Sutikshna
Sutikshna in Ramayana in Hindi:-क्या आप जानना चाहते हैं की सुतीक्ष्ण ऋषि कौन थे? सुतीक्ष्ण आश्रम और सुतीक्ष्ण का मतलब तथा सुतीक्ष्ण ऋषि की कथा और सुतीक्ष्ण राम मिलन के बारे में तो आप अंत तक हमारे साथ बने रहें ।
Sutikshna in Ramayana in Hindi
Sutikshna in Ramayana: सुतीक्ष्ण मुनि एक ऋषि थे । ये ऋषि अगस्त्य के शिष्य थे और उन्हीं के आश्रम में रहते थे । ये पठन पाठन में काफी कमजोर थे और इनका इसमें मन भी नहीं रमता था । स्वभाव से काफी भोले भाले थे और गाय चराने में रुचि लेते थे लेकिन गुरु भक्ति इनके अंदर कूट कूट के भरी थी ।
सुतीक्ष्ण ऋषि कौन थे?
Sutikshna:ये हिंदुओं के एक ऋषि और अगस्त्य ऋषि के परम गुरु भक्त थे । मन से साफ और भोले भाले सुतीक्ष्ण गाय चराने में रुचि लेते थे । जब श्री राम चंद्र जी का वनवास हुआ था उस समय राम जी अपने भार्या सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ इनसे मिले थे और इनके आश्रम में रुके थे ।
सुतीक्ष्ण मुनि आश्रम
Sutikshna:- सुतीक्ष्ण मुनि का आश्रम मध्य प्रदेश के विरसिंहपुर से लगभग चौदह मिल दूर स्थित है । यहाँ पर श्रीराम का मंदिर है । यहीं पर अगस्त्य ऋषि और सुतीक्ष्ण मुनि रहते थे ।
सुतीक्ष्ण का मतलब
सुतीक्ष्ण एक विशेषण शब्द है जिसका मतलब होता है बहुत तेज अर्थात अत्यंत तीखा ।
सुतीक्ष्ण ऋषि की कथा
सुतीक्ष्ण मुनि की कथा:-जब सुतीक्ष्ण मुनि का अध्ययन समाप्त हुआ तो अगतस्य ऋषि ने कहा की तुम्हारी शिक्षा दीक्षा समाप्त हुई अब तुम हमसे विदा ले सकते हो ।
Sutikshna:-इस बात को सुनते ही सुतीक्ष्ण मुनि ने अगतस्य ऋषि से गुरु दक्षिणा के लिए पूछा । इस बात पर अगस्त्य ऋषि ने कहा की तुम एक गुरुभक्त शिष्य हो और तुमने मेरी बहुत सेवा किया है अतः मुझे तुमसे कुछ नहीं चाहिए जाओ जहां रहो खुश और मस्त रहो ।
इस बात पर भावविभोर होकर सुतीक्ष्ण ने कहा की गुरुदेव बिना दक्षिणा के शिक्षा फलीभूत नहीं होती अतः आप जो आपको प्रिय हो कृपया करके आप बताएं ।
बहुत आग्रह करने पर अगस्त्य ऋषि ने अपने शिष्य की भक्ति की परीक्षा लेने को सोचा उआर कहा की तुम अगर दक्षिणा के रूप में कुछ देना ही चाहते हो तो मेरे आश्रम में सीताराम को लेकर आओ ।
सुतीक्ष्ण राम मिलन
Sutikshna:-गुरु की आज्ञा पाकर सुतीक्ष्ण जंगल में जाकर गुरु विधि द्वारा तप करने लगे और ईश्वर भक्ति में लीन हो गए । तप बहुत निष्ठापूर्वक और विधिविधान से चलने लगा। घोर तप करने के बाद इनके तप में निखार आता गया और एक समय के बाद रामचंद्र जी अपने भार्या सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ इनका आश्रम में पहुंचे ।
उन्होंने देखा की सुतीक्ष्ण मुनि अवचेतन अवस्था में ध्यान मग्न थे और उनकी आत्मा में श्रीराम जी का नाम चल रहा था । प्रभु राम ने उनको हिलाया डुलाया लेकिन प्रभु भक्ति में लीन सुतीक्ष्ण मुनि को पता नहीं चला ।
इस पर प्रभु राम ने सुतीक्ष्ण मुनि के हृदय में अपना चतुर्भुज रूप में दर्शन दिए इस पर सुतीक्ष्ण मुनि हड़बड़ा के उठे और प्रभु राम के चरणों में नतमस्तक किए । सुतीक्ष्ण मुनि के खुशी का ठिकाना नहीं रहा एक तो उनको प्रभु राम का दर्शन हो गया और फिर गुरु वचन पूरा करने का समय भी आगया ।
उन्होंने राम जी का दर्शन किया फिर राम जी उनको अविरल भक्ति का वरदान दिया । इसके बाद सुतीक्ष्ण ऋषि राम जी अपने गुरु के आश्रम में ले गए ।
Sutikshna:-भगवान राम से सुतीक्ष्ण ऋषि ने कहा की प्रभु आप तनिक यहीं ठहरें मैं गुरु जी को सूचना देता हूँ। राम जी अपने भार्या और अनुज के साथ आश्रम के बाहर ही प्रतीक्षा किया।
इसके बाद सुतीक्ष्ण मुनि गुरु के पास गए और गुरु जी से कहा की मैं गुरु दक्षिणा लेकर आया हूँ । सीताराम आपका बाहर प्रतीक्षा कर रहे हैं ।
Sutikshna:इस पर अगस्त्य ऋषि बहुत ही खुश हुए की मेरा शिष्य अपने कसौटी पर खरा उतरा और अपने वचन पूरे किए । अगस्त्य ऋषि ने भगवान राम का अपने आश्रम में स्वागत करके उनका पूजन किया ।
Sutikshna:- इस तरह देखा जाए तो सुतीक्ष्ण मुनि के सरल स्वभाव, अगाढ़ भक्ति और प्रेम के चलते एक गुरु शिष्य के वचनों के लाज को रखने के लिए ही भक्तवत्सल प्रभु राम सुतीक्ष्ण ऋषि को अपना दुर्लभ दर्शन दिया ।
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प्रश्न:-सुतीक्ष्ण मुनि किसके शिष्य थे?
उत्तर:-सुतीक्ष्ण मुनि अगतस्य ऋषि के शिष्य थे ।
प्रश्न:-सुतीक्ष्ण मुनि गुरु दक्षिणा में अपने गुरु को क्या दिया था?
उत्तर:-सुतीक्ष्ण मुनि गुरु दक्षिणा में अपने गुरु को प्रभु श्री राम का दर्शन सुलभ कराए थे ।
प्रश्न:-सुतीक्ष्ण का आश्रम कहाँ है?
उत्तर:-सुतीक्ष्ण मुनि का आश्रम मध्य प्रदेश के विरसिंहपुर से लगभग चौदह मिल दूर स्थित है । यहाँ पर श्रीराम का मंदिर है ।
प्रश्न:-सुतीक्ष्ण को राम कब दर्शन दिए थे?
उत्तर:-सुतीक्ष्ण मुनि को प्रभु राम वन जाते समय दर्शन दिए थे ।
Sutikshna Rishi:- आज आपने क्या जाना? आज हम इस लेख में बताने का प्रयास किया है की Sutikshna Rishi कौन थे और सुतीक्ष्ण राम मिलन कैसे हुआ?
Important Gyan: शायद आप लोगों को अपने उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर मिल गया होगा लेकिन अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे।
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