बलबन फिल्मी सितारों की भांति स्वयं को और अपने दरबार को चकाचौंध रखता था Balban in Hindi

बलबन फिल्मी सितारों की भांति स्वयं को और अपने दरबार को चकाचौंध रखता था Balban in Hindi

गयासुद्दीन बलबन 1265-1287 ईस्वी

“उसने खुद को और अपने दरबार को फिल्मी सितारों की भांति चकाचौंध पूर्ण बनाए रखता था”-निज़ामी

 बरनी ने कहा है की यह मलिक से खाँन और खान से सुल्तान बन गया ।

फिल्मी सितारों की भांति खुद को और दरबार को सजा के रखने वाला बलबन ने एक नवीन ‘बलबनी वंश’ की स्थापना किया था। पिछले शमशी वंश से इसके रक्त के संबंध थे । मसूदशाह और महमूद दोनों ही इसके दामाद थे । महमूद के समय तो यह ‘नायब’ के पद पर आसीन था और अपने शक्ति विस्तार में लगा था । Balban in Hindi

बलबन का वास्तविक नाम क्या था?

बलबन का वास्तविक नाम बहाऊ-उद-दिन था । यह तुर्किस्तान का इलबारा तुर्क था । इसको बचपन में मँगोलों ने बंदी बनाकर बसरा(इराक) के ख्वाजा जलालउद्दीन बसरी के हाथों में बेच दिया था ।

बलबन का पदक्रम

सुल्तान पदक्रम
इलतूतमिश खासदार(व्यक्तिगत)
रज़िया अमीर-ए-शिकार
बहराम अमीर-ए-आखुर
अलाउद्दीन मसूदशाह हाँसी का इक्तेदार
नासिरुद्दीन महमूद नायब का पद

लेकिन इलतूतमिश ने इसको ग्वालियर अभियान के समय खरीदा था। और इससे प्रभावित होकर अपना खासदार रख दिया । बलबन को मंगोल भीरु भी कहा जाता था ।

आपको बता दें की अमीर-ए-हाज़िब मलिक बदरुद्दीन शंकर रूमी की बलबन पर विशेष कृपा रही । इसी के चलते बलबन को रेवाड़ी की जागीर मिली थी । इसके बाद इसकी योग्यता ने इसके जीवन में चार चाँद लगा दिया । धीरे धीरे प्रगति करता हुआ सुल्तान बन गया । Balban in Hindi

बलबन की प्रमुख कठिनाइयाँ

  • इसकीपहलीपरेशानी थी सुल्तान पद की प्रतिष्ठा जो की पूर्वर्ती गुलाम सुल्तानों के समय में दांव पर लगा था। सुल्तान पद का मलतब कुछ नहीं। इलतूतमिश के बाद तो इस पद की धज्जियां उड़ गई थी । लोगों के मन में इस पद के प्रति कोई भय नहीं था।   Balban in Hindi
  • इसकी दूसरी प्रमुख समस्या थी दिल्ली सल्तनत की सुरक्षा । चाहें वो मँगोलो के वाह्य आक्रमण की बात हो चाहें मेवातियों से राज्य की सुरक्षा की बात हो । इसके अलावा आंतरिक सूबों में विद्रोह की बात हो। बलबन अपने राज्य के इन अनैतिक परेशानियों के प्रति जागरूक रहने लगा।
  • इसकी तीसरी समस्या थे राजपूत-कमजोर शासकों के काल में ये राजपूत अपनी शक्तियों का विस्तार करने हेतु लगातार प्रयासरत रहते थे। Balban in Hindi

इन सभी से निपटना और राज्य की सुरक्षा करना बलबन का पहला कर्तव्य था । इसके लिए इसने ठोस कदम उठाना शुरू कर दिया। इसने राज्य विस्तार के स्थान पर अपने राज्य को मजबूत करना शुरू कर दिया ।

बलबन के प्रमुख कार्य

बलबन का राजत्व सिद्धांत

बादशाहत की पदोन्नति करना बलबन का प्रथम स्थान था । इसने अपने अधिकार को ईश्वर प्रदत्त बनाने का प्रयास किया । इसके राजत्व सिद्धांत में बातें मुख्य थीं- एक तो सुल्तान का पद ईश्वर के द्वारा प्रदान किया गया है और दूसरा सुल्तान का निरंकुश होना जरूरी है। Balban in Hindi

सुल्तान का पद नियाबत-ए-खुदाई है और जील्ले अल्लाह है। अर्थात ईश्वर का प्रतिनिधि है ।इस बात का उल्लेख बरनी कृत बसियत नामा में है।  सुल्तान पृथ्वी पर पैगंबर के बाद स्थान रखता है ।

इसने अपने को ईरानी शासक अफरासियाब के वंशज से जोड़ा और और राजत्व को प्रभावशाली बनाने हेतु फारस(ईरानी) नियमों के पालन पर जोर दिया।

सिजदा-झुकना(भूमि पर लेटकर अभिवादन करना)

पाइबोस-चूमना

तस्लीम-कृपापात्र नौकर अपने दाहिने हाथ के पश्च भाग को जमीन पर रख कर धीरे धीरे उठाता था और सीधे खड़े होने पर वह अपने हाथ की हथेली को अपने सिर के मध्य भाग पर रखता है ।

ये प्रथाएं सभी गैर इस्लामी मानी जाती थीं। इसने अपने पौत्रों का नाम कैकूवाद, कैखुसरो और कैकास रखा। मतलब हर तरह से जीवन को चकाचौंध भरा रखना चाहता था। कहीं कोई भी लेशमात्र की कमी न हो ।   Balban in Hindi

आपको बता दें की बलबन ने मध्य एशिया के 15 पदच्युत राजकुमारों को सरंक्षण दिया था।

तुर्कान-ए-चहलगानी का दमन(समाप्त किया)

बलबन ने चालीस गुट के सरदारों का दमन किया। इनका दमन करने हेतु बलबन ने निम्न कोटी के तुर्कों को महत्वपूर्ण पद प्रदान करके इस गुट के समकक्ष ला दिया और चालीस गुट का दमन कर दिया। Balban in Hindi

चूंकि बलबन इस गुट का सदस्य रह चुका था अतः इसकी कमी की बारीकियों को बलबन अच्छी तरह से जानता था की ये गुट किस तरह से सुल्तान के बनने और बिगड़ने में अपना इनका बहुत बड़ा हाथ होता था। Balban in Hindi

अतः बलबन ने चुन चुन कर सरदारों का दमन किया । इसने तो अपने भाई शेरखाँ को भी जहर देकर मार दिया। जैसा की बरनी ने कहा है । Balban in Hindi

सेना का गठन किया

एक राज्य को शक्तिशाली बनाने और आंतरिक तथा वाह्य आक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने हेतु बलबन ने इसकी महत्ता पर ध्यान दिया और सेना का गठन किया । Balban in Hindi

सैनिकों को नगद वेतन देने का प्रावधान किया साथ ही भूमि भी दी जाती थी। बलबन का सेनापति इमादुलमुल्क था। सेनामंत्री को दीवान-ए-अर्ज कहा जाता था। इसने बलबन के सैन्यविभाग को एक सही दिशा दिया तथा सफलतम बनाया। Balban in Hindi

बलबन ने दोआब की जमीन को सरकारी घोषित करने का एलान किया।

ख्वाजा नामक अधिकारी प्रांत के राजस्व संबंधि और इक्तेदारों को नियंत्रित करने के लिए नियुक्त किया।  इसको ‘साहीबंदीवान’ कहा जाता था ।

मेवातियों का दमन

दिल्ली के समीप बलबन ने गोपालगिरी नामक दुर्ग का निर्माण किया आपको बता दें की इसके लिए दिल्ली के आसपास के जंगल की सफाई की गई और और चारों दिशाओं में चार किलों का निर्माण करके इनके दमन के लिए अफ़गान सैनकों की नियुक्ति किया। Balban in Hindi

कटेहर में बलबन ने नृशंसता का व्यवहार किया था। इसने 9 साल के ऊपर के सभी व्यक्तियों को मरवा दिया।

बरनी ने कहा है की बलबन के मृत्यु के 60 बाद तक इन क्षेत्रों में लुटपाट का नाम भी नहीं सुनाई दिया।

बंगाल विजय

कुछ विकट समय के बाद 1279 ईस्वी में तुगरिल खाँ ने ‘सुल्तान मुगीसुद्दीन’ नाम से सत्ता अपने हाथ में लिया । बलबन के काल में सिर्फ इसी तुर्क का विद्रोह हुआ था। Balban in Hindi

यहाँ पर बलबन ने तुगरिल के समर्थकों की नृशंसह्तापूर्वक हत्या कर दिया। बर्नी ने कहा है की लखनौती के बाजार में दोनों ओर दो मील तख्ता ठुकवाकर इनकी हत्या कर दिया और अपने पुत्र बुगारा खाँ को यह दृश्य दिखाया की विद्रोही की कैसे हत्या कर दिया जाता है । Balban in Hindi

तुगरिल डर से जाजनगर भाग गया लेकिन वहाँ पर मलिक मुकद्दर ने तुगरिल का गर्दन तलब कर दिया ।

आपको बता दें की लखनौती को दिल्ली में ‘बलगापुर’ अर्थात ‘उत्पात नगर’ (The city of Rebellion) कहा जाता था ।

मँगोल आक्रमण

इसके समय में मँगोल नेता उतमर अर्थात तैमूर ने आक्रमण किया।  इस युद्ध में शहजादा मोहम्मद मारा गया । जब यह मरा तो इसको ‘खान-ए-खाना की उपाधि मिली। यह बलबन का उत्तराधिकारी भी था और अमीर खुशरव एवं अमीर हसन इसके संरक्षण में थे। अमीर हसन को भारत का शेख सादी भी कहा जाता था ।

अमीर खुसरव भाग कर दिल्ली आए और शहजादा मोहम्मद के मृत्यु के बाद ही ‘मर्सिया’ नामक ग्रंथ लिखा । यह एक शोकगीत था ।

फरीददुदिन गजशक्कर कौन था?

बलबन इससे बहुत ज्यादा प्रभावित था।  अपनी पुत्री हुजरा का विवाह बलबन ने इसके साथ किया था।

बलबन इनको बाबा फरीद बोलता था । सिक्खों के प्रसिद्ध ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में इनकी कविता संकलित है। इनको अजोघन के संत भी कहा जाता था।

मौलाना कमालउद्दीन जाहिद कौन थे?

ये निजामुद्दीन औलिया के गुरु थे।

इसके अलावा बलबन के काल से संबंधित विद्वान थे-

  • बदरुद्दीन बजारिया
  • बदरुद्दीन गजनवी
  • शेख मसूद
  • काजी कुतुबुद्दीन
  • मौलाना हमीमुद्दीन

बलंबन ने अपने वसीयत में शहजादा मोहम्मद के पुत्र कैखुशरो को गद्दी देने की बात कही थी । आपको बता दें की बलबन की मृत्यु के बाद इसका दरबार दो भागों में बंट गया ।

FAQs

प्रश्न:-उलुग खाँ(Ulugh khan) की उपाधि किसकी थी?

उत्तर:-नसीरुद्दीन महमूद ने बलबन को ‘उलुग़खान की उपाधि प्रदान किया था ।

प्रश्न:-बलबन ने दीवान-ए-आरिज नामक पद किसको दिया था?

उत्तर:-बलबन ने दीवान-ए-आरिज नामक पद इमादुलमुल्क को दिया था ।

प्रश्न:- बलबन ने मेवातियों के दमन हेतु किस दुर्ग का निर्माण किया था?

उत्तर:- बलबन ने मेवातियों के दमन हेतु गोपालगिरी नामक दुर्ग का निर्माण किया था ।

प्रश्न:-उत्पात नगर किसको कहा जाता था?

उत्तर:-लखनौती को दिल्ली में बलगापुर या उत्पात नगर कहा जाता था ।

प्रश्न:-नियाबते खुदाई या जील्ले अल्लाह का उल्लेख कहाँ पर हुआ है?

उत्तर:- नियाबते खुदाई या जील्ले अल्लाह का उल्लेख बरनी द्वारा कृत ‘बसियत नामा में हुआ है ।

प्रश्न:- बलबन बाबा फरीद किसको कहता था?

उत्तर:- फरीददुदिन गजशक्कर को कहता था ।

प्रश्न:- भारत में नवरोज का पर्व किसने शुरू किया था?

उत्तर:- भारत में नवरोज का पर्व बलबन ने शुरू किया था?

प्रश्न:-Blood and Iron का सिद्धांत किसने लागू किया?

उत्तर:- Blood and Iron का सिद्धांत बलबन ने लागू  किया था अपने राजत्व को मजबूत करने के लिए ।

प्रश्न:-सल्तनत काल में गैर मुस्लिम प्रथा किसने लागू किया था?

उत्तर:- सल्तनत काल में गैर मुस्लिम प्रथा बलबन ने लागू किया था । इसने ईरानी परंपरा जैसे सिजदा, पाइबोस और नवरोज शुरू किया था ।

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नसीरुद्दीन महमूद

Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि बलबन कौन था। मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये। Balban in Hindi

अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। Balban in Hindi

आप लोगों को और अपना ज्ञानवर्धन करना चाहिए, अगर आप लोगों को लगता है की हमें और क्या पढ़ना चाहिए तो आप www.importantgyan.com के वेबसाईट पर नियमित विज़िट करके अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं । Balban in Hindi

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