Vakya ke kitne bhed hote hain

Vakya ke kitne bhed hote hain?

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नमस्कार साथियों!

Important Gyan के इस सीरीज में आप सभी का स्वागत है । आज हम वाक्य के बारे में विस्तार से ज्ञान लेंगे । यहाँ हम पढ़ेंगे की-vakya Kise kahate hain । Vakya ke bhed & Vakya ke kitne bhed hote hain । Rachna ke aadhar par vakya ke kitne bhed hote hain । arth ke aadhar par vakya ke kitne bhed hote hain, kriya ke aadhar par vakya ke bhed

वाक्य किसे कहते हैं?

जब हम बोलते हैं या लिखते हैं तो हम कुछ शब्दों का प्रयोग करते हैं लेकिन इन शब्दों का प्रयोग हमलोग समूह में कर्मवद्ध और व्यवस्थित रूप में ही करते हैं जिससे उसका कुछ अर्थ निकले । Vakya ke kitne bhed hote hain

उदाहरण के लिए:- केवल शब्दों का समूह

श्री राम पिता दशरथ ।

यहाँ पर देखें इस वाक्य में शब्दों का समूह तो है लेकिन वाक्य का पूर्ण अर्थ नहीं मालूम चल रहा है ।

उदाहरण के लिए:- शब्दों का सार्थक और व्यवस्थित समूह

राणा प्रताप ने बहुत ही कष्ट सहा था।

यहाँ पर देखें शब्दों का समूह भी है और उसका पूर्ण अर्थ भी ।

अतः हम यहाँ इस आधार पर कह सकते हैं की वाक्य शब्दों का ऐसा समूह होता है जिससे पूर्ण भाव व्यक्त हो अर्थात दो या दो से अधिक शब्दों के सार्थक और व्यवस्थित समूह को वाक्य कहते हैं । Vakya ke kitne bhed hote hain

कर्ता और क्रिया के आधार पर वाक्य के दो भेद होते हैं

एक उद्देश्य और दूसरा विधेय कहलाता है ।

उद्देश्य:-यह वाक्य का वह भाग होता है जिसके बारे में कुछ कहा जाता है या बातें की जाती है।

विधेय:- उद्येश्य के विषय में जो कुछ कहा जाता है उसे विधेय कहा जाता है ।

सोहन ने एक किताब खरीदा

सोहन ने गंगा जी में स्नान किया

वाक्य के कितने भेद होते हैं?

वाक्य का भेद तीन प्रकार से किया गया है-

प्रथम अर्थ के आधार पर वाक्य भेद और दूसरा रचना के आधार पर वाक्य का भेद और तीसरा रचना के आधार पर वाक्य के भेद । Vakya ke kitne bhed hote hain

अर्थ के आधार पर वाक्य भेद

रचना के आधार पर वाक्य भेद

क्रिया के आधार पर वाक्य भेद

अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं?

अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेंद होते हैं ।

  1. विधान वाचक वाक्य
  2. निषेधवाचक वाक्य
  3. प्रश्नवाचक वाक्य
  4. विस्मयादिबोधक वाक्य
  5. आज्ञावाचक वाक्य
  6. इच्छावाचक वाक्य
  7. संकेतवाचक वाक्य
  8. संदेहवाचक वाक्य

विधान वाचक वाक्य:-

विधि सूचक वाक्य अर्थात इससे किसी सूचना या घटना का ज्ञान होता है । सभी प्रकार की सकारात्मक जानकारी प्राप्त होती है । इस प्रकार के वाक्य में स्वीकार किया जाता है । किसी कार्य के होने की सूचना प्राप्त होती है । वाक्य के अंत में हमेशा खड़ी पाई (।) लगा होता है । Vakya ke kitne bhed hote hain

उदाहरण:-

  1. आपको अपने अध्यापकों का सम्मान करना चाहिये ।
  2. हमने भरसक प्रयत्न किया ।
  3. सूर्य पूरब में निकलता है ।
  4. सीता माता के पिता का नाम जनक था ।

निषेधवाचक वाक्य:-

इस प्रकार के वाक्य से कार्य के न होने की सूचना मिलती है । अस्वीकार रूप में वाक्य होते हैं । इनको नकारात्मक वाक्य भी कहते हैं ।

उदाहरण:-

  1. सुकरात कायर नहीं था ।
  2. उसने दूध नहीं पिया ।
  3. मोहन कुछ नहीं खा सका ।
  4. हम लोग पढ़ नहीं सके ।

प्रश्नवाचक वाक्य:-

जब हम किसी वाक्य में प्रश्न लगाकर पूछते हैं तो इस तरह के वाक्य प्रश्नवाचक वाक्य कहे जाते हैं । ऐसे वाक्यों के अंत में हमेशा प्रश्न चिन्ह लगा होता है(?) कोई कोई वाक्य प्रश्न से शुरू होते हैं और कोई कोई वाक्य के बीच में प्रश्न लगा होता है । Vakya ke kitne bhed hote hain

उदाहरण:-

  • क्या तुम घर जाओगे?
  • श्री राम के पिता कौन थे?
  • वे कहाँ रहते हैं?
  • क्या वह पास हो गया?

विस्मयादिबोधक वाक्य:-

विस्मयादिबोधक वाक्य वह वाक्य है जिससे जिससे कसी प्रकार की गहरी अनुभूति, आश्चर्य , शोक और हर्ष आदि का भाव व्यक्त होता है । इस तरह के वाक्यों में हमेशा विस्मय सूचक चिन्ह लगा होता है(!)

उदारहण:-

  1. यह कितने शर्म की बात है!
  2. ओह! रात कितनी ठंडी है ।
  3. वाह! तुम आ गए।
  4. क्या विचार हैं!

आज्ञावाचक वाक्य:-

आज्ञावाचक वाक्य वह वाक्य है जिसमें प्रार्थना, आज्ञा, विनय और परामर्श आदि का भाव व्यक्त होता है।

उदारहण:-

  1. शांत रहिए ।
  2. सदैव सत्य बोलो ।
  3. कभी झूठ मत बोलो ।
  4. शोक मत करो ।

इच्छावाचक वाक्य:-

इच्छावाचक वाक्य वह वाक्य है जिसमें किसी की इच्छा, आशीर्वाद और आकांक्षा आदि का आभास हो ।

उदारहण:-

  1. ईश्वर उन्हें दीर्घायु करे ।
  2. आपका नववर्ष मंगलमय हो ।
  3. आपका जीवन धन्य हो ।

संदेहवाचक वाक्य:-

जब किसी वाक्य में किसी प्रकार का संदेह का बोध हो उसे ही संदेहवाचक वाक्य कहते हैं, जैसे-

उदारहण:-

  1. क्या आपने अपना काम पूरा कर लिया?
  2. क्या तुमने उससे बात कर लिया?
  3. क्या वह पढ़ाई कर लिया?
  4. क्या वह तुमसे प्यार करती है?

संकेतवाचक वाक्य:-

संकेतवाचक वाक्य वह वाक्य है जिससे संकेत का बोध होता है । हर वाक्य में संकेत होता है ।

उदारहण:-

  • मोहन उधर रहता है ।
  • उधर एक लड़का रहता है ।

रचना के आधार पर वाक्य के भेद

आपको बता दें की रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं-

  1. सरल वाक्य/साधार वाक्य
  2. संयुक्त वाक्य
  3. मिश्रित वाक्य

सरल वाक्य/साधारण वाक्य

जिन वाक्यों में एक ही उदेश्य, विधेय और एक ही क्रिया हो तो उसे साधारण वाक्य कहते हैं ।

उदारहण:-

  1. मोहन गेंद से खेलता है ।
  2. रुचिका दूध पीती है ।
  3. सरिता पुस्तक पढ़ती है ।
  4. मोहन ने भोजन किया ।

मिश्रित वाक्य

जिन वाक्यों में एक प्रधान वाक्य और अन्य आश्रित उपवाक्य हों, उसे ही मिश्रित वाक्य कहा जाता है । इसमें एक प्रधान उदेश्य तथा मुख्य विधेय के अतिरिक्त एक से अधिक समापिक क्रियाएं होती हैं-

उदारहण:-

ज्यों ही रमेश दवा पिया, सो गया ।

यदि मेहनत करोगे तो पास हो जाओगे ।

जब सीता आई तो उसकी बहन सो रही थी ।

संयुक्त वाक्य-

जिन वाक्यों में दो अथवा दो से अधिक साधारण वाक्य या प्रधान उपवाक्य या समानाधिकरण उपवाक्य समुच्चयबोधक अव्ययों से जुड़े होते हैं उनको ही संयुक्त वाक्य कहते हैं ।(और,एवं, तथा,किन्तु, परंतु, लेकिन आदि)

उदारहण:-

  1. राम सुबह गया और संध्याबेला में लौट आया ।
  2. प्रिय बोलो पर झूठ नहीं ।
  3. मोहन बाजार गया और अमरूद लेकर आया ।
  4. सरिता काम कर रही किन्तु मोहन सो रहा है ।

A) संयोजक संयुक्त वाक्य B) विभाजक संयुक्त वाक्य C) विरोध सूचक संयुक्त वाक्य D) परिणाम वाचक संयुक्त वाक्य-Vakya ke kitne bhed hote hain

क्रिया के आधार पर वाक्य भेद

क्रिया के आधार पर वाक्य के तीन भाग होते हैं, जैसे-

  1. कर्तृवाच्य प्रधान वाक्य
  2. कर्मवाच्य प्रधान वाक्य
  3. भाववाच्य प्रधान वाक्य

कर्तृवाच्य प्रधान वाक्य:

जब वाक्य में क्रिया का संबंध कर्ता से होता है, अर्थात वाक्य में क्रिया के लिंग,वचन कर्ताकारक के अनुसार प्रयोग होते हैं, उसे ही कर्तृवाच्य प्रधान वाक्य कहा जाता है ।

उदारहण:-

मोहन दिल्ली में रहता है ।

सीता खाना नहीं बना रही है ।

कर्मवाच्य प्रधान वाक्य:-

जब वाक्य में क्रिया का संबंध कर्ता से न होकर कर्म से होता है अथवा क्रिया के लिंग,वचन आदि कर्म के अनुसार होता है उसे ही कर्मवाच्य प्रधान वाक्य कहते हैं ।

उदारहण:-

भाववाच्य प्रधान वाक्य:-

जब वाक्य में न तो कर्ता की प्रधानता होती है और न कर्म की बल्कि क्रिया का भाव ही प्रधान होता है उसे ही भाववाच्य प्रधान वाक्य कहते हैं । Vakya ke kitne bhed hote hain

उदारहण:-

सोहन से चला नहीं जाता है ।

मोहन से पढ़ा नहीं जाता है। मुझसे बोला नहीं जाता है ।

FAQ-Vakya ke kitne bhed hote hain

प्रश्न:-मुझसे पढ़ा नहीं जाता है, ये किस वाक्य का भेद है?

उत्तर:- भाववाच्य प्रधान वाक्य

प्रश्न:-जब वाक्य में न तो कर्ता की प्रधानता हो और न कर्म की तो वह कौन सा वाक्य का भेद होता है?

उत्तर:-भाववाच्य प्रधान वाक्य ।

प्रश्न:- क्रिया के आधार पर वाक्य के कितने भाग होते हैं?

उत्तर:-क्रिया के आधार पर वाक्य के तीन भाग होते हैं- कर्तृवाच्य प्रधान वाक्य, कर्मवाच्य प्रधान वाक्य & भाववाच्य प्रधान वाक्य ।

प्रश्न:-मिश्रित वाक्य किसे कहते हैं?

उत्तर:-जिन वाक्यों में एक प्रधान वाक्य और अन्य आश्रित उपवाक्य हों, उसे ही मिश्रित वाक्य कहा जाता है ।

प्रश्न:-सरिता इधर रहती है, यह कौन सा वाक्य का भेद है?

उत्तर:-संकेतवाचक वाक्य है ।

प्रश्न:-सोहन ने गंगा जी में स्नान किया, इसमें उदेश्य क्या है?

उत्तर:-सोहन उदेश्य है ।

प्रश्न:-तुम दीर्घायु हो, यह कौन सा वाक्य का भेद है?

उत्तर:-आज्ञावाचक वाक्य। Vakya ke kitne bhed hote hain

प्रश्न:-मोहन कहाँ रहता है, यह कौन सा वाक्य का भेद है?

उत्तर:-प्रश्न वाचक वाक्य है ।

Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि इब्राहीम लोदी कौन था और इसने कौनसे कार्य किए थे । मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये। Vakya ke kitne bhed hote hain

अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। Vakya ke kitne bhed hote hain

आप लोगों को और अपना ज्ञानवर्धन करना चाहिए, अगर आप लोगों को लगता है की हमें और क्या पढ़ना चाहिए तो आप www.importantgyan.com के वेबसाईट पर नियमित विज़िट करके अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं । Vakya ke kitne bhed hote hain

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