर्क अमीरों ने मिलकर दिलाया था।
प्रश्न:-किस शासक के समय में नायब-ए-ममालिकात का पद बनाया गया था?
उत्तर:-बहरामशाह के समय में नायब-ए-ममालिकत का पद बनाया गया था ।
प्रश्न:- नायब-ए-ममालिकत का पद सबसे पहले किसको दिया गया था ।
उत्तर:- इस पद पर सबसे पहले इख्तियारूद्दीन एतगिन को बैठाया गया।
प्रश्न:-बलबन को आगे बढ़ाने में सबसे बडा हाथ किसका था?
उत्तर:- बलबन को आगे बढ़ाने में सबसे बडा हाथ बदरुद्दीन शंकर रूमी का था।
प्रश्न:-भारतीय सीमा को अतिक्रमण करते हुए माँगोल किसके शासन काल में पहुँच गए थे पहली बार?
उत्तर:- बहरामशाह के शासन काल में मँगोल भारतीय सीमा का अतिक्रमण करते हुए भारत पहुँच गए थे । ये लोग पंजाब तक बढ़ आए थे।
प्रश्न:-बहरामशाह की मृत्यु कैसे हुई थी?
उत्तर:- बहरामशाह को तुर्क अमीरों ने मारा था मुहाजबुद्दीन के भड़काने से।
प्रश्न:-बहरामशाह का उत्तराधिकारी कौन था?
उत्तर:- बहरामशाह का उत्तराधिकारी फिरोज का पुत्र अलाउद्दीन मसूदशाह बना।