कोटदीजी क्यों प्रसिद्ध हैं जानें कुछ दिलचस्प बातें Kot diji Kahan Sthit hai in Hindi

कोटदीजी क्यों प्रसिद्ध है जानें कुछ दिलचस्प बातें Kot diji Kahan Sthit hai in Hindi(Kotdiji)

इस लेख का अंत में हमने एक क्विज़(Quiz) दिया है । पहले आप इस लेख को पूरा पढ़ें और उसके बाद दिए गए प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें । ये प्रश्न परीक्षाउपयोगी हैं । आपको बहुत लाभ मिलेगा ।

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नमस्कार साथियों!

Important Gyan  के इस सीरीज में आप सभी का स्वागत है । आज हमारे लेख का विषय हैं कोटदीजी क्यों प्रसिद्ध है, इसकी खोज किसने की, यह कहाँ स्थित है और इसकी अन्य विशेषताएं क्या हैं? इससे पहले के लेख में हमें विस्तार से सैन्धव स्थलों के बारे में बताया है, अगर आप लोगों ने नहीं पढ़ा है तो जरूर अध्ययन करें । Kotdiji

कोटदीजी

आपको बता दें की कोटदीजी पाकिस्तान के सिंध प्रांत में खैरपुर नामक स्थान पर स्थित था जो हड़प्पा सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था । इसकी खोज सबसे पहले धुर्ये ने किया था सन 1935 ईस्वी में । लेकिन इस स्थल की खुदाई फजल अहमद ने कराया था ।इसकी खुदाई विसवीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में की गई थी । Kot diji Kahan Sthit hai in Hindi

यहाँ से प्राक सैन्धव और सैन्धव स्तर दोनों का साक्ष्य मिलता है । सबसे बड़ी बात यह है की प्राक सैन्धव स्तर की किलेबंदी भी की गई थी । इसकी नगर योजना सुव्यवस्थित थी ।  Kot diji Kahan Sthit hai in Hindi

कोटदीजी से क्या मिला है?

कोटदीजी में जो एक आदि हड़प्पा स्तर मिला है मोर,मृग और मत्स्य के साक्ष्य मिले हैं । इनका चित्रण मृदभांड़ों पर हुआ है । इसके अलावा रंग विरंगी चूड़ियाँ, पत्थर के वाणाग्र,माता देवी की मूर्तियाँ, पत्थर की चाकी, माता देवी की मूर्तियाँ, सेलखड़ी की बनी दो मोहरें मिली हैं । इसके अलावा कुछ खुदे हुए बर्तन,एक टूटा हुआ स्टीटिट सील,टेराकोट के मोती, धातु के औजार आदि मिले हैं ।

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कोटदीजी कहाँ स्थित था?

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में आधुनिक खैरपुर नामक स्थान पर स्थित । यह सैन्धव सभ्यता का एक प्रमुख स्थल था ।

कोटदीजी किस नदी के किनारे स्थित था?

कोटदीजी पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी के किनारे स्थित था।

कोटदीजी की खोज किसने किया था?

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में आधुनिक खैरपुर नामक स्थान पर स्थित कोटदीजी की खोज सन 1935 ईस्वी में धुर्ये ने किया था ।

कोटदीजी का उत्खनन किसने किया था?

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में आधुनिक खैरपुर नामक स्थान पर स्थित कोटदीजी का नियमित उत्खनन फजल अहमद ने सन 1935 किया था

कोटदीजी में पाषाण सभ्यता का अंत

ऐसा साक्ष्य मिलता हैं की यहाँ के निवासी पत्थरों का प्रयोग घर बनाने के लिए करते थे जिससे यह आभास होता है की पाषाण युगीन सभ्यता का अंत यहीं पर हुआ था ।

कोटदीजी फोर्ट किसने बनवाया था?

कोटदीजी फोर्ट सोहराब खान तालपर ने 1785 से 1795 के बीच में बनवाया था । साथियों मीर सुहराब का शासन काल 1783 से 1830 के बीच में था ।

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Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि कोटदीजी क्यों प्रसिद्ध है, इसकी खोज किसने की, यह कहाँ स्थित है और इसकी अन्य विशेषताएं क्या हैं? मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये।

अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ  क्षमा  कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो  जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। Kot diji Kahan Sthit hai in Hindi

आप लोगों को और अपना ज्ञानवर्धन करना चाहिए, अगर आप लोगों को लगता है की हमें और क्या पढ़ना चाहिए तो आप www.importantgyan.com के वेबसाईट पर नियमित विज़िट करके अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं ।

हमारे कुछ मीनू आप लोगों का राह देखते रहते हैं जैसे-Motivation, Health, sarkari Yojna आदि । आप इनका लाभ जरूर उठायें । आपका दिन शुभ हो!-

2 thoughts on “कोटदीजी क्यों प्रसिद्ध हैं जानें कुछ दिलचस्प बातें Kot diji Kahan Sthit hai in Hindi”

    • इस बात को बताने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद! यह एक Clerical mistake हुई है typing में जिसको मैंने तुरंत सुधार किया है । आगे भी मैं आप लोगों से यही आशा करूंगा की मेरी गलतियों को मेरे संज्ञान में जरूर लाएं ।

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