मध्य पाषाणकाल सर्वप्रथम कब्रिस्तान और मानव अस्थिपंजर Mesolithic age in hindi मध्य पाषाणकाल से जुड़ी कुछ बेहतरीन जानकारियाँ!

मध्य पाषाणकाल सर्वप्रथम कब्रिस्तान और मानव अस्थिपंजर Mesolithic age in hindi मध्य पाषाणकाल से जुड़ी कुछ बेहतरीन जानकारियाँ!

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12 भारत में मध्य पाषाण काल के प्रमुख स्थल-Mesolithic sites in India

नमस्कार सथियों!

Important Gyan के इस सीरीज में आप सभी का स्वागत है । साथियों आज के इस लेख में हम आपको मध्य पाषाण काल के बारे में कुछ बेसिक और बहुमूल्य जानकारियाँ प्रदान करेंगे । ये लेख आप लोगों को बहुत ज़्यादा फायदा पहुंचाने वाला है । Mesolithic age in hindi

इसके पहले के लेख में हमने आपको पुरा पाषाण काल के बारे में विस्तार से समझाया है आप उसको जरूर पढ़ें और अपना ज्ञानवर्धन करें । मध्य पाषाण काल के बारे में जानेंगे की मध्य पाषाण युग किसे कहते हैं । मध्य पाषाण शब्द से आप क्या समझते हैं । मध्य पाषाण काल में क्या बदलाव आए । मध्य पाषाण काल में पशुपालन के प्रमाण ।

नीचे हमने कुछ इस लेख से संबंधित प्रश्नोत्तरी भी दिया है बहुविकल्पीय रूप में आप उसको जरूर हल करें और अपने कुछ सुझाव भी दें ।

Paleolithic age in Hindi

मध्य पाषाण युग(Mesolithic age) की खोज किसने किया था?

भारत में मध्य पाषाणकाल के बारे में सबसे पहले जानकारी सी एल कार्लाइल महोदय ने दिया था । इन्होंने संन 1867 ईस्वी में विंध्यक्षेत्र से लघुपाषाण उपकरण(Microliths) खोज लिया था । इसके बाद तो खोजों का सिलसिला ही जारी हो गया और भारत में बड़े पैमाने पर उत्खनन कार्य शुरू हो गया । इससे पाषाण काल के बारे में विशेष जानकारियाँ बढ़ने लगीं ।Mesolithic age in hindi

मध्य पाषाण काल में क्या बदलाव आए

पुरा पाषाण काल के अंतिम दौर में अर्थात उच्च पुरा पाषाण काल में बहुत ही बड़े पैमाने पर जलवायु में परिवर्तन आया । इस समय तक हिमयुग की समाप्ति हुए और तापमान में काफी वृद्धि होने लगी । लगभग ईस्वी पूर्व 9000 में मध्यवर्ती काल आया इसी को मध्य पाषाण काल कहा जाता है।

मध्य पाषाण युग किसे कहते हैं?

यह उच्च पुरा पाषाण काल और नव पाषाण काल के बीच का काल है । इसी लिए इसको मध्य पाषाण काल कहा जाता है । यह ईस्वी पूर्व 9000 शुरू हो जाता है । यह पुरा पाषाण युग और नव पाषाण युग के बीच का संक्रमण काल था । Mesolithic age in hindi

जब हिमयुग की समाप्ति होने लगी और तापमान में वृद्धि हुई तो अब मौसम में गर्मी और सूखा आने लगा।  इस जलवायु परिवर्तन से काफी चीजें धीरे धीरे बदलने लगी । अब पर्यावरण में छोटे छोटे जीव जन्तु, वनस्पतियाँ आदि के विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ और आदि मानव नए क्षेत्रों की ओर अग्रसर होने लगे । Mesolithic age in hindi

चूंकि पुरा पाषाण काल में बेढंगे और अपरिष्कृत औजारों का प्रयोग हमारे आदि मानव करते थे लेकिन इस जलवायु परिवर्तन ने उनको भी इसके अनुकूल जीवन जीने के लिए मजबूर कर दिया । छोटे छोटे जीव जन्तु और पेड़ पौधों को मारने और काटने के लिए इसी के अनुकूल छोटे छोटे औजार हथियार का आविष्कार जरूरी हो गया ।

अतः इस काल में बहुत बहुत छोटे छोटे औजार और हथियार बनने लगे । जिससे भागते हुए जीवों को हथियार फैंक कर मारा जा सके । अतः इस कारण इस काल में प्रक्षेपास्त्र कला का विकास हुआ । अब तीर कमान भी विकसित होने लगा । Mesolithic age in hindi

मध्य पाषाण काल का समय क्या था- Mesolithic period

मध्य पाषाण काल का समय ईस्वी पूर्व 10000 से लेकर 8000 ईस्वी पूर्व था ।

मध्य पाषाण काल के प्रमुख पत्थर?

मध्य पाषाण काल के लोग मुख्य रूप से कैल्सिडोनी,स्फटिक,कार्नेलियन आर्गेट इसके अलावा हड्डी और सिंह निर्मित उपकरण इस काल में देखने को मिलता है ।

मध्यपाषाण काल के औजार-Mesolithic tools?

मध्य पाषाण काल में सूक्ष्म पाषाण उपकरण बड़े पैमाने पर बनने लगे थे । इसमें व्यूरिन, स्क्रैपर, टेढ़े ब्लैड, बेधक आदि तो थे ही साथ ही मुख्य औजार इस काल के थे -त्रिभुज,नव चंद्राकार और संबलम्ब आकार के उपकरण देखने को मिलता है । इसी काल में प्रक्षेपास्त्र तकनीकी का विकास हुआ और साथ ही तीर कमान का विकास हुआ । Mesolithic age in hindi

Microliths meaning in Hindi

माइक्रोलिथ का अर्थ होता है लघुपाषाण उपकरण या सूक्ष्म उपकरण जो मध्य पाषाण काल में बड़े पैमाने पर बनने लगे थे । इस समय बहुत ही छोटे छोटे पत्थर के औजार बन रहे थे ।

मध्य पाषाण काल (Mesolithic age food) के लोगों का भोजन

मध्य पाषाण काल के लोग अपना भोजन शिकार करके, मछली पकड़ करके और किसी तरह खाद्य वस्तुएं इकट्ठा करके ही बटोर पाते थे । आगे चलकर इन्होंने पशुपालन भी शुरू कार दिया था ।

मध्य पाषाण काल में पशुपालन के प्रमाण

मध्य पाषाण काल में पशुपालन के साक्ष्य मिलने लगते हैं । लेकिन यहाँ एक बात आप ध्यान रखें की पशुपालन इस युग के अंत में शूरु हुआ था लेकिन इससे अर्थव्यवस्था नहीं चलती थी अर्थात व्यापार नहीं होता था । पशुपालन के प्राचीनतम साक्ष्य मध्य प्रदेश के आदमगढ़ और राजस्थान के बगोर से मिलता है ।

मध्य पाषाण काल की मुख्य विशेषतायें?

मध्य पाषाण काल के मानव लघु या सूक्ष्म पाषाण उपकरण का प्रयोग शुरू कर दिए थे । इस काल में खुदाई के दौरान कब्रिस्तानों की संख्या बड़े पैमाने पर मिलने लगता है । आपके जानकारी के लिए बता दें की इसी काल से सबसे पहले मानव अस्थिपंजर मिलने लगता है । Mesolithic age in hindi

मध्य पाषाण काल के लोग सबसे पहले पशुपालन की शुरुवात कर देते हैं । मध्य पाषाण काल में ही पत्थर के औजारों के साथ ही हड्डी और सिंह निर्मित औजार मिलने लगता है । ये लोग आग का प्रयोग शुरू कर देते हैं ।

मध्य पाषाण काल के मानव अपने अंतिम चरण में कृषि और वर्तनों का निर्माण शुरू कर देते हैं । सराय नाहर राय और महदहा से मिले समाधियों से इनके अंत्येष्टि संस्कार के बारे में विस्तार से जानकारी मिलने लगता है और साथी ही मध्य पाषाण काल के मानव के लोकोत्तर जीवन में विश्वास किस धारा समझ में आने लगती है । Mesolithic age in hindi

भारत में मध्य पाषाण काल के प्रमुख स्थल-Mesolithic sites in India

मध्य पाषाण काल में भारत में बड़े पैमाने पर खुदाई प्रारंभ हुई जिससे बहुत सारे स्थल सामने आए । इसके बारे में और अधिक जानकारी लें

राजस्थान के प्रमुख स्थल

राजस्थान राज्य के भीलवाडा जिले में बागोर एक मध्य पाषाण काल का प्रमुख स्थल । बगोर स्थल के बारे में और अधिक पढ़ें-

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Bagore

गुजरात राज्य के प्रमुख स्थल

राजस्थान राज्य के मोहसाना जिले में मध्य पाषाण काल का प्रमुख स्थल । इसके बारे में और अधिक जानकारी लें

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Langhnaj

आंध्र प्रदेश में मुख्य स्थल थे-

नागाअर्जुनकोंड , गिदलूर और रेनिगुंटा आदि । यहाँ से मध्य पाषाण काल के उपकरण प्रकाश में आए हैं ।

कर्नाटक राज्य के प्रमुख स्थल

कर्नाटक राज्य के बेल्लारी जिले में संगनकल्लू एक प्रमुख स्थल जिसकी खुदाई सुब्बाराव और एच डी संकलिया ने किया था ।

तमिलनाडु राज्य के प्रमुख स्थल

इस राज्य के तिरूनवेली जिले में टेरी से बहुत से बहुत सारे मध्य पाषाण काल के उपकरण प्रकाश में आए हैं । यहाँ से लघु पाषाण उपकरण प्राप्त हुए हैं ।

मध्य प्रदेश राज्य के प्रमुख स्थल

यहाँ के एक प्रमुख स्थल आदमगढ़ से लघु पाषाण उपकरण प्राप्त हुए हैं। रायसेन जिले में भीमबेटका से भी मध्य पाषाण काल के उपकरण प्राप्त हुए हैं ।

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Adamgarh

Bhimbetka

पश्चिम बंगाल के प्रमुख स्थल

पश्चिम बंगाल के वर्दवान जिले से भी मध्य पाषाण काल के कुछ उपकरण प्राप्त हुए हैं । 1954 से लेकर 1957 ईस्वी तक यहाँ बी बी लाल ने उत्खनन कार्य करवाया था।  यहाँ से लगभग 282 लघु उपकरण प्राप्त हुए हैं।

उत्तर प्रदेश के विंध्य और मध्य गंगा घाटी

इसमें विंध्य क्षेत्र में स्थित चकिया(वाराणसी),मिर्जापुर जिला, इलाहाबाद की मेजा, करछना,चोपानी मांडों और बारा तहसील शामिल हैं । इनसे बड़ी मात्रा में लघुपाषाण उपकरण प्राप्त हुए हैं ।

मिर्जापुर जिले में मोरहना,बघहीखोर और लेखआहिया मुख्य स्थल है जहां से लघुपाषाण उपकरण प्राप्त होते हैं । यहाँ से नरकंकाल भी प्राप्त होते हैं । वैसे देखा जाए तो लेखहीया से ही 17 नरकंकाल मिलते हैं।

लेखहीया से मिले नर कंकाल का सिर पश्चिम दिशा में है ।

चोपानीमांडों

इलाहाबाद का चोपानीमांडों जो मेजा तहसील में स्थित है यह स्थल कुल 15 हजार वर्गमीटर में फैला हुआ है। यहाँ के खुदाई लघुउपकरण तो मिलते ही हैं साथ ही झोपड़ियों के भी साक्ष्य मिलते हैं । इसका समय लगभग ईस्वी पूर्व 17000-7000 के बीच में है।

प्रतापगढ़ जिले में प्रमुख स्थल

यहाँ से प्रमुख मध्य पाषाणकाल के स्थल हैं-सराय नाहर राय,महदहा,दमदमा। ये सभी प्रमुख स्थल अपनी मुख्य विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं ।

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Sarai Nahar Rai

Mahadaha

Damdama

इस प्रकार देखा जाए तो इन सभी स्थलों से मध्य पाषाण काल से संबंधित अवशेष मिलते हैं । सराय नाहर राय,महदहा से मिली समाधियों से इस काल के अंत्येष्टि क्रिया के बारे में जानकारी मिल जाती है । Mesolithic age in hindi

ये लोग अपने मृतकों को समाधियों में गाड़ते थे और उनके साथ ही कुछ खाने पीने की तथा औजार-हथियार आदि भी गाड़ देते थे।  शायद इनका लोकोत्तर जीवन में विश्वास रहता होगा ।

प्रश्न:-मध्य पाषाण काल की खोज किसने किया था?

उत्तर:-भारत में मध्य पाषाणकाल के बारे में जानकारी सबसे पहले 1867 ईस्वी में हुई थी। सी एल कार्लाइल महोदय ने विंध्यक्षेत्र से लघु पाषाणउपकरण खोज निकाले थे ।

प्रश्न:-मध्य पाषाणकाल में मुख्य औजार(Tools) क्या थे?

उत्तर:-मध्य पाषाणकाल में मुख्य औजार थे- त्रिभुज, नवचंद्राकार और संबलब आकार के औजार थे ।

प्रश्न:-प्रक्षेपास्त्र और तीर कमान का विकास किस काल में हुआ था?

उत्तर:-प्रक्षेपास्त्र और तीर कमान का विकास मध्य पाषाण काल में हुआ था

प्रश्न:-कब्रिस्तानों की संख्या और मानव अस्थिपंजर किस युग में मिले हैं?

उत्तर:-कब्रिस्तानों की संख्या और मानव अस्थिपंजर मध्य पाषाण युग में मिले हैं

प्रश्न:-पशुपालन की शुरुवात किस पाषाण काल में हुआ था?

उत्तर:- पशुपालन की शुरुवात मध्य पाषाण काल में हुआ था ।

प्रश्न:- मध्य पाषाणकाल में मुख्य पत्थर प्रयोग में लाए जाते थे?

उत्तर:- मध्य पाषाणकाल में मुख्य पत्थर प्रयोग में लाए जाते थे- कार्नेलियन, स्फटिक, कैल्सिडोनी,आर्गेट, हड्डी और सिंह निर्मित पत्थर का प्रयोग होता था ।

प्रश्न:-महादहा नामक पुरास्थल किस पाषाण काल का स्थल है?

उत्तर:- महादहा नामक पुरास्थल मध्य पाषाण काल का स्थल है?

प्रश्न:-पशुपालन का प्राचीनतम साक्ष्य किस स्थल से मिला है?

उत्तर:- पशुपालन का प्राचीनतम साक्ष्य राजस्थान के भीलवाडा जिले में बागोर  और मध्य प्रदेश के आदमगढ़ स्थल से मिला है ।

प्रश्न:-मध्य पाषाण काल में प्रमुख पत्थर क्या थे?

उत्तर:-मध्य पाषाण काल में प्रमुख पत्थर स्फटिक,कैल्सिडोनी,कार्नेलियन, आर्गेट हड्डी और सिंह निर्मित प्रमुख पत्थर प्रयोग में लाए जाते थे ।

प्रश्न:-लघु पाषाण क्या है?

उत्तर:-आपको बता दें की लघु पाषाण उपकरणों की खोज सबसे पहले विंध्यक्षेत्र से सी एल कार्लाइल ने 1867 ईस्वी में किया था । पूरा पाषाण काल की हिम युग की जलवायु की वजह से बड़े और बेढंगे औजार बनते थे क्योंकि उस समय जानवर भी बड़े बड़े थे लेकिन जैसे ही जलवायु परिवर्तन हुआ अब छोटे छोटे जानवर होने लगे जिससे इनको मारने के लिए छोटे छोटे लघु पाषाण उपकरणों की खोज होने लगी अतः इस मध्य पाषाण काल बहुत छोटे छोटे औजार बने जैसे -त्रिभुज, नव चंद्राकार और समलंब आकार के औजार बने । इसी को लघु पाषाण कहा गया है।

Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि मध्य पाषाण काल के बारे में आप क्या जानते हैं और इसकी क्या विशेषता है? मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये। Mesolithic age in hindi

अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। Mesolithic age in hindi

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11 thoughts on “मध्य पाषाणकाल सर्वप्रथम कब्रिस्तान और मानव अस्थिपंजर Mesolithic age in hindi मध्य पाषाणकाल से जुड़ी कुछ बेहतरीन जानकारियाँ!”

  1. bahut hi gyan vardhak bate aapne bataya…mai UGC net ki taiyrai kar rahi hu. kripya hamara marg darshan karte rahe.

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