Damdama in Hindi मध्य पाषाण काल का स्थल जानें कुछ रोचक जानकारियाँ
नमस्कार साथियों!
Important Gyan के इस सीरीज में आप सभी का स्वागत है । आज हम् आप लोगों को मध्य पाषाण काल के महत्वपूर्ण स्थल दमदमा के बारे में कुछ विशेष जानकारियाँ लेकर आए हैं जो आगामी आने वाले परीक्षाओं में काफी उपयोगी होगा । ये स्थल अपनी कुछ विशेताओं के लिए प्रसिद्ध है । Damdama in Hindi
इससे पहले के लेखों में हम आप लोगों को मध्य पाषाण काल, ताम्र पाषाण काल और सैन्धव सभ्यता के कुछ महत्वपूर्ण स्थलों के बारे में जानकारियाँ देने का प्रयास किया है । आप उन लेखों को जरूर पढ़ें और अपना ज्ञान वर्धन करें ।Damdama in Hindi
दमदमा कहाँ स्थित है?
दमदमा उत्तर प्रदेश के विंध्य और मध्य गंगा घाटी में प्रतापगढ़ जिले में स्थित है । यह महदहा नामक स्थल से 5 किलोमीटर उत्तर पश्चिम की बसा हुआ । इसी जिले में दो और प्रमुख स्थल बसे हैं-सराय नाहर राय और महादहा। Damdama in Hindi
दमदमा का उत्खन किसने किया था?
आपके जानकारी के लिए बता दें की प्रतापगढ़ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के भूतपूर्व अध्यक्ष जी. आर. शर्मा और उनके प्रमुख साथीगण आर. के. शर्मा और वी. डी. मिश्र ने व्यापक उत्खनन किया था । Damdama in Hindi
लेकिन इस स्थल का उत्खनन 1982 से 1987 के बीच में किया गया था । Damdama in Hindi
दमदमा का संबंध किस काल से है?
दमदमा मध्यपाषाण काल का एक महत्वपूर्ण स्थल है । इस स्थल से मध्य पाषाण काल से संबंधित बहुत से उपकरण मिले हैं । Damdama in Hindi
दमदमा क्यों प्रसिद्ध है?
दमदमा का संबंध मध्य पाषाण काल से है और इस काल में इसका उत्खनन कार्य इलाहाबाद विश्वविद्यालय द्वारा सम्पन्न कराया गया था । आपके जानकारी के लिए बता दें की इस स्थल से कुल 41 नर कंकाल मिलते हैं, इसमें से 3 मानव कंकाल है, 5 युगल शवाधान है और 35 एक शवाधान है । Damdama in Hindi
शवाधान के साथ ही साथ यहीं से गर्त चूल्हे भी प्रकाश में आए हैं । इसके अलावा यहाँ से विभिन्न पशुओं के अवशेष जैसे- गाय-बैल, भेंड,बकरी,भैंस, हाथी दांत, सुवर आदि की हड्डियाँ मिलती हैं इसके साथ ही कुछ पछियों, मछलियों आदि की हड्डियाँ भी मिलती हैं । Damdama in Hindi
इस काल के लोग इन जानवरों का मांसाहार करने हेतु इनके माँस को चूल्हे पर पकाते थे । इसके अलावा ये लोग सील लोढ़े और हथौड़े आदि का भी प्रयोग करते थे क्योंकि इनके टुकड़े भी मिलते हैं । इस स्थल काल लगभग ईस्वी पूर्व 10000-4000 है । Damdama in Hindi
यह मध्य पाषाण काल का एक महत्वपूर्ण स्थल है । मध्य पाषाण काल में पुरापाषाण काल की अपेक्षा बहुत ज्यादा विकास हुआ । उच्च पुरा पाषाण काल में हिम युग की समाप्ति हुई, तापमान में वृद्धि के साथ ही गर्मी, सूखा और जलवायु परिवर्तन हुए जिससे छोटे छोटे जीवों का विकास हुआ इसलिए अब इनका शिकार करने के लिए इस काल के मानव को छोटे छोटे औजारों की जरूरत पड़ी ।
यही कारण है की इन सभी मध्य पाषाण काल के स्थलों से सूक्ष्म पाषाण के अवशेष ज्यादा से ज़्यादा मिलने लगते हैं। आदमगढ़ और बागोर से बड़े पैमाने पर सूक्ष्म पाषाण उपकरण प्राप्त हुए हैं । हालांकि हमने अपने पिछले लेख में इसके बारे में कुछ ज्ञानवर्धक बातें बता रखा है आप उनको जरूर पढ़ें ।
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Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि दमदमा कहाँ है और इसकी क्या विशेषता है। मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये। Damdama in Hindi
अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। Damdama in Hindi
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