Charnamrit ka kya mahatva hai in Hindi?
नमस्कार साथियों!
आज हम फिर आप लोगों के सामने नए लेख के साथ इम्पोर्टेट ज्ञान के इस सीरीज में उपश्थित हुए हैं। आज के हमारे इस लेख का विषय है चरणामृत क्या है और इसका क्या महत्व है।जीवन में सबसे बड़ी बात होती है विश्वाश की। गंगा माँ को एक देवी माने या बहता हुआ पानी। सब आपके मानने पर निर्भर है। अपना एक विश्वाश होता है। अगर आपका विश्वाश गहरा है तो सब कुछ पवित्र है नहीं तो कुछ भी नहीं।
चरणामृत क्या होता है?
इसका वास्तविक अर्थ होता है प्रभु के चरणों का अमृत अर्थात जिस जल को तांबे के लोटकी में तुलसी-पत्र डालकर प्रभु के चरणों से स्पर्श करके श्रद्धालु जन को दिया जाता है । यह एक पवित्र जल होता है और भक्त जन इसको श्रद्धा भाव से लेते हैं और अपने कंठ को पवित्र करते हैं । इसमें कई शक्तियों का समावेश होता है जैसे-तांबे के पात्र की शक्ति,तुलसी-पत्र की शक्ति,प्रभु के चरणों की शक्ति और भक्त जनों के विश्वास की शक्ति । ये सब मिलकर व्यक्ति के जीवन का कायाकल्प कर देता है ये चरणामृत ।
चरणामृत का महत्व
आज हम बात करेंगे चरणामृत के बारे में।साथियों आप लोगों ने देखा है की जब कभी भी हम मंदिर दर्शन पूजन के लिए जाते हैं तो और कुछ प्रसाद चढ़ाते हैं या नहीं फिर भी मंदिर के महंत या पुजारी हमें प्रसाद रूप में जल देते हैं।जो चरणामृत होता है। क्या आप ने कभी सोंचा है की ये प्रसाद रूपी चरणामृत का क्या महत्व है?
तीनों लोकों के स्वामी पालन हार विष्णु जी के चरण अमृत रूपी जल हमारे सारे पापों का नाश और रोग व्याधियों का अंत करने वाला होता है और एक एक औषधि के समान होता है। Charnamrit ka kya mahatva hai in Hindi
शास्त्रों में ऐसा कहा गया है की जो भी व्यक्ति चरणामृत ग्रहण करता है उसका दोबारा जन्म नहीं होता है। जल तो अपने रूप में जल ही होता है लेकिन जब यह ईश्वर के चरण लग जाता है तो यह चरणामृत बन जाता है । जैसे कोई भी चीज जब ईश्वर को चढ़ा दिया जाता है तो उसकी पवित्रता अपने आप बढ़ जाती है। ये सिर्फ आपके विश्वास पर निर्भर रहता है । Charnamrit ka kya mahatva hai in Hindi
पौराणिक मान्यता
चलिए हम आपको एक पौराणिक कथा के बारे में बताते हैं जो कथा अद्भूत है । यह पौराणिक कथा श्री कृष्ण और राधा से जुड़ा है । एक बार की बात है कृष्ण भगवान बीमार हो गए । यह ऐसा समय था जब किसी दवा या दुआ का असर नहीं हो रहा था । इसके बाद खुद ही कृष्ण भगवान गोपियों को परेशान हो देख कर उनको एक उपाय सुझाया की आप लोग परेशान न हो लेकिन इनका ये उपाय सुनकर गोपियाँ असमंजस में पड़ गईं । Charnamrit ka kya mahatva hai in Hindi
श्री कृष्ण का उपाय यह था की अगर मुझे चरणामृत पीला दिया जाए तो मैं ठीक हो जाऊंगा । लेकिन ये चरणामृत वही पीला सकता था जो उनका परम भक्त हो और उन पर खुलकर विश्वास करता हो ।ये चरणामृत उसी भक्त के पॉव को धोकर बनाना था । अब ये गोपियों के लिए चिंता का विषय बन गया की अगर कोई भी हममें से पॉव धोकर उस चरणामृत रूपी पानी को पीला दिया और अगर प्रभु नहीं ठीक हुए तो हमें पाप लगेगा। Charnamrit ka kya mahatva hai in Hindi
लेकिन सभी के मन में यह डर बैठ गया था की यह कार्य करके हम लोग भक्त होने का प्रमाण तो दे देंगे लेकिन अगर कान्हा ठीक न हुए तो हमें नरक भोगना पड़ जाएगा । Charnamrit ka kya mahatva hai in Hindi
अब सभी गोपियों चौंकिया चौंकिया एक दूसरे को परेशान नज़रों से देख रहीं थीं और दूसरे उपाय के बारे में सोंच ही रही थीं की इतने में कृष्ण की परम भक्त राधा वहीं या गईं ।
जब राधा जी ने प्रभु कृष्ण को पिलाया चरणामृत
जब राधा को इस बात का पता चला तो वो प्रभु की हालत देख बहुत ही परेशान हो गईं । उन्होंने एक क्षण भी अपना समय नहीं व्यर्थ किया और झट से खुद का पाँव धोया और चरणामृत तैयार कर दिया और अपने प्रभु को पिलाने के लिए आगे बढ़ीं
राधा जी को बखूबी मालूम था की वो क्या कर रही हैं।ऐसा नहीं है की राधा के मन में शंका नहीं थी लेकिन वो प्रभु की सेवा करके नरक भोगने के लिए पुरी तरह से तैयार थीं । Charnamrit ka kya mahatva hai in Hindi
भक्तवत्सल प्रभु राधा के इस भक्ति रूपी चरणामृत को ग्रहण कर लिए और ठीक भी हो गए । चूंकि ये राधा की असीम भक्ति और प्रेम का परिणाम था जिसने प्रभु को ठीक कर दिया । राधा जी अपने धर्म का पालन करने हेतु नर्क तक जाने को तैयार थीं । उनके लिए क्या नरक और क्या स्वर्ग बस उनको अपने प्रभु की चिंता थी ।
सारा संसार इस बात को जानता है की राधा कृष्ण का काभी विवाह नहीं हुआ लेकिन दोनों का प्यार और रिश्ता अटूट और पवित्र था । आज भी लोग जब कृष्ण भगवान को याद करते हैं तो राधा का नाम पहले लेकर याद करते हैं । तभी उनकी भक्ति पूर्ण होती है ।
चरणामृत से संबंधित यह कहानी इतिहास बन गयाई और आज भी सभी भक्त इसको प्रसाद मानकर बड़े प्रेम से ग्रहण करते हैं । बस जरूरत होती है किसी भी चीज पर विश्वास की। जैसे ही भक्त इसको ग्रहण करते हैं लगता है की अमृत ही ले रहे हैं । क्षणभर में कंठ पवित्र हो जाता है । यह चरणामृत तांबे की लोटकी में तांबे के ही चम्मच से और थोड़ा मीठा करके पूजारी जब श्रद्धालु को देता है तो लोग इसको भक्ति भाव से लेते हैं ।
गंगा अवतरण
वामन अवतार में प्रभु बलि के यज्ञशाला में दान के लिए गए तो उन्होंने तीन पग में तीनों लोकों को नाप लिया लेकिन जैसे ही वे तीसरा पग ऊपर बढ़ाए वैसे ही ब्रह्म जी उनके चरणकमल धोए और चरणामृत को अपने कमंडल में वापस रख लिए तो यही चरणामृत गंगा जी बनीं । पूरे संसार को तरने वाली गंगा यहीं हैं जिसमें भक्त जन स्नान करके अपने पापों का निदान करते हैं ।
गंगा मैया जो पवित्र और शुद्ध हैं जिसमें स्नान करने सारे पापों का नाश तो होता है साथ ही इस संसार को चरणामृत के रूप में भी कंठ को शुद्ध कर देतीं हैं । Charnamrit ka kya mahatva hai in Hindi
जब प्रभु राम वन को गए तो रास्ते में केवट ने उनके चरणों को धोकर उसको चरणामृत के रूप में ग्रहण किया और अपने परिवार को भी दिया । कितना अद्भूत भक्ति थी केवट की। उसने न सिर्फ अपने पापों का नाश किया बल्कि अपने जन्म भी सुधार कर लिया और परिवार का भी कल्याण किया ।
चरणामृत का महत्व न सिर्फ धार्मिक ही है बल्कि चिकित्सा के रूप में भी काफी लाभदायक है इसका प्रमुख कारण यह है की चरणामृत मंदिरों में आप देखते होंगे की तांबे के लोटकी में रखा रहता है
चरणामृत का महत्व सिर्फ धार्मिक ही नहीं चिकित्सकीय भी है। चरणामृत का जल हमेशा तांबे के पात्र में रखा जाता है। इसके जल को जब ग्रहण किया जाता है तो व्यक्ति के शरीर मे अनेक रोगों से लड़ने की क्षमता बन जाती है ।
इसमें तुलसी का पत्ता डालकर चरणामृत दिया जाता है जिससे जल की क्षमता और बढ़ जाती है और साथ ही पवित्रता भी । जब आप इसको बड़े श्रद्धा भाव से ग्रहण करते हैं तो आपको सौ गुना लाभ मिलता है । इससे आपकी बुद्धि और स्मरण शक्ति का विकास होता है । जब भी आप चरणामृत लें काभी भी उसको अपने सिर पर टच न करें इसे शुभ नहीं माना जाता है ।
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चरणामृत और पंचामृत में क्या अंतर होता है?
चरणामृत का मतलब होता है ‘प्रभु के चरणों का अमृत’ और पंचामृत यानि की पाँच प्रकार के अमृत जैसे-दही, दूध,घी, शक्कर और शहद का मिश्रण । इन दोनों का अपना धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है।
साथियों! इस लेख के माध्यम से हमने आप लोगों को चरणामृत क्या होता है और और इसका क्या धार्मिक महत्व है इसके बारे में समझाने का प्रयास किया आशा है आप लोगों को ये लेख पसंद आया होगा । अपने सुझाव कमेन्ट के माध्यम से जरूर बताएं । धन्यवाद!
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