Kalandariya Silsila in Hindi

Kalandariya Silsila in Hindi

नमस्कार साथियों!

Important Gyan के इस सीरीज में आप सभी का स्वागत है । इस समय हम सूफीवाद के विभिन्न सिलसिले पर विस्तार से चर्चा कर रहे हैं । हर एक सिलसिले पर हमने लेख अलग से लिखा है । ये सभी लेख आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अतिमहत्वपूर्ण है । इन सभी का आप अध्ययन करें और नीचे दिए गए प्रश्नोत्तरी को भी हल करें । Kalandariya Silsila

ये प्रश्नोत्तरी हमने इन्ही सब लेख से लिया है जो आप लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगा । अगर प्रश्नोत्तरी को लेकर आप लोगों के मन में कोई भी सवाल हो तो जरूर पूछें और कोई सुझाव हो तो जरूर दें । Kalandariya Silsila

कलन्दरिया सिलसिला

इस सिलसिले की स्थापना अब्दुल अजीज मक्की ने मक्का में किया था । ये पैगंबर मुहम्मद साहब के साथी थे । आपको बता दें की इनकी मृत्यु अभी नहीं हुई है और ये आज भी जिंदा हैं । Kalandariya Silsila

सैय्यद खीज्र रूमी खपरादरी

ये अब्दुल अजीज मक्की के शिष्य थे और ये तुर्की के रहने वाले थे । इन्होंने बख्तियार काकी के समय भारत की यात्रा की । Kalandariya Silsila

एक बहुत ही ज्ञानवर्धक बात यह है की बख्तियार काकी से दिल्ली में मिलने पर एक नई उपशाखा ‘चिशतीया कलन्दरिया’ का जन्म हुआ । Kalandariya Silsila

भारत में इस सिलसिले का प्रचारक नजमुद्दीन कलंदर था ।ये पहले निजामुद्दीन औलिया के शिष्य थे ।

इन्होंने 42 बार लंदन(इंग्लैंड) और मक्का की यात्रा किया था । इन्होंने 40 वर्ष तक उपवास किया था और 30 साल तक एक ही पत्थर पर बैठे रहे और दिल से इनके हू-हू  की आवाज आती थी ।

ये मालवा में दफन हैं और यही इनका केंद्र भी है ।

कुतूबउद्दीन कलंदर

ये नजमुद्दीन के शिष्य थे । इनको ‘सरन्दाज’ कहा जाता है । संस्मरण के समय इनकी गर्दन धड़ से अलग हो जाता था और ये 100 से अधिक वर्ष तक जीवित थे ।

शरिफुद्दीन अबू अली कलंदर

इनको पानीपत में दफनाया गया। सैय्यद मूर्तजा ने योग पद्धति(हिन्दू धर्म) और कलन्दरिया को अपनी किताब में वर्णित किया है जिसका नाम है “योग कलंदर” । ये घुमक्कड़ फकीर थे अर्थात घुमंतू दरवेश ।

प्रश्न:-कलन्दरिया सिलसिला की स्थापना किसने किया था?

उत्तर:-कलन्दरिया सिलसिला अब्दुल अजीज मक्की ने किया था ।

प्रश्न:-पैगंबर मुहम्मद साहब के साथी कौन थे?

उत्तर:-अब्दुल अजीज मक्की थे जिन्होंने मक्का में कलन्दरिया सिलसिला की स्थापना किया था ।

प्रश्न:-चिशतीय कलन्दरिया का जन्म कैसे हुआ?

उत्तर:-सैय्यद खीज्र रूमी खपरादरी  का बख्तियार काकी से दिल्ली में मिलने पर एक नई उपशाखा ‘चिशतीया कलन्दरिया’ का जन्म हुआ ।

प्रश्न:-कलन्दरिया सिलसिला के कौन सूफी संत थे जिन्होंने 42 बार लंदन की यात्रा किए और 30 साल तक एक ही पत्थर पर बैठे रहे?

उत्तर:-सैय्यद खीज्र रूमी खपरादरी थे ।

प्रश्न:-संस्मरण के समय किस सूफी संत का गर्दन धड़ से अलग हो गया ।

उत्तर:-कुतूबउद्दीन कलंदर जी का ।

प्रश्न:-कलन्दरिया सिलसिला के किस संत को पानीपत में दफनाया गया था?

उत्तर:-शरिफुद्दीन अबू अली कलंदर को दफनाया गया था ।

प्रश्न:-योग कलंदर क्या है?

उत्तर:-सैय्यद मूर्तजा ने योग पद्धति(हिन्दू धर्म) और कलन्दरिया को अपनी किताब में वर्णित किया है जिसका नाम ही योग कलन्दरिया है ।

प्रश्न:-घुमक्कड़ फकीर थे?

उत्तर:-शरिफुद्दीन अबू अली कलंदर ।

Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि कलन्दरिया सिलसिला की स्थापना किसने किया था और इस सिलसिले की क्या विशेषता थी और इनके प्रमुख संत कौन थे? Kalandariya Silsila

मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये।अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा Kalandariya Silsila

और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। Kalandariya Silsila

आप लोगों को और अपना ज्ञानवर्धन करना चाहिए, अगर आप लोगों को लगता है की हमें और क्या पढ़ना चाहिए तो आप www.importantgyan.com के वेबसाईट पर नियमित विज़िट करके अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं ।  Kalandariya Silsila

हमारे कुछ मीनू आप लोगों का राह देखते रहते हैं जैसे-Motivation, Health, sarkari Yojna आदि । आप इनका लाभ जरूर उठायें । आपका दिन शुभ हो! Kalandariya Silsila

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