jivan jine ki kala kaise Sikhe in Hindi-
जीवन जीने के कला का विकास कैसे करें?
नमस्कार साथियों
आज फिर कुछ दिल की बातें शेयर करने का मन किया। क्या करें अंतर्मन की बातों को दफ़न भी तो नहीं कर सकते हैं।जीवन है साथियों कुछ लिखने और पढ़ने की इच्छा करता ही रहता है और दिल कहता है कि थोड़ा दूसरों को भी दे दो।चलिए आज कुछ इस बहुमूल्य जीवन के बारे में बातें कर लेते हैं की आखिर जीवन को कैसे जीयें । जीना तो है ही कुछ रो के और कुछ हँस के।तो हम हँस के ही क्यों न जीलें। jivan jine ki kala kaise Sikhe in Hindi
जिंदगी के इतने रंग चढ़े हैं हमारे जीवन में, जीवन में इतनी जद्दो-जहद है, और मन में पशोपेश है कि मन करता है की सब कुछ ख़त्म कर दें लेकिन क्या ये समाधान है? अभी खुश हो तो जीवन का संघर्ष और आसपास के लोग कहते हैं कि कैसे हंसोगे? लो ये दूसरा पासा और दुखी हो जाओ। क्या करें जनाब। इस बिलखती जिंदगी को कैसे सम्हाले? कोई तो कला होगी जिसको अपना के हम अपने को खुश रख लें। jivan jine ki kala kaise Sikhe in Hindi
हाँ मित्रों कला है ना ! बस उसको विकास करने की जरुरत है। इस जिंदगी के थपेड़ों से लड़ने के लिए।अगर जिंदगी जीने की कला सीख लिए तो विश्वाश करिये आपके जीवन का कायाकल्प ही हो जायेगा।लगेगा की एक नयी जिंदगी,नयी सांसे और नया शरीर मिल गया और नयी ऊर्जा मिल गयी। सब कुछ नया नया लगेगा।
जीवन जीने की कला अगर वाकई आप प्रैक्टिकली सीखिए। कहीं किताब या लेख आपको सिर्फ रास्ता बता सकते हैं लेकिन जो अनुभव और व्यवहार आपको सिखाएगा वो दुनिया के किसी किताब में नहीं मिलेगा। आपके दिनचर्या में जो भी घटना आपके साथ घट रही है उसको आप ध्यान से ऑब्ज़र्व करिये और जिस समस्या या परेशानी को आप ठीक कर सकते हैं उसको ठीक करिये और नहीं कर सकते उसको समय पर छोड़ कर दूसरे काम पर लग जाइये। जीवन में हमेशा माध्यम मार्ग का अनुसरण करें।
अतियशय के तरफ कभी न भागें। अपने जीवन में एक बैलंस बनाइये अपने दिनचर्या में। कुछ भी कर रहे हैं बॅलन्स में करिये और मगन रहिये। जीवन है तो ख़ुशी और दुःख लगा ही रहेगा। इससे कोई नहीं बच पाता है। थोड़ा कम थोड़ा ज्यादा सबके जीवन में परेशानी है। आप अपने आसपास भी ऑब्ज़र्व करें।
मन को शांत करना सीखें:-
सबसे पहले तो मन को शांत रखना सीखना होगा। अगर मन की गतिविधियों को हम अच्छे से समझ लें तो फिर जीवन में शांति आनी शुरू हो जाएगी। मन को वश में तो पूरी तरह से नहीं किया जा सकता है लेकिन इस पर लगाम लगाया जा सकता है। गीता में दो मार्ग बताया गया है मन को शांत रखने के लिए। एक वैराग्य और दूसरा अभ्यास की तलवार। यहाँ वैराग्य का मतलब साधु सन्यासी नहीं बनना है। jivan jine ki kala kaise Sikhe in Hindi
वैराग्य का मतलब है संसार की वस्तुओ के प्रति वैराग्य की भावना का विकास करना। यह एक समझ की कला है। अगर आप मन से समझदार बनेंगे तो काफी फायदा होगा। हमें एक बात तो मन को समझाना ही पड़ेगा की सब कुछ नश्वर है और एक दिन सब ख़त्म हो जाना है। अतिशय मोह और लगाव को ख़त्म करना ही वैराग्य की भावना का विकास करना है।
इसके लिए थोड़ा परमात्मा की शरण लीजिए और भक्ति भावना का विकास कीजिए। भक्ति में पंख लगाइए। वस्तुओं का उपभोग कीजिये उसमें डूबिये मत। मन को बार बार अभ्यास के द्वारा बताईये की ये वस्तुए मेरी जिंदगी नहीं है और मैं हूँ, तो ये वस्तुंए हैं और मैं नहीं तो इन वस्तुओं का क्या मोल मेरे जीवन में। तो फिर मैं इनके पीछे अपने मन को क्यों भगा रहा हूँ? ये वस्तुएं सिर्फ साधन है मेरे जीवन के राह आसान बनाने के लिए।इससे ज्यादा और कुछ नहीं। jivan jine ki kala kaise Sikhe in Hindi
अपने मन को अपना दोस्त साथी और हमराही बनाइये। ये मन अगर आपका साथी बन गया तो विश्वाश करें आपके जीवन में शांति भर देगा और आप मस्ती से झूम उठेंगे।
वर्तमान में रहना सीखें:-
थोड़ा गुन-गुनाना सीखें,वर्तमान के महत्व को समझें यही अपना है और बाकी सब तो एक अच्छा और बुरा सपना है। ना भविष्य आपके हाथ में है और ना भूत को वापस आप ला सकते हैं। जो अपना है ही नहीं तो फिर उसके पीछे क्यों भागना? भूत-भविष्य का झमेला हटाएँ। ये सिर्फ मनुष्य को दुःख ही देता है सुख तो सिर्फ वर्तमान में इसमें जियें और गीत-संगीत का मजा लें।एक शोर फिल्म का गाना है ना-
एक प्यार का नगमा है, मौजों की रवानी है , जिंदगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी कहानी है। कुछ पाकर खोना है , कुछ खोकर पाना है , जीवन का मतलब तो , आना और जाना है। दो पल के जीवन में एक उम्र चुरानी है , जिंदगी और कुछ् भी नहीं , तेरी मेरी कहानी है।
इंसान की बहुत बड़ी ताकत होती है वर्तमान में रहने की। जो आपके दिनचर्या में घटनाएं घट रही है, जो भी हो रहा है, हर पल उसको ध्यान से देखें और समझे और उचित-अनुचित के बीच अंतर करना सीखें।प्रतिक्रिया कम दें हर बात का जवाब देना जरुरी न समझें। कुछ खामोशियाँ भी जबाब ही होता है।जब ख़ामोशी ही जवाब बनने लगता है तो जीवन में बहुत कुछ कमाल का होने लगता है। jivan jine ki kala kaise Sikhe in Hindi
अपने दिल को खुशनुमा बनाएं:-
अपने दिल और मन को हमेशा खुशनुमा बनाने की कोशिश करें। जरा सी बातों पे पिनके नहीं। फालतू की बातों को मन से निकालें। समझे की मेरी जिंदगी से बढ़कर ये सब नहीं है। जब बारिश होती है मित्रों तो फसल वहीँ उगती है जिस खेत को खाद पानी देकर उपजाऊ बनाया गया होता है, कही रोड या खडंजा पर फसल उगते हुए आप लोग देखें हैं। वैसे ही अगर आपका दिल और मन खुशनुमा है तो ईश्वर की कृपा आप ही को मिलेगी। इस बात की गारंटी है।
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भाईचारा की भावना रखें:-
साथियों अपने अंदर एक भाईचारे की भावना का विकास करें। सब ईश्वर की संताने हैं। सब अपने ही भाई बंधू हैं। सब इस जीवन में अपने-अपने कर्म करने आयें है और सबको एक दिन जाना है।एक कहावत है ना-
कुछ दूर तुम चलो और कुछ दूर हम चलें , अगर थकेंगे तो आगे चलके रिक्शा कर लेंगे
जीवन में ईमानदारी का रास्ता अपनायें:-
मैं तो ईमानदारी को जीवन का सबसे बड़ा मंत्र मानता हूँ। ये वो शक्ति है जिसका इंसान तो क्या ईश्वर भी कायल होता है। आप थोड़े देर के लिए परेशां जरूर होंगे लेकिन आपके जीवन में पूर्ण शांति बनी रहेगी और आप हमेशा ऊर्जावान महसूस करेंगे। जीवन जीने की कला का स्तम्भ है।आप खुद के ब्रांड अम्बेस्डर होंगे। लोगों का आपके ऊपर हमेशा विश्वाश रहेगा।jivan jine ki kala kaise Sikhe in Hindi
खुद पर भरोसा रखें:-
जीवन के दौर में अगर खुद पर भरोसा नहीं तो आपका भरोसा किसी पर नहीं होगा। आप देख लीजिये जीवन में जितने लोग ने इतिहास रचा उन्होंने खुद पर भरोसा किया तब वो सफल हुए।
कोलंबस जिसके पास विश्वाश की एक अनुपम कला थी नई दुनिया की खोज में निकल चुका था उसके साथ ९० मल्लाह थे जो नाव पर सवार थे। जब कोलम्बस सफलता के करीब पहुंचा, तो उसके ठीक तीन दिन पहले ही ये मल्लाह वगावत का बिगुल बजाने लगे और एक मीटिंग किये की किस पागल आदमी के साथ हम काम कर रहे हैं? नई दुनिया की खोज के चक्कर में हम ख़त्म हो जायेंगे हमारी अपनी दुनिया उजड़ जाएगी हमारे पास राशन ख़त्म हो गया है केवल तीन दिन का राशन बचा है। अगर वापस जायेंगे तो महीनो लग जायेगा और इसके साथ रहेंगे तो मर जायेंगे।इससे अच्छा इसी को मार दें।
कोलंबस सोया हुआ था उसने सब बातें सुन लिया और उनसे जा के बोला कि हो गयी आप लोगों की मीटिंग और करली मुझे मारने की तैयारी। ठीक है अभी तीन दिन और मुझपर विश्वाश करलो फिर उसके बाद मुझे जब चाहें मार देना मैं विरोध नहीं करूँगा।उसको विश्वाश था की मैं निश्चित ही मंजिल को खोज लूंगा। लोग तैयार हो गए और जैसे ही तीन दिन ख़त्म हुआ उनको धरती दिखाई दी। सब ख़ुशी के मारे उछलने लगे। कोलम्बस उतरा और धरती माँ को प्रणाम किया।अब वो खुद और संसार के नजर में सफल था।
इसके अलावा भी दुनिया में बहुत लोग हैं मैंने तो सिर्फ आपको एक उदहारण दिया है। जब भी आप कोई नया काम शुरू करेंगे तो लोग हसेंगे, पागल कहेंगे और काम को रोकेंगे।जब आप सफल हो जायेगे तो वही लोग सम्मान करेंगे।
नया सीखें:-
जीवन जीना है तो हमेशा नया सिखने की कोशिश करें। जिस दिन आप सीखना छोड़ देंगे उसी दिन से आपका बुढ़ापा शुरू हो जायेगा। शरीर से बुढ़ापा कोई बुढ़ापा नहीं होता। नयी सीखने की कला जिसके पास है वो कभी नहीं गरीब बनेगा।ये मत सोचिये की मेरी उम्र ५० या ६० की हो गयी अब मुझे क्या सीखना। नहीं आप जिस उम्र के पड़ाव पर हैं वहीँ से प्रगति करेंगे। बड़े उम्र में तो अनुभव बेहतरीन होता है उसका उपयोग करके जीवन को सही दिशा दिया जा सकता है। jivan jine ki kala kaise Sikhe in Hindi
एक बार शिवाजी जी जब छोटे थे तो अपने दादा जी के गोदी में बैठे थे और कृष्ण-अर्जुन की कथा अपने दादा जी से सुन रहे थे। तभी उन्होंने दादा जी से कहा की दादा जी मैं भी अर्जुन बनना चाहता हूँ लेकिन मुझे कृष्ण कहाँ मिलेंगे। लगता है मैं अर्जुन नहीं बन पाउँगा। उनको दादा जी ने समझाया की बेटा तु अर्जुन तो पहले बनो श्री कृष्ण तो तुम्हे ढूढ़ते हुए चले आएंगे।
कहने का सार यही है की अगर हमें जो भी बनना है वो पहले मन से बने और क्रिया करें कराने वाला तो कहीं न कहीं मिल ही जायेगा। अगर हमें कोई चीज सीखना है तो पहले करने का मूड तो बनाये बनाएं। सिखाने वाला तो मील ही जायेगा।
विचार शक्ति को मजबूत करें
अगर जिंदगी में आप कुछ करना चाहते हैं तो अपने विचार शक्ति को मजबूत करें।विचारों से आपको जीवन जीने की कला मिलेगी और आपका विश्वाश बढ़ेगा और उन्नति होगी।आप जीवन में एक विचार शक्ति लीजिये की मुझे ये करना है।मैं ये करना चाहता हूँ ,ये पाना चाहता हूँ। बाधाएं आएंगी। लोग हसेंगे। हो सकता है कि पागल भी कहें।लेकिन आपका विश्वाश और विचार मजबूत है तो आपको हासिल होगा।
वाल्ट डिजनी (अमेरिका में डिजनीलैंड बनाया )ने जब कार्टून बनाये तो लोगों ने खूब मजाक बनाया और उसको पागल कहे। अख़बार वालों ने ,प्रकाशक वालों ने भी उसके प्रोपोजल को अस्वीकार कर दिया। सब लोगों ने उसके कार्टून को उठा उठा के फेंक दिया। लेकिन उसको विश्वाश था कि एक न एक दिन मैं सफल हूँगा। वो सफल हुआ और अमीर बना।
आप तमाम उदहारण देख लीजिये। लोगों के अंदर विचार आया और उस पर काम किया और वो सफल हुए।शबरी को भरोसा था राम आएंगे। गुरु भाइयों ने उसके विश्वाश को तोडा लेकिन उसने कहा की नहीं राम आएंगे इस बात की जमानत मेरे गुरु ने दिया है। राम आये और सबके मुँह बंद हुए। अगर आपको अपने पर भरोसा है तो आप दुनिया की तानो को न देखें।
स्थित प्रज्ञ बनें:-
गीता का ये सन्देश सबसे खूबसूरत लगता है। दुःख और सुख में समभाव रहना और खुश रहना।जीवन की सबसे बड़ी कला। होनी तो होगी ही। सुख दुःख को टाला नहीं जा सकता है। अपने मन और मश्तिष्क को लचीला बना के रखें। कुछ लोग तो ऐसे जीते हैं जैसे वो कभी मरेंगे ही नहीं और कुछ लोग तो ऐसे दुःखी होते हैं जैसे उन्होंने कभी जिया ही नहीं। jivan jine ki kala kaise Sikhe in Hindi
जीवन में एक मध्यम मार्ग का अनुशरण करें। ये सबसे बढ़िया मार्ग जो महात्मा बुद्ध ने दिया था।अतिशय को हमेशा दूर रखें।अपनी इच्छाओं को तृप्ति के चक्कर में ना पड़ें ज्यादा।
कर्म योगी बने:-
कर्म को हमेशा प्राथमिकता दें और समय प्रबंधन करें।कर्मयोगी का मन हमेशा शांत रहता है। आप काम में व्यस्त रहेंगे तो जीवन में असफलता कम मिलती है और असफल भी हो गए तो अपना दुबारा एम्पायर खड़ा कर लेंगे। अपने जीवन को व्यवश्थित करें। सम्बन्धो को मजबूत करें। सम्बन्धो में आने वाली छोटी-मोटी बातों को नजर अंदाज करें। परिवार में एकमत रखें और प्रेम व्यवहार बनाये रखें
अपने धर्म को समझें:-
यहाँ धर्म से मतलब हिन्दू-मुस्लिम धर्म से नहीं है बल्कि आपके जीवन के प्रति पहला धर्म कर्त्यब्य है। उसको समझें उसका पालन करें। जो कहें उसको करें। कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए।ये आपका धर्म आपकी ताकत है। आपकी पूंजी है। ये आपका वजूद है।
जब श्री राम जी ने सीता माता को वनवास भेज दिया तब जनक जी राम जी के पास आये। राम जी बहुत दुखी थे। वो जनक जी से बोले की सीता जंगल में कैसे रहेगी ? कौन उसका ख्याल रखेगा? तब जनक जी ने कहा सीता कभी परेशान नहीं होगी क्योंकि उसका धर्म उसके साथ है। सीता माता कर्म की धनी थीं । उनका जीवन के प्रति कर्तब्य ही उनका धर्म था जिसका उन्होंने बखूबी पालन किया।
व्यायाम करें:-
अपने शरीर को स्वश्थ रखने के लिए बहुत जरुरी है की आप नियमित व्यायाम और कसरत करें। अपने समय और शरीर को देखते हुए कुछ योगा और सुबह में टहलें करें।प्रकृति के साथ समय बिताएं, ध्यान और चिंतन करें। हमेशा मुस्कराते और ताजे बने रहें। एक सब्जी वाला हमेशा अपनी सब्जी को ताजा रखता है उस पानी छिड़क के। वैसे ही अपने चहरे पर पानी छिड़कते रहें और मुस्कराते रहें। jivan jine ki kala kaise Sikhe in Hindi
खान-पान का ध्यान रखें:-
क्या खाना है और क्या नहीं इसका बखूबी ध्यान रखें। कुछ भी खा लिया कुछ भी पी लिया,ये आदत छोड़े।अपने पाचन शक्ति का ध्यान रखें। इस पर मैंने लेख लिखा हुआ है आप इसको जरूर पढ़ें और पालन करें।
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भक्ति करें:-
हमें दुनिया के झमेले से थोड़ा हटके ईश्वर की आराधना और भक्ति में आनंद लेना चाहिए।हमें अपने दिनचर्या में प्रार्थना को शामिल करना चाहिए और धन्यवादी होना चाहिए। प्रभु से कहना चाहिए की हे प्रभु हमें इतनी शक्ति दे ताकि हम अपने अच्छे और बुरे परिश्थितियों को समझ पाएं।जिन परिश्थियों को बदल सकते हैं उनको बदल पाएं और जिनको नहीं बदल पाएं उनको उसी रूप में स्वीकार करने की क्षमता प्रदान करें और इनमे अंतर करने की शक्ति दें।jivan jine ki kala kaise Sikhe in Hindi
अध्यन करते रहें:–
हमें नियमित अच्छे पुस्तकों और पत्रिकाओं का चुनाव करके पढ़ने की आदत डालना चाहिए और उसको जीवन में उतारना चाहिए। पढ़ते रहने से एक बहुत ही अच्छी फिलिंग आती है और अपने अंदर स्टूडेंट बने रहने की भावना का विकास होता है और हमेशा लगता है की हमारी उम्र अभी कम है। प्रेणादायी पुस्तके पढ़ें।jivan jine ki kala kaise Sikhe in Hindi
ना कहना छोड़ें:-
जीवन में ना कहने की आदत छोड़ें की हमसे ये नहीं हो पायेगा,मेरा माहौल ठीक नहीं हो पायेगा,मैं आगे नहीं बढ़ पाउँगा। ये बातें हमेशा आपको कमजोर बनाती है और आपके माहौल में नकारात्मकता का विकास करती हैं। सोचिये जिंदगी बहुत आसान है हम लोग अपने टिपिकल माइंड से मुश्किल बनाये रखते हैं। jivan jine ki kala kaise Sikhe in Hindi
दिखावे से दूर रहें
कलह-क्लेष, द्वेष, ईर्ष्या को दूर रखें। दिखावे की जिंदगी से परहेज करें। किसी के तारीफ और बुराई कर देने से आप बड़े और छोटे नहीं हो जायेंगे। सच्चाई को स्वीकार करें। जो है वो है, जो नहीं है तो नहीं है। अगर मैं सही हूँ तो सही हूँ। फोटोकॉपी क्यों बनना? आप जैसे हैं अगर उसी रूप में आपको स्वीकार किया जाय, वही सही है। किसी का बनने के लिए हम खुद को क्यों बिगाड़ें? यही सच्चा प्यार है जो आपका जीवन भर साथ देगा।jivan jine ki kala kaise Sikhe in Hindi
मित्रों इस लेख में मैंने जीवन जीने की कला के बारे में बताने की कोशिश किया है कि आप इसको सीख कर अपने जीवन को कैसे बेहतर बना सकते हैं। अब मेरी लेखनी को यहीं विराम करने की अनुमति दीजिए। अगर कहीं कोई कमी वेशी रह गयी हो तो छमा चाहता हूँ और कोई आपके मन में प्रश्न या सुझाव हो तो जरूर शेयर करें।
FAQ
Q.:-हम हमेशा मोटीवेट कैसे रहें ?
Ans.:-आप जीवन जीने की कला सीख लें उससे आप मोटीवेट रहेंगे।लेकिन साथ ही आप इस बात का ध्यान रखें की के व्यक्ति चाहें की वो परमानेंट मोटीवेट रहे तो ये मुश्किल है। रोज फुल खिलते हैं और शाम को मुरझा जाते हैं फिर ऐसे है ताउम्र चलता रहता है। वैसे ही आपके जीवन में होता है। जरुरत है तो अपने जीवन को समझने की। अगर आपके पास अभ्यास और वैराग्य का अच्छा ज्ञान है अपने जीवन में स्थितप्रज्ञ रहना सीख गए तो जीवन खुशनुमा रहेगा आपका।
Q.:-क्या हम जीवन जीने के कला सीख के अपनी सारी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं?
Ans.:-जीवन की सारी समस्याऍ कभी ख़त्म नहीं होती। हां इतना जरूर है की हम अपने जीवन की छोटी मोती उलझने सुलझा सकते हैं। संसार को कोई भी मनुष्य ऐसा नहीं है की उसने अपने जीवन की सारी समस्यायों का समाधान खोज लिया हो। यहाँ तक भगवान राम भी साक्षात् ईश्वर होते हुए भी अपने सम्पूर्ण जीवन की समस्याओं का समाधान नहीं कर पाए। ताउम्र मुश्किलें आती रहीं।
Q.:-क्या ये संभव है की हमेशा हम खुश रहें?
Ans.:-अगर आप अपने जीवन की छोटी मोती उलझनों को ख़त्म करें और व्यावहारिक बुद्धि रखें तो आप संभव की आप के चहरे पर ख़ुशी झलकती रहेगी। सबसे ज्यादा जरुरी है एक नियमित अभ्यास की। हमेशा खुश रहने के लिए एक ब्रत उठा लीजिये। कृष्ण भगवान ने तो इसको एक तप कहा है। और इस तप को तो हमेशा करना चाहिए।मस्त मगन रहिये।जीवन में तो दुःख सुख आते जाते रहेंगे। कुछ पल के लिए दुखी भी हो गए तो फिर से मुस्कराइए।बात मानिये बड़ा मजा आएगा।
aapne bahut hi badhiya se samjhaya…Age bhi hamara margdarshan karte rahe
Bahut khub… Please continue to write
thank you