Full Form DTO and RTO

Full Form DTO and RTO जानें एकदम आसान भाषा में

नमस्कार साथियों!

Important Gyan के इस सीरीज में आप सभी का स्वागत है । आज हम चर्चा करेंगे की DTO & RTO का Full Form क्या है? DTO क्या है और RTO क्या है । RTO officer कैसे बनें । DTO and RTO में क्या अंतर है ।

DTO full form in English– District Transport Office

DTO full form in Hindi– जिला परिवन कार्यालय

DTO Meaning in Hindi

आपको बता दें की यह भारत सरकार का एक कार्यालय होता जो पूरे देश के जिलों में स्थापित होता है । इसको हिन्दी में जिला परिवन कार्यालय कहा जाता है । यह मुख्य रूप से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है ।

DTO के प्रमुख कार्य क्या है?

DTO office जिले के सभी वाहनों का डाटा नियंत्रित(मैन्टेन) करता है । यह जिले के अधीन सभी वाहनों का डाटा तैयार करके भारत सरकार को भेजता है और वाहन के बीमा का भी निरीक्षण करता है । वाहन चालक को मिलने वाला ड्राइविंग लाइसेन्स भी डीटीओ कार्यायल से ही जारी किया जा सकता है ।

यहाँ हम आपको आरटीओ का फूल फॉर्म हिन्दी और अंग्रेजी में बता रहे हैं जिससे आपको इसके बारे में ठीक से समझ में आ जाएगा ।

RTO full form in Hindi-Regional Transport Office

RTO full form in English-क्षेत्रीय परिवन कार्यालय

RTO meaning in Hindi

RTO भारत सरकार का एक क्षेत्रीय कार्यालय है जिसको हिन्दी में हम क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय कहते हैं । यह भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन काम करता है । जिला स्तर पर इसके कार्यालय स्थापित होते हैं । संक्षेप में इसी को RTO office कहा जाता है

RTO क्या है?

यह एक क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय है । जिसको संक्षेप में RTO कहते हैं । यह भारत सरकार का कार्यालय है जो मुख्य रूप से उत्तरदायी होता है-वाहन पंजीकरण(Vehicle Registration) & चालन अनुज्ञप्ति(Driving License) जारी करना ।

मोटर वाहन डिपार्टमेंट का गठन 1988 के अधिनियम और धारा 213(1) के द्वारा किया गया था । यह एक केन्द्रीय अधिनियम है जो पूरे देश में लागू है । Motor Transport Department इस अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को लागू करने हेतु पूर्ण रूप से जिम्मेदार होता है । आपको बता दें की इस विभाग का नेतृत्व परिवहन आयुक्त के द्वारा सम्पन्न होता है । प्रत्येक राज्य और शहर का अपना एक क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय होता होता है ।

RTO के प्रमुख कार्य

आपको बता दें की भारत सरकार क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय का गठन करती है जिससे उस क्षेत्र विशेष में कुल कितने वाहन हैं और उन सभी वाहनों को संचालित करने वाले ड्राइवरों के पास लाईसेंस है अथवा नहीं और यह भी जानने का प्रयास करती है की कितने वाहनों द्वारा टैक्स जमा किया गया है । सभी RTO ऑफिस का यह कार्य होता है की अपने एरिया में सभी वाहनों का एक मजबूत डाटाबेस रखे और भारत सरकार को इससे अवगत कराए । RTO राज्य के प्रति जिम्मेदार होता है ।

  1. Vehicle Registration Certificate
  2. Vehicle Excise Duty and Road Tax
  3. Driving License Issue

Vehicle Registration Certificate issue

इस बात से सभी अवगत है हैं की जब भी हम कोई नया वाहन लेते हैं तो उस वाहन का एक Registration Certificate लेना होता है जिसमें आपके वाहन और वाहन चालक का पूरा डिटेल्स होता है । अतः इसका पंजीकरण कराना जरूरी होता है।

इस Registration Certificate को RTO Office ही जारी करता है ।

Vehicle Excise Duty and Road Tax जमा कराना ।

आपको बता दें वाहन का रोड टैक्स और एक्साइज ड्यूटी RTO office में ही जमा होता है । अतः इससे संबंधित आपको कोई काम है तो आप सीधे RTO office में जाकर आसानी से अपना काम कर सकते हैं और आपको सभी प्रकार की जानकारी भी मिल मिल जाएगी ।

Driving License Issue करना

यह तो सर्वविदित है की ड्राइविंग लाइसेन्स हम आरटीओ ऑफिस से ही जारी कराते हैं । ड्राइविंग लाइसेन्स लेने के लिए हमें कुछ सामान्य प्रक्रियाओं और परीक्षाओं से गुजरना होता है । जब आरटीओ द्वारा निर्धारित मापदंड को पूरा कर लेते हैं तो आरटीओ ऑफिस से हमें DL मिल जाता है ।

आरटीओ ऑफिसर कैसे बनें?

  1. आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए इसका सीधा चयन नहीं होता है । चलिए आइए जानते हैं की हम कैसे आरटीओ ऑफिसर बन सकते हैं ।
  2. आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए अभ्यर्थी को कम से कम 10वीं पास होना चाहिए ।अगर आप स्नातक हैं तो और बढ़िया हैं ।
  3. इसके लिए आपको आयु सीमा 21 वर्ष से 30 वर्ष के बीच में होना चाहिए । श्रेणी के अनुसार आयु में छूट सरकारी मानदंड द्वारा होता है ।
  4. आरटीओ ऑफिसर बनने के लिए लिखित परीक्षा और इंटरव्यू होता है इसके बाद ही अपका फाइनल सिलेक्शन होता है ।

RTO & DTO में क्या अंतर है?

इन दोनों में पहला अंतर यह है की जहां आरटीओ एक क्षेत्रीय कार्यालय हैं वहीं डिटीओ एक जिला स्तर का मुख्य कार्यालय है ।

आरटीओ का पूरा नाम Regional Transport office है जबकि डिटीओ का पूरा नाम District Transport Office होता है ।

राज्य स्तर की जिम्मेदारी आरटीओ के पास होता है जबकि जिला स्तर की जिम्मेदारी डिटीओ के पास होता है।

आरटीओ राज्य स्तर के ड्राइवर और उसके वाहन का डाटा बेस तैयार करता है जबकि डिटीओ जिला स्तर के ड्राइवर और उसके वाहन का डेटाबेस तैयार करता है ।

एक राज्य में एक ही आरटीओ होता है जबकि एक राज्य में कई डिटीओ हो सकते हैं ।  

आरटीओ राज्य स्तर पर कार्य करता है तो वहीं डिटीओ जिला स्तर पर कार्य करता है । ये दोनों ही भारत सरकार के अधीन कार्य करते हैं । लेकिन डिटीओ कार्यालय वाहनों का डेटाबेस तैयार करता है और इसकी जानकारी आरटीओ कार्यालय को भी देता है ।

आज आपने क्या सीखा?

आज हमने इस लेख के माध्यम से हमने सीखा है की DTO का full form क्या है और RTO का Full form क्या है । इन दोनों के कार्य क्या हैं। हम आरटीओ ऑफिसर कैसे बन सकते हैं और DTO & RTO में क्या अंतर है ।

Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि Full Form DTO and RTO । मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये। Full Form DTO and RTO

अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। Full Form DTO and RTO

आप लोगों को और अपना ज्ञानवर्धन करना चाहिए, अगर आप लोगों को लगता है की हमें और क्या पढ़ना चाहिए तो आप www.importantgyan.com के वेबसाईट पर नियमित विज़िट करके अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं । Full Form DTO and RTO

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