Plasi ka yuddh kab hua? प्लासी का युद्ध नहीं होता तो क्या होता?

Plasi ka yuddh kab hua? क्या आपको पता है की प्लासी का युद्ध आखिर किसको मजबूत किया?

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9 प्लासी के युद्ध का महत्व

साथियों आज हम पढ़ेंगे की प्लासी की लड़ाई कब लड़ी गई थी? प्लासी का युद्ध कहाँ हुआ था? प्लासी का युद्ध किसके बीच हुआ था? प्लासी के युद्ध के क्या कारण था? प्लासी के युद्ध के समय बंगाल का नवाब कौन था? कम्पनी सिराजुद्दौला को क्यों नापसंद करती थी? सिराजुद्दौला के हार के मुख्य कारण क्या थे? सिराजुद्दौला के पिता का क्या नाम था? Plasi ka yuddh kab hua

 प्लासी का युद्ध: 23 जून 1757 ईस्वी में

आपको बता दें की अलीवर्दी खान ने अपने मृत्यु(09.4.1756) के समय ही अपने दौहित्र सिराजुद्दौला को एक सीख दिया और कंपनी के तरफ इशारा करते हुए समझाया था की “यूरोपीय मधुमक्खी की तरह होते हैं यदि उनको न छेड़ा जाए तो वे शहद देंगे और यदि छेड़ दिया जाए तो वे काट-काट कर मार डालेंगे ।“ Plasi ka yuddh kab hua

प्लासी के युद्ध के कारण

A)प्लासी के युद्ध का पहला कारण है की अंग्रेज बंगाल में अपनी अबाधित सत्ता स्थापित करना चाहते थे जिसमें किसी भी प्रकार का रोक टोक न रहे । ये लोग बंगाल में राजनीतिक,प्रशासनिक और आर्थिक रूप से मजबूत होने के लिए एक ऐसे नवाब की तलाश में थे जो इनका कठपुतली बनकर रहे । और  इनकी ये भी इच्छा थी की अंत में कोई नवाब ने रहे । Plasi ka yuddh kab hua

अंग्रेजों के हिसाब से सिराजुद्दौला की जगह मिरजाफर फिट था । इस कार्य को अंतिम रूप देने के लिए प्लासी का युद्ध चुना गया । Plasi ka yuddh kab hua

B)प्लासी के युद्ध का दूसरा कारण था कि अलीवर्दी खान का कोई पुत्र नहीं था अतः इसका दौहित्र नवाब बना । नवाब बनते समय सिराजुद्दौला को आपसी संबंधों में संघर्ष करना पड़ा था। अंग्रेजों ने सिराजुद्दौला के विरुद्ध शौकत जंग का साथ दिया । Plasi ka yuddh kab hua

सिराजुद्दौला को अंग्रेज बिल्कुल नहीं पसंद करते थे क्योंकि ये कठपुतली नहीं था और न अंग्रेजों की बातें मानने के लिए तैयार था और न ही अंग्रेजों की कोई नीति सिराजुद्दौला को पसंद था । अतः न अंग्रेज सिराजुद्दौला को स्वीकार कर सकते थे और न सिराजुद्दौला अंग्रेजों को अतः ऐसी स्थिति में प्लासी का युद्ध जरूरी हो गया । Plasi ka yuddh kab hua

C)प्लासी के युद्ध का अगला कारण था की अंग्रेज सिराजुद्दौला के प्रति दोयमदर्जे का व्यवहार करने लगे थे । हर काम में वे सिराजुद्दौला की नीतियों की उपेक्षा करने लगे तथा नवाब को किसी भी प्रकार का सम्मान देना बंद कर दिए और तो और अंग्रेज लोग दरबार में अपना काम निकालने के लिए घुस देना शुरू कर दिए।  Plasi ka yuddh kab hua

इसके अलावा कासिम बाजार में आने तक सिराजुद्दौला को रोक दिया गया । अगर मुर्शिदाबाद में कोई काम पड़ता था तो नवाब की उपेक्षा होने लगी । ऐसी स्थिति में युद्ध जरूरी हो गया था ।

D)प्लासी के युद्ध का अगला कारण बना अंग्रेजों के साथ मिरज़ाफ़र का मिलना और इनके बीच आपसी संधि । मिरज़ाफ़र ने सिराजुद्दौला के विरुद्ध सारी तैयारी करके अंग्रेजों को सूचित कर दिया की सभी तैयारी हो गई है, दूसरे दिन ही अंग्रेजी सेना कूच कर गई प्लासी के मैदान में ।

E)प्लासी के युद्ध का अगला कारण था सिराजुद्दौला का अंग्रेजों के प्रति शंका और फ़्रांसीसियों  के प्रति नम्र व्यवहार और विश्वाश । लेकिन बंगाल में स्थित सभी फ़ांसीसी बस्तियों को हटाने और व्यापार न करने देने के लिए अंग्रेजों ने सिराजुद्दौला पर दबाव बढ़ाने लगे जिसे नवाब स्वीकार नहीं कर सकता था क्योंकि फ़्रांसीसियों ने भी बस्ती बसाने और व्यापार करने की अनुमति दिल्ली की सरकार से ले रखा था । Plasi ka yuddh kab hua

नवाब द्वारा अंग्रेजों की बात नहीं मानने से अंग्रेज दुखी हुए और उन्हें पूरा विश्वास होने लगा की ये नवाब हमारे किसी काम का नहीं है । अतः सत्ता से बेदखल करने का अंग्रेजों के पास एक ही उपाय बचा प्लासी का प्रसिद्ध युद्ध ।

F)प्लासी के युद्ध का अगला कारण बना सिराजुद्दौला के सेना का खोखलापन और आपसी फुट । अंग्रेज क्लाइब भारतीय सेना चतुर्दिक विश्लेषण कर चुका था और उसको विश्वास हो चुका था की भारतीय सेना एकमात्र भेड़चाल रह गई है और सिराजुद्दौला के संबंधी भी आपसी फुट के शिकार हो चुके हैं । अतः इस स्थिति को भांपते हुए युद्ध को अनिवार्य कर दिया गया । Plasi ka yuddh kab hua

प्लासी का युद्ध कहाँ हुआ था?

प्लासी का युद्ध मुर्शिदाबाद से 20 मिल दूर पलाश वृक्षों का एक वन था, जिसको पलाशी बाग भी कहा जाता था । इसी बन के पास प्लासी के मैदान में यह युद्ध सम्पन्न हुआ था । Plasi ka yuddh kab hua

प्लासी का युद्ध किसके बीच हुआ था?

प्लासी का युद्ध अंग्रेजों और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच में हुआ था । इस युद्ध में नवाब की तरफ से प्रधान सेनापति मीर जाफ़र, यारलुत्फ खान, राजा दुर्लभ राय, मिरमदन आदि थे ।

प्लासी की लड़ाई कब लड़ी गई थी?

प्लासी का युद्ध प्लासी के मैदान में  23 जून 1757 ईस्वी में में वृहस्पतिवार के दिन लड़ा गया था ।

प्लासी के युद्ध की घटनाएं:-

प्लासी के युद्ध के बारे में विस्तार से बताने से पहले हम आपको उससे पहले हम कुछ महत्वपूर्ण और एतिहासिक घटनाओं के बारे में बता देते हैं जो एक के बाद एक बहुत जल्दी जल्दी घटीं-

  1. अंग्रेजों ने आंग्ल-फ्रांसीसी युद्ध की आशंका को देखते हुए कलकत्ता में फोर्ट विलियम की किलेबंदी कर दी ।
  2. घसीटी बेगम का समर्थन किया और बंगाल के भगोड़ों को शरण दिया ।
  3. 15 जून 1756 ईस्वी में फोर्ट फिलीयम घेर लिया गया नवाब के द्वारा ।
  4. 20 जून को एतिहासिक ब्लैक होल की घटना घटी । इसमें अंग्रेज,स्त्रियाँ और बालक बंदी के रूप में थे । यह एक कक्ष था जो 18 फुट लंबा, 14 फुट 10 इंच चौड़ा था । इसमें कुल 146 बंदी थे । यह घटना 20 जून की रात्री को घटी थी और सुबह 23 व्यक्ति ही बचे थे ।
  5. इसमें जे. जैड हालवेल शेष बचने वालों में से थे जो इस कथा के रचयिता माने जाते हैं । आपको बता दें की समकालीन मुस्लिम इतिहासकार गुलाम हुसैन ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘सियारूल मुस्तखैरिन में इस कथा का कोई उल्लेख नहीं किया है । लेकिन नवाब सिराजुद्दौला को इस घटना के लिए उत्तरदाई माना गया और अंग्रेज अगले सात साल तक इस घटना के विरुद्ध जनता से समर्थन प्राप्त करते रहे प्रचार करके ।
  6. क्लाइब के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना 16 October मद्रास से चली और 14 दिसंबर को बंगाल पहुँच गई।
  7. इधर माणिकचंद ने चंद रुपयों का घुस लेकर कलकत्ता अंग्रेजों को सौंप दिया ।
  8. नवाब सिराजुद्दौला ने फरवरी 1557 ईस्वी में अलीनगर की संधि पर हस्ताक्षर कर दिया । इस संधि की मुख्य बात यह थी की अंग्रेजों को व्यापार के पुराने अधिकार मिल गए । इसमें कलकत्ता की किलेबंदी करने की भी मंजूरी मिली ।
  9. अंग्रेजों ने इसी बीच नवाब सिराजुद्दौला के विरुद्ध षड्यन्त्र बून दिया । इसमें नवाब का सेनापति मीर जाफ़र,बंगाल का साहूकार जगत सेठ, राय दुर्लभ और अमीरचंद एक बिचौलिये के रूप में थे ।
  10. अंग्रेजों ने मार्च 1557 ईस्वी में फ्रांसीसी बस्ती अलीनगर को जीत लिया । नवाब को इससे काफी निराशा हुई । अब तो युद्ध जरूरी हो गया । अब न युद्ध होने का कोई चारा नहीं बचा था ।

प्लासी का एतिहासिक युद्ध(Plasi war)

अब देखिए 23 जून 1757 ईस्वी को दोनों प्रतिद्वंदी सेनाएं प्लासी गाँव में आमों के कुंज में आ गईं । अंग्रेजी सेना कम थी लेकिन मजबूत थी । नवाब की सेना ज्यादा थीं लेकिन फूटमत में थीं । नवाब की सेना का नेतृत्व विश्वासघाती मीरजाफ़र कर रहा था । Plasi ka yuddh kab hua

नवाब के अग्रगामी टूकड़ी का नेतृत्व मीर मदन और मोहन लाल कर रहे थे । इन्होंने क्लाइब को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया । लेकिन इसी बीच चाल चली गई और नवाब सिराज को मिरजाफर ने मुर्शिदाबाद लौटने को कहा । मिरजाफर मूकबधिर बने हुए भारत का भाग्य लिखने में लगा था । अंग्रेजों ने फ्रांसीसी टुकड़ी को हराकर मैदान मार लिया । Plasi ka yuddh kab hua

आपको बता दें की मीर मदन को गोली लगने से उसकी मृत्यु प्लासी के मैदान में ही हो गई ।

इधर मीरजाफ़र 25 जून को मुर्शिदाबाद लौटकर अपना भाग्य बना लिया और स्वयं को नवाब घोषित कर दिया । सिराज को बंदी बनाकर हत्या कर दी गई।

मीरजाफ़र ने खुशी में बहुत उपहार बांटे और अंग्रेजों को 24 परगने की जमींदारी दे डाली । इसके अलावा अंग्रेजी व्यापरियों और अधिकारियों को व्यापार में निजी चुंगी देने से छूट भी मिल गई । Plasi ka yuddh kab hua

प्लासी के युद्ध का महत्व

  1. प्लासी का युद्ध कोई बड़ा युद्ध नही था और न ही इसका कोई सामरिक महत्व था । यह एक मामूली झड़प थी जो सहसा शुरू हुई और खत्म भी हो गई । नवाब की सेना में आपसी फुट और विश्वासघात कूट कूट कर भरा था । के एम पन्निकर ने कहा है की “यह एक सौदा था जिसमें बंगाल के धनी सेठों और मीर जाफ़र ने नवाब को अंग्रेजों के हाथ में बेच डाला ।“ Plasi ka yuddh kab hua
  2. लेकिन इस युद्ध के बाद में जो परिणाम निकलकर आया वो काफी महत्वपूर्ण था-
  3. अब बंगाल अंग्रेजों के अधीन हो गया उसके बाद फिर स्वतंत्र नही हो पाया ।
  4. नया नवाब मीर जाफ़र अंग्रेजों पर निर्भर हो गया। इसकी रक्षा के लिए 6000 अंग्रेजी सेना बंगाल में लग गई ।
  5. धीरे धीरे समस्त शक्ति अंग्रेजों के हाथों में जाने लगी । मिरजाफर दीवान राय दुर्लभ और राम नारायण को दंडित करना चाहता था लेकिन अंग्रेजों ने अपने पावर का प्रयोग कर रोक दिए ।
  6. गुलाम हुसैन ने लिखा है की ‘पदोन्नति के लिए केवल अंग्रेजों का समर्थन जरूरी था ।
  7. लेकिन अब मिरजाफर को भी अपना भविष्य दिखने लगा और जल्द ही अंग्रेजों से छुटकारा पाने हेतु डच लोगों ने अपना संपर्क स्थापित करने लगा लेकिन क्लाइब ने इसकी दाल नहीं गलने दिया और नवंबर 1759 ईस्वी में बेदारा के युद्ध में डचो को परास्त कर दिया । Plasi ka yuddh kab hua
  8. प्लासी के युद्ध के बाद जबरदस्त लूट का मंजर शुरू हुआ । इससे अंग्रेज अनंत साधनों का स्वामी बन गए । मैकालें ने कहा है की लूट का धन कलकत्ता को एक सौ से अधिक नावों में भर कर लाया गया । आपको बता दें की बंगाल उस समय सबसे धनी प्रांत था । धनी बंगाल को देखकर वेरेलश्ट ने भी कहा है की “बंगाल समस्त भारत का व्यापार केंद्र है जहां सारा धन खींचा चला आता है ।
  9. अब बंगाल में अंग्रेजों का एकछत्र राज्य स्थापित हो गया जहां वे अबाधित रूप से व्यापार आदि कर सकते थे । इसके लगभग सारे प्रतिद्वंदी समाप्ति के कगार पर थे । अंग्रेजी कंपनी का कायाकल्प हो गया । अब तो इंग्लैंड भी पूर्वी समस्या में विशेष भूमिका निभाने लगा । प्लासी की विजय ने अंग्रेजों के लिए हर तरह से रास्ते खोल दिए ।

प्रश्न:-‘The Men who Ruled India’ किसकी पुस्तक है?

उत्तर:-फिलिप वूडरफ की ।

प्रश्न:-अलीवर्दी खान के मृत्यु के बाद बंगाल का नवाब कौन बना?

उत्तर:-सिराजुद्दौला बना ।

प्रश्न:-सिराजुद्दौला ने कलकत्ता का विजय करके कलकत्ता किसको सौंप दिए था?

उत्तर:-माणिक चंद को

प्रश्न:-ब्लैक होल की घटना कब घटी थी?

उत्तर:-20 जून 1756 ईस्वी में ।

प्रश्न:-ब्लैक होल घटना में कुल कितने लोग बंदी थे?

उत्तर:-146 बंदी थे।

प्रश्न:-ब्लैक होल घटना में एक मात्र जीवित कौन बचा?

उत्तर:-जे. जैड हालवेल जीवित बचे थे ।

प्रश्न:-‘सियारूल मुस्तखैरिन किसकी रचना है?

उत्तर:-गुलाम हुसैन की रचना है जिसमें इन्होंने ब्लैक होल घटना का उल्लेख नहीं किया है ।

प्रश्न:-सिराजुद्दौला का प्रधान सेनापति कौन था?

उत्तर:-मिरजाफर था ।

प्रश्न:-अंग्रेजों ने फ्रांसीसी बस्ती चंद्रनगर को कब जीता था?

उत्तर:-मार्च 1757 ईस्वी में ।

प्रश्न:-प्लासी का युद्ध कब हुआ था?

उत्तर:-23 जून 1757 ईस्वी में हुआ था ।

प्रश्न:-प्लासी का युद्ध किसके बीच हुआ था किसके बीच हुआ था?

उत्तर:-प्लासी का युद्ध सिराजुद्दौला और अंग्रेज क्लाइब के बीच में हुआ था ।

प्रश्न:- सिराजुद्दौला के बाद नवाब कौन बना?

उत्तर:-मीर जाफ़र बना ।

प्रश्न:-मीर जाफ़र के बाद नवाब कौन बना?

उत्तर:-मीर कासिम बना ।

प्रश्न:-प्लासी के युद्ध के समय बंगाल का नवाब कौन था?

उत्तर:-प्लासी के युद्ध के समय बंगाल का नवाब सिराजुद्दौला था ।

प्रश्न:-किसने कहा था “अंग्रेजों की विजय विश्वासघात की विजय थी ।“

उत्तर:-पी ई रॉबर्ट्स ने कहा था ।

प्रश्न:-History of British India किसकी रचना है?

उत्तर:-पी ई रॉबर्ट्स की रचना है ।

Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि Plasi ka yuddh kab hua और इसके क्या परिणाम निकले? मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये। Plasi ka yuddh kab hua

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