नासिरुद्दीन महमूद स्त्री वेष में दिल्ली आया और विश्व में बाप बेटे का एक ही नाम और औरंगजेब कहा जाता था Nasiruddin Mahmud in Hindi
नासिरुद्दीन महमूद 1246 से 1265 ईस्वी के बीच में
नमस्कार साथियों!
Important Gyan के इस सीरीज में आप सभी का स्वागत है। आज हम दिल्ली सल्तनत के और गुलाम वंश के अंतिम शासक एक ऐसे शासक के बारे में चर्चा करेंगे जिसके कारनामें अजीबोगरीब है। इसके काल में बहुत सारी विचित्र घटनायें घटीं । जी हाँ आपने सही पहचाना! हम बात करेंगे नसीरुद्दीन महमूद के बारे में । Nasiruddin Mahmud in Hindi
नासिरुद्दीन महमूद कौन था?
नासिरुद्दीन महमूद दिल्ली सल्तनत में एक बहुत ही सज्जन और धर्म को मानने वाला शासक था । यह इलतूतमिश का पौत्र था और इलतूतमिश के पुत्र नसीरुद्दीन महमूद का पुत्र भी । शायद आपको याद होगा की 1229 ईस्वी में जब इलतूतमिश का बंगाल संकट चल रहा था उसी समय इसकी मृत्य हो गई थी । यह 10 जून 1246 ईस्वी को 16 वर्ष के उम्र में शासक बना था। Nasiruddin Mahmud in Hindi
नासिरुद्दीन महमूद का स्त्री वेष में दिल्ली आना
आपको बता दें की पूरे विश्व इतिहास में बाप और बेटे का एक ही नाम था-नसीरुद्दीन महमूद । दूसरी बात सबसे महत्वपूर्ण यह है की सल्तनत काल का यह एक ऐसा शासक था जो स्त्री वेष में दिल्ली आया था। यह दोनों ही घटना इतिहास प्रसिद्ध है । Nasiruddin Mahmud in Hindi
दिल्ली सल्तन काल का औरंगजेब कौन था?
इसकी तीसरी सबसे बड़ी विशेषता यह थी की इसकी लिखावट बहुत ही सुंदर थी और कुरान की प्रतियां बेचकर अपना खर्चा चलाता था। यह बहुत ही शालीन और संस्कारी प्रवृति का शासक था । इसलिए यह सल्तनत काल का औरंगजेब भी कहा जाता है। Nasiruddin Mahmud in Hindi
नासिरुद्दीन महमूद एक धर्म भीरु शासक था?
यह धर्म भीरु था अर्थात धर्म से डरने वाला। यह अपना समय धार्मिक कार्यों में भी लगाता था । इसकी पत्नी बलबन की पुत्री थी । जबकि बलबन एक माँगोल भीरु था । Nasiruddin Mahmud in Hindi
नासिरुद्दीन महमूद का चरित्र
जब नसीरुद्दीन महमूद शासक बना तो जो राज्य शक्ति के लिए संघर्ष चल रहा था(सुल्तान और सरदार के बीच) वह इस समय समाप्त हो गया । सुल्तान ने काभी शासन नहीं किया।
जैसा की तुर्की सरदार शक्तिशाली थे और इस समय तक बलबन उनका नेता बन चुका था । यह बात प्रचलित है की नसीरुद्दीन महमूद एक धर्म पारायण शासक था। कुरान की प्रतियां बेचकर आय करता था और सदैव धार्मिक कार्यों में लगा रहता था। Nasiruddin Mahmud in Hindi
यह भी किवदंतियाँ प्रचलित है की एक बार इसकी पत्नी ने घर में नौकर रखने के लिए बोली तो उसने मना कर दिया की इतनी आय नहीं है की नौकर रखा जाय और राज्य का पैसा व्यक्तिगत खर्चे के लिए नहीं होता है । Nasiruddin Mahmud in Hindi
लेकिन इस बात को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसकी पत्नी बलबन की पुत्री थी और बलबन खुद एक नायब था। अतः इसको पूरी तरह स्वीकार करना थोड़ा कठिन जरूर है ।
हाँ इतना जरूर कहा जा सकता है की इसने उस समय चल रहे विकट परिस्थियों के अनुसार खुद को ढाल लिया होगा क्योंकि वह अपने पूर्वर्ती शासकों का हश्र देख चुका था और तुर्क अमीरों की ताकत का अंदाजा भी इसको हो गया था । इसने बलबन और अपनी माँ के साथ मिलकर अलाउद्दीन मसूदशाह को गद्दी से उतारा भी था। Nasiruddin Mahmud in Hindi
इतना जरूर कहा जा सकता है की नसीरुद्दीन महमूद एक सादगी से भरा शासक था और वाह्य आडंबर से रहित था । यह पंप एण्ड शो में विश्वास नहीं करता था । हस्त लिपि करने का शौक था । इसको धर्म से भी प्रेम था इसी लिए इसको ‘धर्म भीरु’ भी कहा जाता है । यह कोई भी शाही आदेश नहीं पारित करता था सारा अधिकारी बलबन और उसकी टीम के पास मौजूद था ।
नासिरुद्दीन महमूद का विवाह किससे हुआ था?
नसीरुद्दीन महमूद का विवाह 1249 ईस्वी में बलबन की पुत्री के साथ हुआ था । इस अवसर पर नसीरुद्दीन महमूद ने बलबन को ‘नाइब’ का पद और ‘उलुग खान’ की उपाधि दिया था । इस अवसर पर बलबन के सभी संबंधियों को राज्य में सम्मानित पद प्रदान किया गया। Nasiruddin Mahmud in Hindi
रायहान कौन था और इसको कौनसा पद मिला था?
बलबन को कुछ विकट समय के चलते अपने पद से एक साल तक हाथ धोना पड़ा था । इसकी निरंतर बढ़ती शक्ति और प्रभाव के चलते सभी तुर्की सरदार इससे ईर्ष्या करने लगे। अतः सभी सरदारों ने मिलकर एक षड्यन्त्र रचा इसके विरुद्ध । Nasiruddin Mahmud in Hindi
प्रमुख षड्यंत्रकारी थे-किशलू खाँ, कुतलुग खाँ, नसीरुद्दीन की माँ, अरसद खाँ, रेहान और संभवतः सुल्तान भी इसमें शामिल था। इस दल का मुख्य हीरो रेहान था। इनके कहने से सुल्तान ने बलबन को 1253 ईस्वी में हटा दिया और उसके सूबे हाँसी में भेज दिया । इसको बाद में नागौर भेज दिया गया। Nasiruddin Mahmud in Hindi
अब इममुद्दीन रेहान को वकिलदार का पद मिल गया। यह पहला अवसर था जब किसी भारतीय मुसलमान ने सल्तनत काल में सर्वोच्च पद प्राप्त किया था । इसने सम्पूर्ण शासन अपने हाथ में ले लिया। और भी मुख्य पदों का वितरण हुआ। Nasiruddin Mahmud in Hindi
लेकिन बलबन के चचेरे भाई शेरखान को सीमा प्रांत के पद से हटा दिया गया। यह मँगोलों का शत्रु था।
समय ने फिर करवट लिया और रेहान अपने पद को बहुत दिनों तक पचा नहीं पाया । इस समय के सभी लोग एक भारतीय मुसलमान की सत्ता को सहन नहीं कर सके । अब अधिकतम लोग बलबन के पक्ष में चले गए । षड्यन्त्र दुबारा रचा गया और अब रेहान को पद से हटा दिया गया और उसको बहराइच भेज दिया गया ।
रायहान को किसने देशद्रोही कहा है?
मिनहाज़-उद-दिन शिराज ने अपनी पुस्तक में रेहान को देशद्रोही,हिन्दूधर्म द्रोही और काफिर कहा है।
बलबन पुनः नायब कब बना?
बलबन पुनः नायब 1254 ईस्वी में बना था और 1265 ईस्वी तक रहा ।
बंगाल संकट
नसीरुद्दीन के समय में बंगाल दिल्ली सल्तनत के प्रभुत्व से निकल गया था ।
तबकात-ए नासिरी किसने लिखा है?
तबकात-ए नासिरी मिनहाज़-उद्दीन-शिराज की रचना है और यह पुस्तक नासिरुद्दीन महमूद को ही समर्पित है । यह मुख्य रूप से 23 तबकों(अध्यायों) में लिखी गई थी। इसकी रचना 1260 ईस्वी में हुई थी।
नासिरुद्दीन महमूद की मृत्यु कैसे हुई?
आपको बता दें की नसीरुद्दीन महमूद की मृत्यु 1265 ईस्वी में हुई थी। इतिहासकारों ने कई तरह के आरोप लगाएं हैं। कुछ लोग असमय और कुछ लोग हत्या का आरोप लगाते हैं ।
इसामी ने तो सीधा कहा है ही की बलबन ने जहर दे दिया था।
इब्नबतूता और फरिश्ता ने कहा है की नसीरुद्दीन महमूद को मारा गया था ।
तारीख-ए-मुबारकशाही के अनुसार नसीरुद्दीन महमूद बीमारी से मरा था ।
FAQs
प्रश्न:- नासिरुद्दीन महमूद का उत्तराधिकारी कौन था?
उत्तर:- नासिरुद्दीन महमूद का उत्तराधिकारी बलबन था ।
प्रश्न:-वह कौन था जो स्त्री वेष में दिल्ली आया था ?
उत्तर:- नासिरुद्दीन महमूद स्त्री वेष में बहराइच से दिल्ली आया था ।
प्रश्न:- तबकात-ए नासिरी किसको समर्पित है?
उत्तर:-तबकात-ए नासिरी नासिरुद्दीन महमूद को समर्पित है ।
प्रश्न:- नासिरुद्दीन महमूद की मृत्यु जहर देने से हुई यह किसने कहा था?
उत्तर:- नासिरुद्दीन महमूद की मृत्यु जहर देने से हुई यह बात इसामी ने कहा था।
प्रश्न:- नासिरुद्दीन महमूद का पूर्वर्ती शासक कौन था?
उत्तर:- नासिरुद्दीन महमूद का पूर्वर्ती शासक अलाउद्दीन मसूदशाह था ।
प्रश्न:-बलबन को उलुगखान की उपाधि किसने दिया था?
उत्तर:- बलबन को उलुगखान की उपाधि नासिरुद्दीन महमूद ने दिया था ।
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Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि नासिरुद्दीन महमूद कौन था । मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये। Nasiruddin Mahmud in Hindi
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