Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai

Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai?

तुलसी का मुरझाया हुआ पौधा क्या संकेत देता है?

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नमस्कार साथियों!

इम्पोर्टेन्ट ज्ञान के इस सीरीज में हम आपका स्वागत करते हैं। आज हम आपके लिए तुलसी के पौधे के मुरझाने से क्या इस प्रकृति और हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता है? इसके बारे में विस्तार से पढ़ेंगे। अगर आप इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो इस लेख के साथ अंत तक बने रहें। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai

तुलसी का पौधा कोई एक साधारण पौधा नहीं है। अगर आम लोगों के विचार को देखें तो इसको लोग सिर्फ यही कहेंगे की जंगल में पनपता हुआ एक साधारण पौधा है।यह पौधा धार्मिक और भौतिक दोनों ही रूपों में पवित्र और औषधि गुणों वाला है। इसमें अजीब ऊर्जा और शक्ति होती है। आज जितना इसका धार्मिक महत्व है उससे ज्यादा औषधीय महत्व है। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai २०२० 

तुलसी का मुरझाया हुआ पौधा क्या संकेत देता है?

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१)प्रकृति के रूप में महत्व : –

प्रकृति स्वयं में शक्ति रूपा है जिसने सबको शक्ति और सूझबूझ दिया है। मनुष्य इसमें सबसे विवेकशील प्राणी है जिसे वो खुद ही बड़ी ही सूझबुझ से काम लेता है और अपने विवेक से हर परिस्थिति को भांपने लगता है।ज्ञानी मनुष्य को पहले ही बहुत कुछ आभास वैसे ही जानवर कुछ भविष्य में होने वाले अपशकुन और दुर्घटनाओं को समझने लगते हैं। लेकिन शायद इस बात का ज्ञान बहुत ही कम लोगों को है की पौधों को भी प्रकृति ने कुछ विशेष गुण प्रदान किया है जिसे वे संकेत देने लगते हैं की यह आपके साथ होने वाला है। अगर आप इस पर गंभीरता से विचार कर लेते हैं तो शायद कुछ खतरों को टाला जा सकता है। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai

वैसे होनी तो होकर ही रहती है लेकिन इसका उपचार किया जा सकता है। इन्ही पौधों में इस तरह का विशेष गुण रखने वाला है तुलसी का पौधा। जो मुरझाते ही भविष्य में होने वाले संकट को दर्शाने लगता है। 

२)तुलसी का पौधा क्यों मुरझा जाता है?

आप लोगों ने यह कभी महसूस किया होगा की हम चाहें कितना भी बराबर तुलसी के पौधे में पानी डालते रहें,उसकी सुचारु रूप से कितना ही देखभाल करते रहें वह तुलसी का पौधा धीरे धीरे मुरझाने ही लगता है। चलिए हम समझते हैं इसके कुछ संकेतों को-

A)भविष्य के संकट का संकेत:-

तुलसी का यह पौधा यह संकेत देने लगता है की आपके परिवार पर या आप पर कुछ मुश्किल घडी आने वाला है।जैसे ही अनायास तुलसी का पौधा अगर मुरझाने लगे तो समझ जाईये की कुछ अनहोनी का संकेत है। अगर इस पौधे की भाषा को आप समझ कर सतर्क हो जाते हैं तो क्या पता आपके समस्याओं का समाधान मिल जाय और मुश्किल घडी टल जाय। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai

B)हिन्दू शास्त्रों का विचार:-

शास्त्र इस बात का विधिवत  चर्चा करते करते हैं की यदि घर में कोई संकट दस्तक देता है तो सबसे पहले उस घर की लक्ष्मी अर्थात तुलसी रूठ जाती है और मुरझाने लगती है तथा वहां दरिद्रता का वास् धीरे धीरे होने लगता है। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai

C)बुध ग्रह का संकेत:-

ज्योतिष के अनुसार भी देखा जाय तो जिस स्थान पर अशांति, दरिद्रता और कलह का वातावरण व्याप्त रहता है वहां पर कभी भी सुख चयन और लक्ष्मी का वास नहीं होता है।और देखा जाय तो यह बुद्ध ग्रह के कारण ही होता है। बुद्ध ग्रह हरे रंग को ही दर्शाता है और पेड पौधे भी तो हरे रंग के कारक होते हैं। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai २०२० 

D)लाल किताब के अनुसार:-

लाल किताब के अनुसार भी बुध एक ऐसा ग्रह होता है जो अन्य सभी ग्रहों के अच्छे और बुरे प्रभाव को व्यक्ति तक पहुंचाता रहता है। यदि कोई ग्रह शुभ या अशुभ फल देता है तो इसका सीधा असर बुद्ध ग्रह से सम्बंधित वस्तुओं पर भी पड़ता है। तो आप जानते ही हैं की पेड पौधे हरे ही होते हैं। जब पेड़ पौधे हरे भरे होते हैं तो अच्छे समय का संकेत बयां कर रहे होते हैं और मुरझाये रहते हैं तो बुरे वक्त दो दर्शा रहे होते हैं। अतः इनके इस भाषा को समझना बहुत ही जरुरी होता है। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai

३)तुलसी की किस्में:-

शास्त्रों की बात की जाय तो इस धरती पर तुलसी की बहुत सारी किस्में पायी जाती हैं जिसको जानना जरुरी होता है जैसे-राम तुलसी,श्री कृष्ण तुलसी,लक्ष्मी तुलसी,नील तुलसी,वन तुलसी, ज्ञान तुलसी,भू तुलसी,श्वेत तुलसी,रक्त तुलसी आदि। ये सभी तुलसी की किस्में औषधीय प्रयोग में मानव के रोगों को सही करने में काम आती हैं। जैसे-कान,ज्वर,खांसी,कफ और वायु रोग और दिल की अन्य विमारियों में तथा कैंसर जैसे विमारियों में। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai

४)तुलसी का महत्व वास्तु शास्त्र में:-

जहाँ तुलसी का महत्व धार्मिक और भौतिक रूप में हैं वहीँ वास्तु शास्त्र में भी इसका महत्व काफी बढ़-चढ़ है।अगर आप चाहते हैं की सभी प्रकार के दोषों को दूर किया जाय तो आप इसको उत्तर पश्चिम से लेकर दक्षिण पूर्व किसी भी दिशा में आप इसे लगा सकते हैं और अगर घर में ज्यादा कलह क्लेश हो रहा है तो आप इसको रसोई के पास रख दें आपके घर एक माहौल शांत रहेगा। और आपका बच्चा ज्यादा जिद्दी हो गया है तो तुलसी के पौधे को आप खिड़की के पास रख दें। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai

५)तुलसी का महत्व अन्य चीजों में:-

A)जिद्दी संतान में सुधार:-

अगर आपका बच्चा ज्यादा हठी हो गया है और आपके नियंत्रण से बाहर हो रहा है तो पूर्व दिशा में लगे हुए तुलसी के तीन पत्तों को पीस कर या कैसे भी खिला दें वह बच्चा शांत रहेगा और आपके बातों का कद्र करेगा। 

B)व्यापार में बृद्धि:-

अगर आपका कारोबार टूट रहा है, आय कम और खर्चे ज्यादा हो रहे हैं और व्यापार व्यवसाय में बृद्धि के आसार नहीं दिख रहा है तो आप  दक्षिण पश्चिम में लगी तुलसी पर प्रत्येक शुक्रवार को कच्चा दूध लेकर और साथ ही मिठाई का भोग लगा दें और पूजा अर्चना कर उस भोग को किसी सुहागिन स्त्री को दे दें। इससे आपके कारोबार में बृद्धि होगी। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai

C)नौकरी पेशा में बढ़ोत्तरी:-

जब आप देखें की आपके ऑफिस का माहौल शांत नहीं है और आपके सीनियर आपको परेशान कर रहे हैं तो आप तुलसी के सोलह बीज लेकर उसको सफ़ेद कपडे में बांध दें ऑफिस के किसी खाली जमीन पर अथवा किसी गमले में ही सोमवार के दिन उसको ऑफिस जाते समय दबा दें। इससे आपके मान सम्मान में काफी बृद्धि होती हुई नजर आएगी। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai २०२० 

D)शालिग्राम अभिषेक का महत्व:-

यदि घर की महिलाएं प्रत्येक दिन पंचामृत से शालिग्राम का अभिषेक करें तो घर में सुख शांति बनी रहती है और घर में वास्तु दोष नहीं होता है। 

E)रोग व्याधि में फायदे:-

वास्तु शास्त्र और धार्मिक महत्व के अलावा देखें तो मनुष्य के शरीर में पनप रहे रोग व्याधि में भी इसके बहुत सारे फायदे देखने को मिलता है। अगर आप डायबिटीज,रक्त सम्बन्धी परेशानी, कफ आदि से परेशान हैं तो यह एक राम बाण औषधि है। अगर आप नित्य प्रति तुलसी के पौधे के पास बैठते हैं तो अस्थमा से जैसे स्वांस रोगों से छुटकारा पा जायेंगे। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai २०२० 

F)वैद्य रूपी तुलसी 

अगर आप तुसली के पौधे को अपने आस पास, घर आंगन में लगा के रखते हैं और उसकी नित्य प्रति सेवा करते हैं तो यह किसी वैद्य से कम नहीं होता है। तुलसी का सेवन,स्पर्श आदि आपको दीर्घआयु और स्वस्थ बनाये रखेगा। 

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तुलसी के पौधे को अगर आपने घर में लगा रखा है तो इन बातों का रखें ध्यान

पुराने ज़माने से ही इस बात की मान्यता प्रचलित है की हर घर और अस पास तुलसी का पौधा जरूर होना चाहिए। इसके दोनों रूपों में चाहें धार्मिक हो या औषधीय अथवा वास्तुशास्त्र में इसको बहुत ही पवित्र,पूजनीय और देवी रूप में स्वीकार किया गया है। इससे हमें एक सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होता रहता है। इससे आस -पास का वातावरण शुद्ध और शांत बना रहता है। जब इतना महत्व है तुलसी का तो हमें इसके प्रति हमेशा जागरूक होना चाहिए। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai २०२० 

A)कुछ निश्चित घडी और विशेष दिन में इनके पत्तों को नहीं तोडना चाहिए-

शास्त्रों ने कुछ बातों का विधान किया है की कुछ खास दिनों में तुलसी के पत्तों को कभी नहीं तोडना चाहिए। कुछ विशेष दिन इस प्रकार है जैसे-सायंकाल और रात में, रविवार के दिन, एकादशी और सूर्य तथा चंद्र ग्रहण में। वैसे भी अनायास इनके पत्तों को नहीं नुकसान पहुँचाना चाहिए। ऐसा करते हैं तो आप इनको नष्ट करते हैं। इसके लिए प्रकृति आपको कभी नहीं माफ़ करेगी। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai २०२० 

B)तुलसी के पौधे का नियमित पूजन करें:-

हमें नियमित तुलसी का पूजन करना चाहिए तथा प्रत्येक शाम को तुलसी के पास एक दीपक जरूर जलाना चाहिए। अगर आपको महालक्ष्मी जी की कृपा पाना चाहते हैं तो तुलसी का विधिवत पूजन करें और आसपास साफ सफाई का भी ध्यान रखें। 

C)तुलसी से वास्तुदोष दूर होते हैं:-

अगर आपके घर में किसी प्रकार का वास्तुदोष मौजूद है तो आप अपने आसपास और घर आंगन में तुलसी के पौधे को जरुर लगाएं और उसका विधिवत ध्यान रखें और सेवा करें। मेवा जरूर मिलेगा। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai २०२० 

D)तुलसी के पौधे से बुरी नजर नहीं लगती:-

अगर आपके घर आंगन में तुलसी का पौधा है तो आपके परिवार को बुरी नजर से बचाती है तुलसी का पौधा। नकारत्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारत्मक ऊर्जा को सक्रीय करती है। इससे आपके अंदर काफी सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं। =-

E)तुलसी का सूखा पौधा न रखें घर में:-

अगर किसी कारण से तुलसी का पौधा सुख गया है तो आप तुरंत उसको जल में प्रवाहित कर दें उसको कभी घर आंगन में न रखें। इससे धन हानि होने की सम्भावना बनी रहती है और यह अशुभ माना जाता है। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai २०२० 

F)तुलसी का सूखा पौधा हटाने के बाद नया पौधा लगाएं:-

जब आप मुरझाये या सूखे हुए तुलसी के पौधे को हटाते हैं तो उसके तुरंत बाद दूसरा हरा भरा पौधा  लगा दें। पौधा हमेशा स्वस्थ ही लगाएं और बराबर उसकी सेवा करें। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai २०२० 

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G)औषधि के रूप में तुलसी:-

जितना तुलसी के पौधे का धार्मिक महत्त्व है उससे ज्यादा इसका आयुर्वेद के रूप में महत्त्व है। इसमें बहुत सारे औषाधिय गुण हैं की ये तमाम बिमाइरयों को ठीक करने की क्षमता रखती है। जहाँ तुलसी का पौधा रहता है वहाँ के वातारण को शुद्ध करके हवा में उड़कर आने वाले सूक्ष्म कीटाणुओं को नष्ट कर देता है। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai २०२० 

H)तुलसी का नियमित सेवन करें:-

अगर हम तुलसी के पत्ते का नियमित सेवन करें तो इसके पत्ते से हमारे तमाम श्वाश सम्बन्धी रोगों के रोकथाम में काफी सहायता मिलती है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। 

I)तुलसी के पत्ते चबाएं नहीं:-

जब भी हम तुलसी के पत्तों का सेवन करते हैं तो हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए की हमें इसे चबाकर नहीं खाना चाहिए बल्कि उसको निगल जाना चाहिए। इसका कारण यह है की इसमें पारा धातु के तत्व विद्यमान होता है। जब हम चबाकर इसका सेवन करते हैं तो इसकी पत्तियां हमारे दांतो में चिपक जाते हैं जिससे हमारे दांतों को हानि होने की सम्भावना बनी रहती है। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai २०२० 

J)पूजा के समय तुलसी के पत्ते का प्रयोग:-

जब आप संकट मोचन हनुमान जी की पूजा कर रहें हैं तो आप निश्चिन्त होकर तुलसी के पत्ते और उसकी माला का प्रयोग करें लेकिन जब आप शिवलिंग और गणेश पूजन कर रहे हैं तो आप तुलसी के पत्ते या माला का प्रयोग कत्तई न करें।पुराणों में इसका कारण दो प्रकार से बताया गया है। प्रथम भोलेनाथ ने तुलसी के पति और दैत्यों के राजा शंखचूड़ का वध किया था। अतः भोले नाथ के पूजन में तलसी के पत्तों कर प्रयोग नहीं करते हैं और नहीं शिवलिंग पर शंख से जल चढ़ाया जाता है। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai २०२० 

दूसरी कथा को समझें तो एक बार गणेश भगवान जी ने तुलसी का विवाह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया क्योंकि वे कहे की मैं ब्रह्मचारी हूँ। इससे तुलसी नाराज हो गयी और उनको दो विवाह होने का श्राप दिया।इसी तरह गणेश जी ने भी प्रतिक्रिया रूप में तुलसी का विवाह राक्षस से हो यह श्राप दे दिया। अतः इसी कारण गणेश पूजन में भी तुलसी का प्रयोग या चढ़ावा वर्जित है। Tulsi ka Murjhaya Paudha kya Sanket Deta hai २०२० 

साथियों मैं अपनी लेखनी को यहीं विराम देता हूँ। अगर आप लोगों के मन में कोई प्रश्न और सुझाव हो तो आप जरूर कमेंट के माध्यम से शेयर करें। धन्यवाद!

FAQ 

प्रश्न:-तुलसी के पौधे को कब विसर्जित कर देना चाहिए?

उत्तर:-वैसे तुलसी का पौधा स्वयं में काफी पवित्र होता है, लेकिन अगर तुलसी का पौधा सुख जाय तो या तुलसी के आस पास किसी की मृत्यु हो जाये तो उस पौधे को बहते हुए जल में विसर्जित कर देना चाहिए। 

प्रश्न:-तुलसी का पौधा कब नहीं तोडना चाहिए?

उत्तर:-तुलसी का पौधा कुछ विशेष दिनों में नहीं तोडना चाहिए जैसे-अगर एकादशी का दिन हो, रविवार का दिन हो,रात का समय हो और जब सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण का समय हो तो भूलकर भी तुलसी के पत्ते को ना तोड़ें। 

प्रश्न:-तुलसी के पौधे को किस दिशा में लगाना चाहिए?

उत्तर:-तुलसी के पौधे को हमेशा उत्तर-पूर्व कोने में ही लगाना चाहिए लेकिन दक्षिण दिशा में कभी नहीं लगाएं। 

प्रश्न:-किस स्थान पर तुलसी का पौधा लगाना चाहिए?

उत्तर:-तुलसी के पौधे को घर आँगन में लगाना सबसे उत्तम माना जाता है लेकिन अगर आपके पास आंगन नहीं है तो आप इसको अपने बालकनी में जरूर लगाएं। वैसे खुले में ही इसको हमेशा लगाना चाहिए लेकिन पवित्रता का ध्यान रखें।

प्रश्न:-तुलसी के पौधे में अगर मंजरी लगी हो तो क्या करें?

उत्तर:-तुलसी के पौधे में अगर मंजरी लगी हो तो उस मंजरी को तोड़ देना चाहिए क्योंकि मंजरी की वजह से तुलसी को कष्ट होता है और अगर तुलसी कष्ट में होगी तो घर बार कैसे सुरक्षित रह सकता है।

प्रश्न:-तुलसी का पौधा किस माह में लगाना उचित होता है?

उत्तर:-तुलसी का पौधा लगाने के लिए कार्तिक माह सबसे उत्तम माना गया गया है।इस महीने तुलसी का विवाह हुआ था। आप शाम के समय लगाएं तो और अच्छा होता है। 

प्रश्न:-तुलसी के पौधे का विवाह कब होता है?

उत्तर:-तुलसी के पौधे का विवाह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को किया जाता है। इसी दिन तुलसी एक विवाह शालिग्राम के साथ कराया जाता है। 

प्रश्न:-तुलसी के पौधे को किस दिन दान करना चाहिए ?

उत्तर:-तुलसी के पौधे को जिस दिन तुलसी का विवाह होता है तो उसी दिन मंदिर में दान करना चाहिए और उसी दिन नयी तुलसी लगाना चाहिए इससे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। 

प्रश्न:-तुलसी के पौधे को हरा भरा कैसे रखें?

उत्तर:-तुलसी के पौधे के आस पास सिर्फ मिटटी न डालें बल्कि कुछ बालू का रेत भी डालें इससे उसकी जड़ों में फंगस या काई नहीं लगता है। इससे पानी नहीं टिकता है। थोड़ा सा गाय का गोबर की खाद भी डालें इससे इसकी जड़ों को ताकत मिलती है। जब आपने पौधा लगाया था उसके बीस पचीस दिन बाद जिप्सम साल्ट का छिड़काव जरूर करें। कुछ जड़ों में और कुछ पत्तियों पर। अगर तुलसी का पौधा खुले में है और जाड़ा और बरसात का समय है तो पानी कम ही डालें। अगर तुलसी का पौधा कीड़ों से ग्रसित है तो एक लीटर पानी में १० बून्द नीम आयल का स्प्रे डाल कर पतियों पर छिड़काव जरूर करें और मंजरी हो गयी है तो उसको तोड़कर फेंक दें। 

प्रश्न:-तुलसी का पौधा किसी को देना चाहिए या नहीं?

उत्तर:-वैसे वास्तु विज्ञान की मानें तो हर चीज उपहार में सहज स्वीकार नहीं कर लेना चाहिए। वास्तु विज्ञान कुछ वस्तुओं का निषेध करता है जिसमें से एक तुलसी का पौधा है । वास्तु विज्ञान कहता है की तुलसी का पौधा पवित्र समझ कर सहस्र स्वीकार कर लेते हैं लोग लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। उपहार देने वाले की क्या प्रकृति है इसका नकारात्मक प्रभाव भी आप पर पड़ सकता है । इस पौधे को दान देना है तो आप मंदिर में दान कर दें । 

प्रश्न:-तुलसी के पौधे को लगाने का क्या नियम है?

उत्तर:-तुलसी का पौधा हमेशा आँगन के बीच में रखना चाहिए। तुलसी के पौधे को आप जिस गमले में लगा रहे हैं उसको अच्छे से मिट्टी से लेप कर दें। तुलसी के पौधे को हमेशा अकेले ही लगाएं साथ में और कोई पौधा न लगाएं। तुलसी के पौधे में हमेशा स्वच्छ जल ही अर्पित करें । तुलसी के पौधे से थोड़ा दूर ही दीपक जलाएं । 

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