प्रतिक्रियावाद सिलसिला Naqshbandi Silsila in Hindi

प्रतिक्रियावाद सिलसिला Naqshbandi Silsila in Hindi

इसको प्रतिक्रियावाद का भी सिलसिला कहते हैं । आपको बता दें की ये केवल कुरान और शरीयत को लेकर चला था । इस सिलसिले की स्थापना ख्वाजा बहाउद्दीन ने किया था । Naqshbandi Silsila

ये सिलसिला समरकन्द में केंद्रित थे । ख्वाजा खान मुहम्मद ने भारत आकर कश्मीर में अपनी खानकाह बनाई थी । ये इसी सिलसिले के सूफी संत थे । Naqshbandi Silsila

आगे चलकर भारत में ख्वाजा बाकी बिल्लाह ‘बेरंग’ ने इस सिलसिले को एक नया रंग दिया ।

विदत-इस्लाम में जो नई परम्पराएं प्रवेश कर रही थी उसको दूर किया । ये अकबर और जहांगीर दोनों के काल में थे ।

शेख मुहम्मद फारुख सरहिन्दी

ये बहुत बड़े आध्यात्मिक संत थे और ये इस्लाम के दूसरे खलीफा उमर के वंशज थे । इन्होंने अपने को इस्लाम का महान सुधारक घोषित किया था । अर्थात मुजहीद आलिफ़शानी घोषित कर दिया ।

इन्होंने इब्न-उल-अरबी के वहदत-उल-वजूद(खुदा के सर्वव्यापकता) का पुरजोर विरोध किया था । इस सिद्धांत के विरोध किया और अपना सिद्धांत दिया -वहदूत उल शुहदत ।

वजूदिया-वजूदिया जिसमें ईश्वर उआर प्राणी का अस्तित्व एक ही होता है ।

शहूदिया-सहूदिया जिसमें ईश्वर और प्राणी का अलग अलग अस्तित्व होता है ।

ईश्वर और मनुष्य में आशिक और माशूका का नहीं अपितु मालिक और दास का संबंध होता है ।

ये अकबर के दीन-ए-इलाही के कट्टर आलोचक थे । इनका मानना था की शिया लोगों का वजूद मूर्तिपूजकों से भी गिरा था । इसी पर एक पुस्तक थी -रद्द-ए-खाफीज(शिया मत का खंडन)

आपको बता दें की एक शिया साधक मुल्ला मुश्तरी का जहांगीर ने वध करा दिया था । इनकी कब्र आगरा में है और यह शियाओं का तीर्थ स्थान है ।

शेख मासूम शेख सरहिन्दी के लड़के थे और औरंगजेब के आध्यात्मिक गुरु भी ।

शाहवली उल्लाह

इनका जन्म औरंगजेब के शासन काल में हुआ था 1705 ईस्वी में । आपको बता दें की इन्हीं के सिद्धांतों पर आधुनिक भारत का बहावी आंदोलन चला था । Naqshbandi Silsila

इन्होंने वजूदिया और शदूदिया दोनों में अपना साम्य बैठाकर अपना उपदेश दिया था ।

इनकी रचनाएं थीं-हमट,तफ़हिमते इलाहिया & फ़ैसलतुल वहदत उल वजूद -उश शुहद

ख्वाजा मीर दर्द

इन्होंने वहदत उल वजूद के सिद्धांत को नकार दिया और अपना सिद्धांत चलाया-इल्मे इलाही मोहम्मदी कायनाती मुहब्बत ।

इन्होंने अपनी उपाधि धारण की थी-‘इल्मे इलाही मोहम्मदी’

प्रश्न:-नक्शबंदिया सिलसिला की स्थापना किसने किया था?

उत्तर:-नक्शबंदिया सिलसिला की स्थापना ख्वाजा बहाउद्दीन ने किया था ।

प्रश्न:-नक्शबंदिया सिलसिला में विदत क्या था?

उत्तर:-नक्शबंदिया सिलसिला में विदत था-इस्लाम में जो नई परम्पराएं आ गई थी उसे दूर किया ।

प्रश्न:-नक्शबंदिया सिलसिला के कौन सूफी अकबर और जहांगीर दोनों के काल में थे?

उत्तर:-ख्वाजा बाकी बिल्लाह ‘बेरंग’ ने ।

प्रश्न:-नक्शबंदिया सिलसिला के कौन सूफी संत अपने को इस्लाम का महान सुधारक घोषित किया था ।

उत्तर:-शेख मुहम्मद फारुख सरहिन्दी ने ।

प्रश्न:-वहदत् उल वजूद के सिद्धांत का नक्शबंदिया सिलसिला के किस सूफी संत ने विरोध किया था?

उत्तर:-शेख मुहम्मद फारुख सरहिन्दी ने & ख्वाजा मीर दर्द ने।

प्रश्न:-नक्शबंदिया सिलसिला में वजूदिया और शतुदिया क्या था?

उत्तर:-वजूदिया जिसमें ईश्वर और प्राणी का अस्तित्व एक ही होता है और शतुदिया में दोनों का अलग अलग अस्तित्व होता है ।

प्रश्न:-अकबर के दिन-ए-इलाही सिद्धांत के कट्टर विरोधी थे?

उत्तर:-शेख मुहम्मद फारुख सरहिन्दी कट्टर विरोधी थे ।

प्रश्न:-मुग़ल शासक जहांगीर ने नक्शबंदिया सिलसिला के किस सूफी संत की हत्या करवा दिया था?

उत्तर:-एक शिया साधक मुल्ला शुशतरी को जहांगीर ने वध करा दिया था ।

प्रश्न:-आधुनिक भारत का बहावी आंदोलन नक्शबंदिया सिलसिला के किस सूफी संत के सिद्धांतों पर चला था?

उत्तर:-शाहवली उल्लाह के सिद्धांतों पर ।

प्रश्न:-इल्मे इलाही मुहम्मदी उपाधि थी?

उत्तर:-इल्मे इलाही मुहम्मदी उपाधि ख्वाजा मीर दर्द की थी ।

प्रश्न:-नक्शबंदिया सिलसिला के कौन सूफी संत औरंगजेब के आध्यात्मिक गुरु थे ।

उत्तर:-शेख मासूम थे ।

Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि Naqshbandi Silsila in क्या था और इसके सूफी संत मुख्य रूप से कौन थे? मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये। Naqshbandi Silsila in Hindi

अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। Naqshbandi Silsila in Hindi

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