Ahar culture in hindi राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित एक अद्भुत स्थल!

Ahar culture in hindi राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित एक अद्भुत स्थल!

नमस्कार साथियों!

Important Gyan के इस सीरीज में आप सभी का स्वागत है। आज के इस लेख में हम आप लोगों को ताम्र पाषाण काल से जुड़े एक महत्वपूर्ण स्थल आहार संस्कृति के बारे में विस्तार से बताएंगे । Ahar culture in hindi

आहार संस्कृति क्या है,यह क्यों प्रसिद्ध है और इसकी क्या विशेषता है। इससे पहले के लेख में हमने आपको जोरवे संस्कृति के बारे में बताया है जिसे आपको जरूर पढ़ना चाहिए । Ahar in hindi

यह लेख आने वाले सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा । आप इसका नियमित अभ्यास करें। प्रत्येक वर्ष हर एक इग्ज़ैम में इससे काभी न कभी आता ही है । Ahar culture in hindi

आहड़ संस्कृति

ताम्रपाषाण काल में हुई भारत के विभिन्न जगहों पर खुदाई के दौरान अनेक स्थल सामने आए । इन्ही में से दक्षिणी पूर्वी राजस्थान में एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थल आहार संस्कृति! Ahar culture in hindi

दक्षिणी पूर्वी राजस्थान में तीन महत्वपूर्ण स्थल थे एक आहड़, दूसरा गिलुन्ड और तीसरा बालाथल । ये सभी स्थल जो बनास नदी घाटी के अञ्चल में स्थित है इसलिए इसको बनास संस्कृति भी कहा जाता है । Ahar culture in hindi

इस संस्कृति में सूक्ष्म पाषाण औजारों का इस्तेमाल नहीं होता था । वैसे देखा जाए तो यहाँ पर पत्थर की कुल्हाड़ियों और फलकों का अभाव ही था । यहाँ पर सपाट कुल्हाड़ियाँ, चूड़ियाँ आदि तांबे की हैं। Ahar culture in hindi

तांबा की उपलब्धि पास में ही था । यहाँ के लोग शुरू से ही धातुकर्म के मर्मज्ञ थे । आपके जानकारी के लिए बता दें की आहर का पुराना नाम ताम्बवती या तांबावली जगह था ।

आहड़ से कपड़े के छपाई के लिए ठप्पे मिलते हैं । यहाँ पर रंगाई छपाई उद्योग विकसित था । पत्थरों के घर मिले हैं।  यहाँ से चक्रकूप विधि के साक्ष्य भी मिलते हैं । Ahar culture in hindi

आहाड़ का स्थानीय नाम गिलुन्ड था । गिलुन्ड से तांबे के टुकड़े ही मिलते हैं । इसके अलावा पत्थर के उपकरण, अग्निकुंड के साक्ष्य और प्रस्तर फलक उद्योग यहाँ विकसित था । यहाँ से स्तम्भ गर्त के भी साक्ष्य मिलते हैं ।

आहड़ और बालाथल उदयपुर जिले में स्थित है और गिलुन्ड चित्तौड़ जिले में स्थित है। आहड़ और गिलुन्ड के उत्खनन से बड़ी बस्तियों के साक्ष्य मिले हैं । यहाँ से पत्थर व तांबे के उपकरण प्राप्त होते हैं ।

इस संस्कृति के लोग मुख्य रूप से अपने मकान गारा और पत्थर से बनाते थे । इसकी नींव पत्थरों से भरी जाती थी । दीवारें कच्ची ईंटों से भी बनती थी । लेकिन देखा जाए तो गिलुन्ड के निर्माण में पकी ईंटों का भी प्रयोग किया जाता था ।

आहड़ संस्कृति के लोग मुख्य रूप से कृषक और पशुपालक थे। ये लोग गेहूं, जौ, धान, चना मूंग आदि की खेती करने में माहिर थे । पशु के रूप में गाय,बैल,भेंड और बकरी आदि पालते थे।

ये लोग अपने मृदभांड चाक पर ही बनाते थे । इनके मुख्य भांड काले और लाल रंग के होते थे । इनमें किसी किसी पर सफेद ज्यामितीय आकृतियाँ बनाई जाती थी।

तांबा खेतड़ी के खानों से ही प्राप्त किया जाता था । इसी के पास गणेश्वर नामक पुरास्थल स्थित जिसकी खुदाई के दौरान बड़े पैमाने पर तांबे के उपकरण प्राप्त हुए हैं ।

इनका धार्मिक पंथ वृषभ अर्थात सांड था क्योंकि यहाँ से रूढ शैली में वृषभ मूर्तिकाएं मिलती हैं ।

इस तरह देखा जाए तो फसल उत्पादन के मामले में आहाड़ संस्कृति के लोग गेहूं, और चावल जैसे फसलों का उत्पादन करते थे ।

प्रश्न:-आहड़ संस्कृति को बनास संस्कृति क्यों कहा जाता है?

उत्तर:-आहड़ संस्कृति राजस्थान के दक्षिणी पूर्वी भाग में बनास घाटी के अञ्चल में मिले होने के कारणबनास संस्कृति कहा जाता है ।

प्रश्न:- आहड़ कहाँ स्थित है?

उत्तर:- आहड़ संस्कृति राजस्थान के दक्षिणी पूर्वी भाग में उदयपुर में स्थित है ।

प्रश्न:-गिलुन्ड कहाँ स्थित है?

उत्तर:- आहड़ संस्कृति का स्थानीय केंद्र गिलुन्ड राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है ।

प्रश्न:- आहड़ क्यों प्रसिद्ध है?

उत्तर:- आहड़ से तांबे के उपकरण प्राप्त हुए हैं साथ ही इसका स्थानीय केंद्र गिलुन्ड । यहाँ से कपड़े के छपाई हेतु ठप्पे भी मिलते हैं और रंगाई छपाई उद्योग भी विकसित था । यहाँ पर पत्थरों के घर और चक्रकूप विधि मिली है । बालाथल और गिलुन्ड इसके अन्य स्थल थे ।  

प्रश्न:-बालाथल कहाँ स्थित है?

उत्तर:- बालाथल राजस्थान के उदयपुर जिले में है जो आहड़ संस्कृति का एक मुख्य स्थल है ।

प्रश्न:- गिलुन्ड क्यों प्रसिद्ध है?

उत्तर:- गिलुन्ड आहड़ संस्कृति का के स्थानीय केंद्र जहां से पत्थर के उपकरण अग्निकुंड के साक्ष्य और तांबे के टुकड़े बड़े पैमाने पर मिलते हैं ।

प्रश्न:- आहड़ संस्कृति के मृदभांड कैसे थे?

उत्तर:- आहड़ संस्कृति के मृदभांड काले और लाल रंग के थे जिसपर सफेद ज्यामितीय आकृतियाँ बनी होती थीं । मृदभांड चाक पर ही बनते थे ।

प्रश्न:- आहड़ संस्कृति का स्थानीय केंद्र कौन सा स्थल था?

उत्तर:- आहड़ संस्कृति का स्थानीय केंद गिलुन्ड नामक स्थल था ।

ताम्र पाषाण काल के अन्य संस्कृति के बारे में पढ़ें!

जोरवे संस्कृति

Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि आहड़ कहाँ है और इसकी क्या विशेषता है।

मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये।अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे।

आप लोगों को और अपना ज्ञानवर्धन करना चाहिए, अगर आप लोगों को लगता है की हमें और क्या पढ़ना चाहिए तो आप www.importantgyan.com के वेबसाईट पर नियमित विज़िट करके अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं ।

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