Bhartiya Rashtriya Congress ki sthapna kab hui

Bhartiya rashtriya congress ki sthapna kab hui:आज हम इस लेख के माध्यम से समझेंगे की Bhartiya rashtriya congress ki sthapna kab hui? Bhartiya Rashtriya Congress ke Sansthapak kaun the? congress ki sthapna kisne ki आदि बातें विस्तार से देखेंगे ।

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Bhartiya rashtriya congress ki sthapna kab hui

Bhartiya Rashtriy congress ki sthapna kab hui thi?

वैसे देखा जाए तो पूरे भारत के लिए के संयुक्त राजनीतिक संस्था का विचार पहले से ही बो दिया गया था, जब से एक धड़ल्ले से प्रांतीय संस्थाएं बनने लगी थीं ।

इंडियन नैशनल काँग्रेस की स्थापना का पूरा श्रेय ए ओ ह्यूम महोदय को जाता है । सब लोग एक मंच की चाहत में थे जहां अखिल भारतीय स्तर की बात एक साथ रखी जा सके ।

1883 के दिसंबर महीने में प्रथम बार भारतीय राष्ट्रीय कन्फ़ैस बुलाई गई । इसमें भारत के सभी भागों से और नगरों से प्रतिनिधि बुलाए गए । इसका द्वितीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस 1885 ईस्वी में क्रिसमस के प्रथम सप्ताह में आयोजित की गई थी ।

Bhartiya Rashtriya Congress ke Sansthapak kaun the?

ए ओ ह्यूम जिनका पूरा नाम एलन अक्टोवियन ह्यूम था, इन्होंने 1884 ईस्वी में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस संघ की स्थापना किया था । इसका प्रथम अधिवेशन 28 दिसंबर 1885 ईस्वी को बंबई स्थित गोकुलदास तेजपाल संस्कृत विद्यालय में आयोजित किया गया था ।

Kabir das ke guru kaun the
Tashkand samjhauta kab hua
Bharat ka Pratham governor general Kaun tha
Purandar ki sandhi

Congress ki sthapna?

आपको बताते चलें की इस खास सम्मेलन में दादाभाई नैरोजी ने इस संस्था का नाम “भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस नाम सुझाया था । अर्थात “भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस” नाम दादा भाई नैरोजी ने ही रखा था ।

सुरेन्द्रनाथ बेनर्जी के नेशनल कांफ्रेंस का 1886 ईस्वी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में विलय हो गया । एक बात और बताते दें की मुंबई में कांग्रेस का अधिवेशन होने से पूर्व पुणे में  प्रस्तावित था । Bhartiya rashtriya congress ki sthapna kab hui

भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के प्रथम अध्यक्ष कौन थे?

भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के प्रथम अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे ।

भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस का प्रथम अधिवेशन कहाँ हुआ था?

भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का प्रथम अधिवेशन 1885 ईस्वी में मुंबई में हुआ था । इसके अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी थे । इसमें कुल 72 लोगों ने हिस्सा लिया था । Bhartiya rashtriya congress ki sthapna kab hui

इनमें सभी पढे लिखे लोग शामिल थे जिनमें ज्यादातर वकील, व्यापारी और बंगाल के जमींदार थे ।

लेकिन इस अधिवेशन में सुरेन्द्र नाथ बनर्जी ने हिस्सा नहीं लिया था ।

भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का अग्रदूत किसे कहा जाता है?

एक भारतीय राष्ट्रीय संघ था जिसका अधिवेशन पुणे में होना निश्चित हुआ था लेकिन वहाँ पर अचानक अकाल पड़ गया जिससे इसका अधिवेशन 1885 ईस्वी में मुंबई में आयोजित हुआ अतः भारतीय राष्ट्रीय संघ को भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस का अग्रदूत कहा जाता है । Bhartiya rashtriya congress ki sthapna kab hui

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Mehargarh Civilization in Hindi
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काँग्रेस शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?

कांग्रेस जिसका शाब्दिक अर्थ लोगों का समूह होता है और इस शब्द की उत्पत्ति ‘उत्तरी अमेरिका के इतिहास से जुड़ा है । भारतीय राष्ट्रीय संघ शब्द डफरिन के दिमाग की उपज थी । इसको एक संस्था का रूप ए ओ ह्यूम महोदय ने दिया था । अतः ए ओ ह्यूम महोदय को कांग्रेस का जनक कहा जाता है । Bhartiya rashtriya congress ki sthapna kab hui

कुछ टिप्पणी:-

फिलिफ़ उन्डरफ ने कहा की “यह संस्था इंग्लैंड और भारत की सम्मिलित मस्तिष्क की उपज थी ।

आर पी दत्त ने “कांग्रेस की स्थापना को ब्रिटिश सरकार की एक पूर्व निश्चित गुप्त योजना का परिणाम बताया था ।

डफरिन ने “वह जनता के उस अल्पसंख्यक वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है जिसकी संख्या सूक्ष्म है ।

कर्जन ने “गंदी चीज और देशद्रोही संघठन कहा है”

बंकिम चंद्र चटर्जी ने “कांग्रेस के लोग पदों के भूखे हैं । “

तिलक ने कहा “अगर हम वर्ष में एक बार मेढक की तरह टर्राए तो हमें कुछ नहीं मिलेगा ।

लाला लाजपत राय “काँग्रेस सम्मेलनों को शिक्षित भारतीयों के वार्षिक राष्ट्रीय मेले की संज्ञा दिए ।

अश्वनी कुमार दत्त ने “कांग्रेस के सम्मेलन को “तीन दिनों का तमाशा” कहा है ।

विपिन चंद्र पाल ने “याचना संस्था” कहा है ।

कांग्रेस के मुख्य लक्ष्य कुछ इस प्रकार से थे:-

  • केंद्र और प्रांत में विधान परिषदों का विस्तार किया जाए ।
  • उच्च सरकारी नौकरी में भारतीयों को भी पूरा अवसर मिले
  • लोकतांत्रिक राष्ट्रवादी आंदोलन चलाना
  • आंदोलन के लिए मुख्यालय की स्थापना की जाए
  • उपनिवेशवादी विरोधी विचारधारा को प्रोत्साहन दिया जाए
  • सैनिक खर्च में कटौती
  • भारतीय प्रशासन की जांच के लिए एक रॉयल कमीशन की नियुक्ति की जाए ।
  • लोगों में राष्ट्रव्यापी अनुभव को विकसित करना ताकि वो जाति, धर्म और प्रांतीयता की भावना से उपर उठ सकें ।
  • नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करना

यहाँ एक बात ध्यान दें की 1888 ईस्वी तक कांग्रेस प्रथम अधिवेशन में पारित इस मांग को विनम्र निवेदन के साथ हर साल दोहराती रही । Bhartiya rashtriya congress ki sthapna kab hui

FAQs- Bhartiya rashtriya congress ki sthapna kab hui

Important Gyan

प्रश्न:-किसने कहा की ह्यूम स्वतंत्रता के पुजारी थे और उनका हृदय भारत की दुर्दशा पर रोता था?

उत्तर:-लाला लाजपत राय ने कहा था ।

प्रश्न:-नेशनल कांफ्रेंस ने एक अखिल भारतीय संगठन का सम्मेलन आयोजित किया था?

उत्तर:-1883 ईस्वी में कलकत्ता में ।

प्रश्न:-ए ओ ह्यूम का पूरा नाम क्या था?

उत्तर:-एलन अक्टोवियन ह्यूम था

प्रश्न:-कांग्रेस का दूसरा और तीसरा अधिवेशन कहाँ हुआ था?

उत्तर:-क्रमश: कलकत्ता और मद्रास में हुआ था ।

प्रश्न:-कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन में कितने लोगों ने भाग लिया था?

उत्तर:-72 सदस्यों ने भाग लिया था ।

प्रश्न:-गोकुलदास तेजपाल संस्कृत विद्यालय कहाँ पर है?

उत्तर:-मुंबई में

प्रश्न:-ह्यूम महोदय को धूर्त, पागल, बेईमान किसने कहा था?

उत्तर:-डफरिन महोदय ने कहा था।

प्रश्न:-भारतीय सुधार समिति की स्थापना कब हुई थी?

उत्तर:-दादा भाई नैरोजी की अध्यक्षता में 1887 ईस्वी में हुई थी ।

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