कुतुबुद्दीन मुबारकशाह खिलजी नग्न स्त्री पुरुषों की संगति पसंद सुल्तानQutbuddin Mubarak Shah

कुतुबुद्दीन मुबारकशाह खिलजी नग्न स्त्री पुरुषों की संगति पसंद सुल्तानQutbuddin Mubarak Shah

Qutbuddin Mubarak Shah 1316-1320

अल-वासिफ़-विल्लाह की उपाधि रखने वाला कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी जिसका पुरा शासन काल चार वर्ष चार माह का था । इसको सिर्फ नग्न स्त्री-पुरुषों की संगीति पसंद थी और स्त्रियों के कपड़े पहनकर दरबार में आना प्रारंभ कर दिया । लेकिन इसके शासन का आरंभ उदार नीतियों से आरंभ हुआ ।

अलाउद्दीन ने किसको अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था?

इधर अलाउद्दीन खिलजी की कमजोर स्थित का लाभ उठाने वाले मलिक काफ़ुर का प्रभाव अपने जोरों पर था । अलाउद्दीन खिलजी ने छः वर्षीय छोटे पुत्र शिहाबुद्दीन उमर को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था । लेकिन इस अल्प अवस्था वाले बालक का सरंक्षक मलिक काफ़ुर बना ।

यहाँ बरनी कहता है ही की “अलाउद्दीन अपने चाचा के प्रतिफल से बच न सका और भाग्य ने उसके रास्ते में मलिक काफ़ुर जैसा बैठा दिया जिसने उसके वंश का अंत कर दिया और उत्तराधिकारी बन बैठा। Qutbuddin Mubarak Shah

किसी अन्य इस्लामी देश में तकदीर का ऐसा तमाशा देखने को अनुपलब्ध है

मलिक काफ़ुर का 35 दिन का शासन

लेकिन मलिक काफ़ुर का ताज बहुत दिनों तक सुरक्षित नही रहा और मात्र 35 दिन के भीतर ही इसकी लीला समाप्त हो गई । सरदारों ने जेल में बंद मुबारक खाँ को निकालकर शिहाबुद्दीन का संरक्षक नियुक्त किया । Qutbuddin Mubarak Shah

कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी कब शासक बना?

लेकिन मुबारक खिलजी ने जल्द ही अपना पक्ष मजबूत कर लिया और शिहाबुद्दीन को कारागार में डाल दिया और दिल्ली की सत्ता अपने हाथ में ले लिया । यह 13 अप्रैल 1316 ईस्वी को गद्दी संभाल लिया ।

कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी का शासन उदारता के साथ आरंभ हुआ था । जिस दिन वह राजगद्दी संभाला उसी दिन उसने करीब 18 हजार कैदी कारागार से मुक्त कर दिया । इसने अलाउद्दीन के कठोर नियमों को भी समाप्त कर दिया।

बरनी कहता है की “राजसत्ता का भय अब लोगों के जेहन से हट गया । “

गुजरात में विद्रोह

अलाउद्दीन की मृत्यु के पश्चात यहाँ के सरदारों ने दिल्ली से अपना संबंध विच्छेद कर लिया था । यहाँ हुए विद्रोह को दबाने के लिए मुबारकशाह ने आइन-उल-मुल्तानी और गाजी तुगलक को नियुक्त किया ।

इन्होंने इस विद्रोह को दबा दिया।  मुबारकशाह ने यहाँ पर अपने श्वसुर जफर खाँ को हाकीम नियुक्त किया ।

देवगिरि में विद्रोह

जैसे ही मलिक काफ़ुर की मृत्यु हुई देवगिरि राज्य दिल्ली की अधीनता से मुक्त हो गया ।

इस समय यहाँ का शासक हरपाल देव थे । यहाँ के विद्रोह को दबाने के लिए मुबारकशाह अपने वजीर खुसरो खाँ के साथ खुद गया । एक छोटी झड़प के बाद हरपालदेव मारा गया ।

आपको बता दें की देवगिरि को पहली बार दिल्ली सल्तनत में शामिल कर लिया गया और मलिक यारकाली खाँ को सूबेदार बनाया गया ।

इस तरह देखा जाए तो इसके शासन काल में थोड़ी मोड़ी कुछ झड़पें हुईं और विद्रोह भी हुए जिसको दबा दिया गया ।

बरनी आगे लिखता है की मुबारकशाह खिलजी के चार वर्ष और चार माह का शासन काल संगीत, नृत्य,मदिरा सेवन,विषयवासना और उपहार बांटने में व्यतीत हुआ था ।

यह आगे लिखता है की “वह कभी कभी नग्न होकर अपने दरबारियों के बीच दौड़ा करता था । दरबार में स्त्रियों और चाटुकारों का प्रभाव बढ़ने लगा ।

मुबारकशाह खिलजी ने कूद को खलीफा, खलाफ़त-उल-लह घोषित किया था और इसने तो “अल-वासिफ़-विल्लाह अर्थात अल्लाह का खलीफा” धारण कर लिया ।

खुसरो(खुसरव खाँ) खाँ कौन था?

कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी की सबसे बड़ी कमजोरी यह थी की इसने बरबारी जाति(पहले हिन्दू) के हसन को खुसरो खाँ की उपाधि दे दिया और बाद में इसको वजीर बना दिया । Qutbuddin Mubarak Shah

इसके ऊपर मुबारकशाह खिलजी बहुत ज्यादा भरोसा करता था

कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी को किसने मारा?

चूंकिकुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी अपने वजीर खुसरव शाह पर हद से ज्यादा भरोसा करता था । इसने एक षड्यन्त्र करके सुल्तान को मारने को पुरा बंदोबस्त कर लिया । Qutbuddin Mubarak Shah

कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी का सिर धड़ से अलग जहारिया ने कर दिया यह एक बरवारी नायक था । इसने काजी जियाउद्दीन को भी मार डाला ।

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FAQ-Qutbuddin Mubarak Shah

प्रश्न:- कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी किसकी हत्या करके सुल्तान बना?

उत्तर:- मुबारक खिलजी ने अलाउद्दीन खिलजी के अल्पवयस्क पुत्र शिहाबुद्दीन को ग्वालियर के किले में कैद करा दिया और खुद सुल्तान बन गया ।

प्रश्न:-मलिक काफ़ुर ने कितने दिन तक शासन किया था?

उत्तर:-मलिक काफ़ुर का शासन काल मात्र 35 दिन का था ।

प्रश्न:-देवगिरि किसके शासन काल में दिल्ली सल्तन का अंग बना?

उत्तर:-मुबारक खिलजी के शासन काल में दिल्ली सल्तनत का अंग बना ।

प्रश्न:- कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी ने किसको वजीर का पद दिया था?

उत्तर:- कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी ने खुसरव खाँ को वरीर का पद दिया था ।

प्रश्न:- कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी का शासन काल कितने समय के लिए था?

उत्तर:- मुबारक शाह खिलजी का शासन काल मात्र 4 वर्ष और चार माह का था ।

प्रश्न:- कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी का उत्तराधिकारी कौन था?

उत्तर:- कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी का उत्तराधिकारी नसीरुद्दीन खुशवर शाह था ।

प्रश्न:- कुतुबुद्दीन मुबारक शाह खिलजी ने किसके साथ विवाह किया था?

उत्तर:- मुबारक शाह खिलजी ने खीज्र खाँ की विधवा पत्नी देवलदेवी के साथ किया था ।

Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि कुतुबउद्दीन मुबारक शाह खिलजी कौन था? मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये। Qutbuddin Mubarak Shah

अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। Qutbuddin Mubarak Shah

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