हज़रत फ़िरदौस मकानी-Babur In Hindi
नमस्कार साथियों!
Important Gyan के इस सीरीज में आप सभी का स्वागत है । आज हम मुगल वंश के संस्थापक जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल करेंगे । Babur In Hindi
हम पढ़ेंगे की बाबर कौन था । इनका संबंध किस कुल से था । बाबर के माता पिता का क्या नाम था। बाबर को भारत कौन बुलाया था । बाबर का पुत्र कौन था । भारत का प्रथम मुगल शासक कौन था । बाबर की कुल कितनी पत्नियाँ थीं । बाबर का पूरा नाम क्या था । बाबर ने भारत पर कितनी बार आक्रमण किया था । बाबर की मृत्यु कैसे हुई?
मुगल वंश का संस्थापक
मुग़ल वंश का संस्थापक बाबर था । भारत का प्रथम मुगल शासक बाबर ही था। यह तुर्की नस्ल के चगताई कुल से संबंधित था । इसको आमतौर पर मुगल कहा जाता था । चंगेज खान के बेटे चगताई के नाम पर इसका नाम पड़ा । Babur In Hindi
बाबर का पूरा नाम क्या था
बाबर का पूरा नाम जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर था । बाबर को तबकात-ए-अकबरी के लेखक निजामुद्दीन अहमद ने ‘हज़रत फिरदौसी मकानी’ कहा है । Babur In Hindi
बाबर का जन्म कब हुआ था?
बाबर का जन्म 14 फरवरी 1483 ईस्वी में हुआ था । इसका जन्म स्थान फरगना था । आपको बता दें की फरगना वर्तमान उज्बेकिस्तान में पड़ता है । । इसकी सही स्थिति मावरून नहर या ट्रांसआकसियाना, मध्य एशिया में है । फरगना की राजधानी आनदिजान था ।
बाबर के माता पिता का क्या नाम था
बाबर के पिता का नाम-उमर शेख मिर्जा बाबर के माता का नाम-कुगलुग निगार खानम था । बाबर पितृ पक्ष से तैमूर का पंचवा वंशज और मातृ पक्ष से चंगेज का 14 वाँ वंशज था। तैमूर तुर्क था और चंगेज खान मंगोल था ।
बाबर फरगना की गद्दी पर आसीन
जब बाबर 11 वर्ष 4 महीने का था तो इसके पिता उमर शेख मिर्जा की मृत्यु कबूतर उड़ाते हुए हो गई थी। अतः इसी उम्र में बाबर फरगना की गद्दी पर बैठा लगभग 1494 ईस्वी में। बाबर की दादी एहसानदौलत बेगम ने बाबर का राज्याभिषेक किया था । Babur In Hindi
बाबर ने पहली बार समरकन्द को जीतने का प्रयास किया
1496 ईस्वी में बाबर ने समरकन्द को पहली बार जीतने का प्रयास किया लेकिन असफल रहा । इसने दूसरी बार 1497 ईस्वी में जीत लिया। लेकिन दुर्भाग्य से 100 दिन के बाद ही समरकन्द इसके हाथ से निकल गया ।
बाबर ने अपना प्रसिद्ध वाक्य यहीं कहा था की “मैंने रमजान का त्योहार एक ही स्थान पर दो बार नहीं मनाया”।
सराय-ए-पुल का युद्ध
यह युद्ध बाबर और शैबानी खान उजबेग के मध्य लड़ा गया था । इस युद्ध में शैबानी खान ने बाबर को पराजित किया था और बाबर को कुछ समय के लिए मध्य एशिया की राजनीति से अलग कर दिया ।
1504 -ईस्वी में बाबर ने काबुल और गजनी पर अधिकार कर लिया था ।
1507– ईस्वी में बाबर ने काबुल की दृष्टि से सबसे पहले बादशाह की उपाधि धारण किया था ।
1508– ईस्वी में माहमबेगम के गर्भ से हुमायूँ का जन्म हुआ था ।
1511– ईस्वी में बाबर ने समरकंद को जीत लिया था ।
1512– ईस्वी में बाबर को कुल-ए-मलिक नामक स्थान पर ऊबैदुल्ला खान उजबेग को पराजित किया था। इसी के बाद से बाबर का मध्य एशिया की रजनीति से हमेशा के लिए पत्ता कट गया ।
बाबर का भारत की राजनीति में हस्तक्षेप
बाबर ने अपनी आत्मकथा तूजुक-ए-बाबरी में इस बात का स्पष्ट रूप से जिक्र किया है की “जब मैं भारत पर आक्रमण किया तब भारत में पाँच मुसलमान राजा और दो हिन्दू राजा थे । Babur In Hindi
प्रदेश | मुसलमान राजा |
---|---|
दिल्ली | इब्राहीम लोदी |
गुजरात | बहादुर शाह |
बंगाल | नुसरत देश |
मालवा | महमूद खिलजी-II |
बहमनी | कलीम |
प्रदेश | हिन्दू राजा |
---|---|
मेवाड़ | राणा सांगा |
विजय नगर | कृष्ण देव राय |
दो सेना के तोपची– उस्ताद अली कुली & उस्ताद मुस्तफा
बाबर ने प्रस्थान करने से पहले इब्राहीम लोदी के पास दूत भेजा । इस समय पंजाब का सूबेदार अर्थात राज्यपाल दौलत खान लोदी था और इसका इब्राहीम लोदी से ठीक संबंध नहीं था । इब्राहीम लोदी का चाचा आलमखान लोदी था । Babur In Hindi
जब बाबर ने इब्राहीम लोदी के पास दूत भेजा तो पंजाब के सूबेदार दौलत खान लोदी ने उस दूत को रास्ते में ही मरवा दिया ।
बाबर को भारत कौन बुलाया था?
आपके जानकारी के लिए बता दें की बाबर को भारत पर आक्रमण करने के लिए इन लोगों ने निमंत्रण भेजा था-
- दौलत खान लोदी
- राणा सांगा
- आलम खान लोदी
- दिलावर खान
बाबर ने भारत पर कितनी बार आक्रमण किया था?
1519 ईस्वी में बाबर ने भारत पर आक्रमण करना शुरू किया । इसने सीमावर्ती दो किलों बाजोर और भेरा को जीता और यहाँ का प्रबंध हिन्दूबेग को सौंप दिया । Babur In Hindi
Sept 1519 ईस्वी में दूसरे अभियान में खैबर दर्रा होते हुए पेशावर पर आक्रमण किया ।
1520 ईस्वी में बाबर ने तीसरे अभियान में बाजौर और भेरा को पुनः जीता और इसके साथ ही पंजाब के सियालकोट और सैयदपुर को जीता ।
1524 ईस्वी में बाबर ने चौथे आक्रमण के समय लाहौर, सुल्तानपुर,मुल्तान,डिपालपुर और पूरे पंजाब को जीत लिया ।
1525 ईस्वी में बाबर ने अपने पांचवें अभियान में दौलत खान लोदी को बंदी बनाकर भेरा नगर भेज दिया लेकिन मार्ग में ही उसकी मृत्यु हो गई । इस तरह बाबर ने कुल पाँच बार भारत पर आक्रमण किया ।
Nov 1529 ईस्वी में बाबर भारत के लिए चल दिया और मार्च 1526 ईस्वी में पानीपत पहुँच गया ।
अभियान | विजित स्थान |
---|---|
प्रथम | बाजौर और भेरा |
द्वितीय | पेशावर |
तृतीय | बाजौर,भेरा,सैयदपुर,सियालकोट |
चतुर्थ | पंजाब,लाहौर, मुल्तान, डिपालपुर,सुल्तानपुर |
बाबर द्वारा विजित प्रमुख युद्ध:- Babur In Hindi
प्रमुख युद्ध | किसके बीच लड़ा गया |
---|---|
पानीपत का प्रथम युद्ध-1526 | बाबर X इब्राहीम लोदी |
खानवा का युद्ध-1527 | बाबर X राणा सांगा |
चँदेरी का युद्ध-1528 | बाबर X मेदनी राय |
घाघरा का युद्ध-1529 | बाबर X महमूद लोदी |
पानीपत का प्रथम युद्ध-1256 ईस्वी
बाबर ने अपनी आत्म कथा में इस बात का जिक्र किया है की इब्राहीम लोदी के पास एक लाख सैनिक और एक हजार हाथी थे और बाबर के पास 12000 सैनिक जो आगे चलकर 25000 हो गये । Babur In Hindi
बाबर और लोदी के सेना का अनुपात 1:5 का था ।
बाबर ने युद्ध में तुलगमा पद्धति का प्रयोग किया था । इस पद्धति को बाबर ने उजबेको से सीखा था ।
तोप का संचालन अलीकुली खान और बंदूक का संचालन मुस्तफा कर रहे थे । आपको बता दें की तोपों का प्रथम बार प्रयोग बाबर ने इस युद्ध में किया था ।
इस युद्ध में इब्राहीम लोदी हार गया । इब्राहीम लोदी मध्य काल का ऐसा शासक था जो युद्ध में लड़ते हुए मारा गया । इब्राहीम लोदी के साथ लड़ाई में हिन्दूशासक विक्रमाजीत मारे गए । इस तरह देखा जाए तो इसके बाद ही लोदी वंश का अंत भारत से हो गया ।
बाबर ने 1526 ईस्वी में भारत के बादशाह की उपाधि धारण किया था । 1507 ईस्वी में काबुल के बादशाह की उपाधि धारण किया था । Babur In Hindi
“जिस प्रकार बाबर के पूर्वज तैमूर ने तुगलक वंश के राज्य का अंत किया उसी प्रकार बाबर ने दिल्ली से लोदी वंश का अंत किया ।“-आर पी त्रिपाठी
“भारत में बाबर की सफलता का श्रेय उसके तोपखाने को है।“-रसब्रुक विलियम
“इब्राहीम लोदी अनुभवहीन था बिना किसी योजना के आगे बढ़ता, रुकता और बिना दूरदर्शिता के निर्णय लेकर युद्ध करता”-बाबर
बाबर ने सीखा था?
उजबेगो से | तुलगमा |
इरानियों से | बंदूक चलाना |
तुर्कों से | अश्वारोही |
माँगोलों & अफगानों से | शत्रु को लालच देकर फ़साना |
आपको बता दें की बाबर ने बयाना, धौलपुर, काल्पी को जीतकर राणा सांगा को नहीं सौंपा था । बाबर और राणासांगा के बीच सैनिकों का अनुपात 1:8 था । Babur In Hindi
इधर रायसीन का सिलहदी,हसन खान मेवाती, इब्राहीम लोदी का भी महमूद लोदी और चाचा आलमखान ने राणासांगा के साथ खनवा के युद्ध में भाग लिया था जिसे रशबुक विलियम ने एक “अपवित्र गठबंधन” कहा था ।
श्रीराम शर्मा ने कहा की “विदेशी शत्रु को बाहर निकालने का एक संयुक्त राष्टीय प्रयत्न था ।“ हसन खान मेवाती इस युद्ध में मारा गया । Babur In Hindi
काबुल के प्रसिद्ध ज्योतिष मोहम्मद शरीफ ने भविष्यवाणी की थी की “खनवा के युद्ध में बाबर की पराजय हो जाएगी ।
बाबर ने इस युद्ध को जेहाद(धर्म युद्ध) घोषित किया और साथ ही तमगा नामक कर मुक्त कर दिया ।
राणासांगा ने आगरा के पास वसावर में अपनी सेना का शिविर लगाया और एक महीने तक रहा । खनवा(भरतपुर वर्तमान)
इस युद्ध में तोपों का संचालन अलीमुस्तफा और उस्ताद अली देख रहे थे । तुलगमा के लिए मीर कासिम और मुनीम अली को नियुक्त किया गया । Babur In Hindi
ए एल श्रीवास्तव ने कहा की “ जीत तुला की भांति लटक रही थी”
इस युद्ध में राणासांगा घायल हो गए और सैनिक इन्हे युद्ध से वापस उठा ले गए । इस युद्ध में बाबर की जीत हुई । इस युद्ध में विजय के बाद बाबर ने ‘गाजी’ की उपाधि धारण किया था । गाजी का अर्थ होता है ‘काफिरों का वध करने वाला । Babur In Hindi
खनवा का युद्ध बाबर के लिए निर्णायक साबित हुआ था ।
चँदेरी का युद्ध-1528 ईस्वी
इस युद्ध में सभी महिलाओं और बच्चों ने जौहर कर लिया और राजपूत लड़ते हुए पराजित हुए। बाबर ने विजय के साथ पुनः गाजी की उपाधि धारण किया । इसके साथ ही बाबर ने मेदनी राय की दो लड़कियों को ले लिया । Babur In Hindi
इसी युद्ध में बाबर के साथ शेरशाह सूरी भी था जिसेन कहा की अगर भाग्य ने साथ दिया तो मैं मुगलों को भारत से हमेशा के लिए समाप्त कर दूंगा ।“
आपको बता दें की चँदेरी का जौहर इतिहास का सबसे विशाल जौहर था । Babur In Hindi
घाघरा का युद्ध:- मई 1529 ईस्वी
यह बाबर का अंतिम युद्ध था । इस युद्ध में बीबन और वायजिद को अफगानों की सेवा प्राप्त था । इनको 16 वीं शताब्दी का आल्हा रूदल कहा जाता था ।
इस युद्ध में बंगाल का शासक नुसरत शाह अफगानों की मदद कर रहा था । इस युद्ध में बाबर ने अफगानों को बुरी तरह पराजित किया था ।
मध्यकालीन भारत का ऐसा पहला युद्ध जो जल और थल दोनों पर लड़ा गया था ।
बाबर ने बिहार को एक करोड़ का खालसा बनाकर महमूद खान उआर जलाल खान के बीच बाँट दिया ।
बाबर की मृत्यु कैसे हुई?
विद्वानों ने इस बात का हवाला दिया है की हुमायूँ की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी । मीर अब्दुल बका बाबर का हाकिम था । ये वैद्य थे और इन्होंने हुमायूँ का इलाज किया चूंकि हालत बहुत ज्यादा गंभीर थी अतः इन्होंने बाबर को कहा की आप कोई कीमती वस्तु दान कर दें जिससे शायद हुमायूँ की तबीयत में सुधार हो जाए । Babur In Hindi
बाबर ने स्वयं को अल्लाह के नाम पर दान कर दिया और प्रार्थना किया किया हुमायूँ को ठीक कर दें और इसके बदले मेरी जान ले लें। इस तरह कुछ समय बाद हुमायूँ ठीक हो गया लेकिन बाबर की हालत बिगड़ने लगी और अंततः 26 दिसंबर 1530 ईस्वी को बाबर इस दुनिया से कूच कर गए । Babur In Hindi
आपको बता दें की बाबर को आगरा में आरामबाग में जमींदोश कर दिया गया । आराम बाग बाबर ने ही बनवाया था। बाबर की पत्नी बीबी मुबारक यूसुफजाई ने शेरशाह के शासन काल में ही बाबर को आरामबाग से उखड़वाकर जरफ़साबद में दफन किया गया जिसका निर्माण बाबर ने अपने जीवन काल में किया था । बाबर को काबुल में दफनाया गया था। Babur In Hindi
बाबर का प्रशासन
बाबर के अधीन दीवान-ए-विजारत था जिसका प्रमुख वजीर होता था । बाबर अपने प्रमुख वजीर ‘निजामुद्दीन खलीफा को शाही भाग्य का प्रमुख स्तम्भ कहता था । मीर बक्शी-सेनापति होता था । दीवान-ए-तोपखाना उस्ताद अली था ।
वजहदार-कन्नौज के पूर्व जौनपुर को छोड़कर अफ़गान वजहदारों को मान्यता दे दिया बाबर ने । जौनपुर में बाबर का प्रतिनिधि जुनैद बरलास था । निश्चित भू-भाग का भू-राजस्व । इसको परिवार और सेना पर खर्च किया जाता था । हिन्दू जागीरदारों को बाबर ने मान्यता दे दी ।
बाबर ने अमीरों के माध्यम से शासन किया । बाबर ने अमीरों, जागीरदारों और वजहदारों पर नियंत्रण रखने हेतु हाकिम नियुक्त किया ।
आपको बता दें की बाबर के सिक्कों पर शियामंत्र उल्लिखित है । बाबर ने सड़कों की माप हेतु ‘गज-ए-बाबरी’ का प्रयोग किया । बाबर को अपने अमीरों पर 30% कर लगाना पड़ा ।
बाबर की धार्मिक नीति
बाबर एक कट्टर सुन्नी मुस्लिम था और सुन्नीमत स्वीकार कर लिया । इसकी दोनों पत्नियाँ माहम बेगम और गुलरूख बेगम शिया थी । उर्वा के जैन मंदिरों को बाबर ने गिरवा दिया ।
निर्माण कार्य
पानीपत के काबुली बाग की मस्जिद और संभल की जामे मस्जिद । दिल्ली, धौलपुर और बयाना में 1491 कारीगर कार्य करते थे । बाबर के सेनापति मीरबाकी जिन्होंने 1528 में बाबरी मस्जिद का निर्माण अयोध्या में किया था ।
चित्रकला
बाबर ने ईरान के चित्रकार बेहजाद और शाह मंसूर की अपनी आत्मकथा में प्रशंसा किया है ।
साहित्य
बाबर ने अपनी आत्मकथा तूजुक-ए-बाबरी या वाकयात-ए-बाबरी या बाबरनामा तुर्की भाषा में लिखा । मध्य काल की एकमात्र पुस्तक जिसकी शुरुवात बिना प्रस्तावना के लिखी गई थी । आपको बता दें की बाबर दो आदमियों को दबाकर भाग सकता था और बाढ़ में गंगा नदी को पार कर दिया था । घोड़े पर बैठकर 80 मिल की दूरी तय करता था ।
प्रश्न:-बाबर को आरामबाग से कहाँ दफनाया गया था?
उत्तर:-बाबर को आरामबाग से काबुल में दफनाया गया था ।
प्रश्न:-बाबर ने किस प्रदेश के एक करोड़ का खालसा बनाकर दो सरदारों में बाँट दिया था?
उत्तर:-बिहार प्रदेश को ।
प्रश्न:-बाबर के समय का वह युद्ध जो जल और थल दोनों पर लड़ा गया था?
उत्तर:-घाघरा का युद्ध ।
प्रश्न:-इतिहास में सबसे विशाल जौहर किस युद्ध में हुआ था?
उत्तर:-चँदेरी के युद्ध में ।
प्रश्न:-बाबर के साथ शेरशाह सूरी ने किस किस युद्ध में भाग लिया था?
उत्तर:-चँदेरी के युद्ध में भाग लिया था ।
प्रश्न:-बाबर ने पहली बार किस युद्ध में विजय के पश्चात ‘गाजी’ की उपाधि धारण किया था?
उत्तर:-खानुवा के युद्ध के पश्चात ।
प्रश्न:-बाबर ने किस युद्ध को जेहाद(धर्म युद्ध) घोषित किया?
उत्तर:-खानुवा के युद्ध को ।
प्रश्न:-ए एल श्रीवास्तव ने किस युद्ध को कहे की “जीत तुला की भांति लटकी रही” ।
उत्तर:-खानुवा के युद्ध को ।
प्रश्न:-राणा सांगा और बाबर के बीच कौनसा युद्ध हुआ था?
उत्तर:-खानुवा का युद्ध।
प्रश्न:-बाबर का एक और नाम ‘हज़रत फ़िरदौस मकानी’ किसने रखा?
उत्तर:-निजामुद्दीन अहमद ने ।
उत्तर:-पानीपत का प्रथम युद्ध ।
प्रश्न:-बाबर द्वारा लड़े गए युद्ध का क्या क्रम था?
उत्तर:-पानीपत का प्रथम युद्ध>खनवा का युद्ध>चँदेरी का युद्ध>घाघरा युद्ध ।
प्रश्न:-बाबर द्वारा लड़ा गया अंतिम युद्ध था?
उत्तर:-बाबर द्वारा लड़ा गया अंतिम युद्ध घाघरा का युद्ध था ।
प्रश्न:-बाबर ने तुलगमा पद्धति सीखा था?
उत्तर:-बाबर ने तुलगमा पद्धति उजबेगो से सीखा था ।
प्रश्न:-बाबर ने तोपों का प्रथम बार प्रयोग किया था?
उत्तर:-बाबर ने तोपों का प्रथम बार प्रयोग किया था पानीपत के प्रथम युद्ध में ।
प्रश्न:-शत्रु को लालच देकर फंसाना किस्से सीखा था?
उत्तर:-माँगोलों और अफगानों से ।
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