सूफी वाद क्या है और इसके मुख्य सिद्धांत क्या हैं? Sufiwad kya hai
Important Gyan इस सीरीज में आप सभी का स्वागत है । आज के लेख में हम पढ़ेंगे सूफीवाद किसे कहते हैं । सूफीवाद और इसके सिद्धांत क्या है । सूफीवाद की मुख्य विशेषता क्या थी । भारत के प्रथत सूफीसंत कौन थे । सूफी आंदोलन कब हुआ था । सूफीवाद के प्रवर्तक कौन थे? आदि बातों के बारे में हम विस्तार से पढ़ेंगे । Sufiwad kya hai in Hindi
सूफी वाद क्या है और इसके मुख्य सिद्धांत क्या हैं? Sufiwad kya hai
सूफी शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई?
इस्लाम में दर्शन का उदय सूफीवाद से होता है । सबसे पहले बसरा के अलजाहिज ने 695 ईस्वी में ‘सूफी’ शब्द का प्रयोग किया था । इसके अलावा सबसे पहले कूका के अबू हाशिम को सूफी पुकारा गया था 778 ईस्वी में । अरबी में सफा शब्द का अर्थ होता है-पवित्र । इसी से सूफी शब्द की उत्पत्ति हुई । प्रारम्भिक सूफी व्यक्ति ‘सूफ़’ यानि उनी वस्त्र पहनते थे । इस कारण भी इन्हे सूफी कहा गया है । Sufiwad kya hai in Hindi
सूफीवाद का विकास कैसे हुआ
9 वीं सदी में सूफी-दर्शन विकसित हुआ था । इसके अलावा 12वीं सदी में सूफी संप्रदाय मुसलमानों में लोकप्रिय होना प्रारंभ हो गया ।
मूलरूप में इसका आधार इस्लाम ही था लेकिन इस्लाम के कर्मकांड के स्थान पर इसके आध्यात्मिक पहलू पर बल दिया गया ।
सहाबा यानि पैगंबर के साथी सूफ़ नामक पहाड़ी पर ईश्वरीय चिंतन में लीन हो गए और वहाँ पर साधारण जीवन व्यतीत करने लगे, उन्हे भी सूफी कहा गया।
मदीना में सूफ़ नामक पहाड़ी थी और यहाँ पर भी कुछ व्यक्ति ईश्वरीय चिंतन में लिन हो गए उन्हे भी सूफी कहा गया । सूफी दर्शन तुर्कों की विजय के पश्चात बहुत तेजी से विस्तृत होने लगा । Sufiwad kya hai in Hindi
सूफी आंदोलन का भारतीय समाज और संस्कृति पर क्या प्रभाव पड़ा?
इस समय उत्तरी भारत में एक बड़ी संख्या में सूफी संत भारत आने लगे । भारत में बसने के बाद ये भारतीय परिस्थियों से प्रभावित हुए और बहुत भारतीय परम्पराओं को अपना लिया और साथ ही ये लोग भी भारतीय धार्मिक विचारों को प्रभावित किए। जैसे ईश्वर के प्रति प्रेम,अहिंसा, तप और सांसारिक वस्तुओं का त्याग आदि। ये सभी विशेषताएं हिन्दू, जैन और बौद्ध धर्म में पाया जाता है । Sufiwad kya hai in Hindi
इसके अलावा हिंदुओं को भी सूफी संप्रदाय में सम्मिलित करने के इच्छा से सूफी लोग यहाँ के बहुत सारे रीति रिवाजों को अपना लिए। ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण प्रेम, आत्मा और परमात्मा का संबंध एक प्रेमी और प्रेमिका के समान है, इस तरह के विचार भक्ति मार्ग पर चल रहे हिन्दू संत प्रचार कर रहे थे । यही सूफी संतों ने भी किया । Sufiwad kya hai in Hindi
सूफियों ने अहिंसा और तप के जैसे विचार लिए । सामूहिक रूप से नाचते-गाते हुए ईश्वर भक्ति में लीन रहना ये सभी चिश्ती सिलसिले का गुण रहा है, जो चैतन्य और उनके अनुयाइयों ने इसको अपनाया था । Sufiwad kya hai in Hindi
सूफ़ीमत का उद्देश्य क्या था?
जहां तक प्रेम और उदारता की बात है तो ये दोनों हिन्दू संतों और सूफियों में देखने को मिलता है। इन दोनों ने बुद्धि और भावना से ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण और मानव मात्र की सेवा को अपना लक्ष्य बनाया। Sufiwad kya hai in Hindi
हिन्दू संतों जैसे नानक,कबीर, दादू दयाल आदि लोग सूफियों के विचार से काफी प्रभावित हुए । ये इस्लाम के ‘एक ईश्वर’ के विचार को स्वीकार किया, जाति-प्रथा का विरोध किया। Sufiwad kya hai in Hindi
सूफीवाद की मुख्य विशेषताएं?
सूफी दर्शन सिर्फ एक ईश्वर में विश्वास करता है। सभी पदार्थों और व्यक्तियों को ईश्वर में मानता है। इनका मानना है की ईश्वर एक है और सभी कुछ ईश्वर मे है। हम सबकुछ त्याग करके ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं। सूफ़ीमत कुरान के वाह्य स्वरूप पर नहीं बल्कि उसके मूल आधार में विश्वास करता है। इनका जीवन एकदम सादा होता सादा होता था। इनका मानना था की सभी प्रकार के सांसारिक वस्तुओं का त्याग करके ही ईश्वर को पाया जा सकता है ।
ये लोग मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते थे। ईश्वर से डरने के स्थान पर उससे प्रेम की बात करते थे । अतः इनका कहना था की हमें सभी जीवों से प्रेम करना चाहिए और उ पर दया करना चाहिए । Sufiwad kya hai in Hindi
संगीत,गान,नाच आदि को ईश्वर आराधना में बहुत बड़ा साधक मानते थे । इनका पूर्ण विश्वास गुरु या पीर में था। इनका मानना था की बिना गुरु के ज्ञान और ईश्वर की प्राप्ति संभव नहीं है । Sufiwad kya hai in Hindi
सूफ़ीमत की शिक्षा क्या थी?
ईश्वर की प्राप्ति के लिए ये लोग नमाज, रोजा हजयात्रा को नहीं मानते थे । ये लोग मानते थे की अगर ईश्वर की प्राप्ति करना है तो हमें वारा (अपरिग्रह अर्थात हमें धन संचय नहीं करना चाहिए), जूहद(करुणा), फकर( निर्धनता), सब्र (बर्दाश्त), शुकर (अहसानमंद), तोबा(बुरे कर्मों के प्रति छोभ) आदि रखना चाहिए। खौफ(भय) राज(आशा) तवाखुल(संतोष) रिजा(ईश्वर को आत्मसमर्पण)
भारत में इनकी कई शाखाएं थीं जिसमें चिश्ती और सुहारावर्दी प्रमुख थे।
सुहारावर्दी शाखा सिंध, पंजाब, मुल्तान तक सीमित था जबकि चिश्ती संप्रदाय-पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल, ऑडिशा और दक्षिण भारत तक फैला था ।
सूफीवाद की राबिया जिसे सूफीवाद की मीराबाई कहा जाता था । इनका सिद्धांत था इश्क-ए-खुदा। इनका दर्शन था फ़ना-फी-अल्लाह अर्थात ईश्वर में विलीन कर लेना
खुदा को मासुक और आशिक कहा गया है । राबिया के विचारधारा को अबू याजीद ने आगे बढ़ाया । इन्होंने ही सबसे पहले ‘फ़ना’ शब्द का प्रयोग किया है।
प्रश्न:-सूफीवाद क्या है?
उत्तर:-इस्लाम में दर्शन का उदय सूफीवाद से होता है । ईश्वर के साथ एकाकार होना, एक ईश्वर में विश्वास करना,ईश्वर प्राप्ति के लिए सांसारिक वस्तुओं का त्याग, ईश्वर की भक्ति नाच गाने करके करना आदि था । इनका पूर्ण विश्वास था की ईश्वर एक है और सब कुछ ईश्वर में है इसके अलावा और कुछ नहीं ।
प्रश्न:- सूफीवाद और उसके सिद्धांत क्या है?
उत्तर:-सूफी लोग एकेश्वरवाद में विश्वास करते थे । ये लोग भक्ति सामूहिक नाच-गान, और मगन होकर करते थे, सादा जीवन पर विश्वास करते थे । साफ सफाई का पूरा ध्यान रखते थे । गुरु यानि पीर पर पूर्ण विश्वास करते थे । ये लोग मानते थे की ईश्वर की प्राप्ति गुरु से ही हो सकती है । प्रेम, भक्ति,संसार त्याग अहिंसा, जीवों पर दया, उदारता आदि इनका मूल था । ये लोग मूर्ति पूजा का विरोध करते थे । जाति-पाँति को नहीं मानते थे ।
प्रश्न:-भारत में सूफी संप्रदाय के संस्थापक कौन थे?
उत्तर:-वैसे तो देखा जाए तो महमूद गजनवी और मुहम्मद गोरी के आक्रमण के पहले ही सूफीमत भारत में प्रवेश कर चुका था लेकिन इसके पश्चात इसका प्रभाव बहुत ज्यादा बढ़ गया क्योंकि उत्तरी भारत में जब तुर्की राज्य स्थापित हुआ तो बहु बड़ी संख्या में सूफी संत भारत आने लगे । सबसे पहले लाहौर में महमूद गजनवी के साथ शेख इस्माइल आए थे । इसके बाद मोहम्मद गौरी साथ ख्वाजा मुइनूद्दीन चिश्ती थे भारत आए थे ।
प्रश्न:-सूफी आंदोलन कब हुआ?
उत्तर:-सूफी धर्म की उत्पत्ति विदेशी है । 9 वीं सदी में सूफी दर्शन विकसित हुआ । 10 वीं सदी में हुसैन बिन मंसूर अल अल्लाह के धार्मिक सिद्धांतों और आध्यात्मिक विचारों ने सूफी दर्शन को व्यवस्थित किया । 12 वीं सदी में देखा जाए तो सूफी संप्रदाय मुसलमानों में लोकप्रिय होने लगा ।
प्रश्न:-भारत में कितने प्रकार के सिलसिले प्रचलित हैं?
उत्तर:-अबुल फजल ने लिखा है की भारत में उस दौर तक सूफीवाद के 14 सिलसिले विद्यमान थे । चिश्ती, कादिरीया,सुहारावर्दी,नक्सबंदिया,सूततारी, कलंदारिया,मदारिया,मुजदादिया,कूबरबिया,शाजिलिया आदि मुख्य थे ।
प्रश्न:-सूफी कौन थे और उनके दो धार्मिक विश्वास लिखिए?
उत्तर:-सूफ़ीमत को मानने वाले ही सूफी कहलाये । ये लोग एक ईश्वर को मानते थे और सांसारिक मोहमाया छोड़कर सिर्फ भक्ति करना और ईश्वर में विलीन होना । इस तरह ईश्वर प्रेम और मानव सेवा इनका प्रमुख सिद्धांत था ।
प्रश्न:-सूफीवाद के प्रवर्तक कौन थे?
उत्तर:-मोहम्मद गौरी के साथ आने वाले ख्वाजा मुइनूद्दीन चिश्ती जिन्होंने सूफीवाद के चिश्तीया सिलसिले को आगे बढ़ाया और उत्तरी भारत में बहुत ही लोकप्रिय हुए ।
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Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि सूफीवाद किसे कहते है और इसका विकास कैसे हुआ था ? मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये। Sufiwad kya hai in Hindi
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