Gadar Party ki Sthapna kisne ki thi
साथियों! आज हम समझेंगे की गदर आंदोलन या गदर पार्टी क्या था, गदर पार्टी की स्थापना किसने किया था, गदर पार्टी की स्थापना कहाँ हुई थी, गदर पार्टी की साप्ताहिक पत्रिका क्या था, गदर आंदोलन का क्या कारण था, गदर आंदोलन के प्रभाव और इसके साथ ही गदर पार्टी के सदस्य?
गदर पार्टी की स्थापना किसने किया था
गदर पार्टी की स्थापना पंजाब के एक महान बुद्धजीवी और प्रबल क्रांतिकारी लाला हरदयाल ने किया था । यही गदर दल के प्रणेता थे जिन्होंने इस पार्टी को जन्म दिया । इसको स्थापित करने में रामचंद्र और बरकतुल्ला ने सहायता किया था । Gadar Party
गदर पार्टी की स्थापना कहाँ हुई थी?
गदर पार्टी की स्थापना लाला हरदयाल ने 01 नवम्बर 1913 ईस्वी में संयुक्त राज्य अमेरिका के सान फ्रांसिस्को नगर में हुआ था । Gadar Party ki Sthapna kisne ki thi
गदर पत्रिका क्या था?
लाला हरदयाल ने जिस पार्टी की स्थापना किया था वही पार्टी ने ‘गदर’ नामक एक साप्ताहिक पत्रिका भी चलाया था । यह पत्रिका सन 1857 के गदर की स्मृति में स्थापित किया गया था। Gadar Party
गदर पत्रिका अपना प्रथम अंक का आरंभ इस प्रकार किया था-“हमारा नाम क्या है? गदर या विद्रोह! हमारा काम क्या है-‘विद्रोह’ यह विद्रोह कहाँ होगा- यह विद्रोह भारत में होगा । Gadar Party
गदर पार्टी का उद्देश्य क्या था?
इस दल ने एक विचार लाने का प्रयत्न किया और सोचा की विदेश में भारतीयों का तनिक भी सम्मान नहीं होता है । इसका प्रमुख कारण यह है की हम स्वतंत्र नहीं है । हम परतंत्र हैं । इसी संदर्भ में अंग्रेजों के कहने पर ही अमेरिका प्रशासन ने लाला हरदयाल के विरुद्ध मुकदमा बनाकर अमेरिका से बाहर खदेड़ने पर मजबूर किया । Gadar Party
वैसे देखा जाए तो प्रथम महायुद्ध के शुरू होने होने तक लाला हरदयाल और उनके साथीगण जर्मनी को रवाना हो गए ।
भारतीय स्वतंत्रता समिति का गठन कहाँ हुआ था?
इंडियन इंडिपेंडेंस कमिटी का गठन लाला हरदयाल और उनके साथियों ने बर्लिन में किया था । इस कमिटी के गठन का मुख्य उद्देश्य यह था की जो भी भारतीय विदेश में रहते हैं उनको भारत की स्वतंत्रा के लिए प्रयत्न करते रहना चाहिए ।
इस कार्य के लिए इस कमिटी ने कुछ सुझाव दिए की स्वयं सेवकों को भेजकर भारतीय सैनिकों को विद्रोह के लिए तैयार करना, भारतीय क्रांतिकारियों के लिए विस्फोटक पदार्थ भेजना और जरूरत पड़े तो भारत पर सैनिक आक्रमण कर देना चाहिए । Gadar Party
कामागाटामारू प्रकरण क्या है?
इसी बीच पंजाब में प्रसिद्ध कामा गाटा मारू एक मात्र घटना ने पूरा तस्वीर ही बदल कर रख दिया । हुआ यूं की गुर दत्तसिंह ने एक जापानी जलपोत भाड़े पर लिया जिसका नाम था कामागाटामारू । इस जोलपोत में 351 पंजाबी सिक्ख और 21 मुसलमान थे । इस जलपोत को गुर दत्त सिंह ने केनेडा के वेनकुवर नगर ले जाने का प्रयास किया । Gadar Party
इस जलपोत को ले जाने का उद्देश्य यह था की सभी लोग वहाँ पर जाकर एक स्वतंत्र जीवनयापन करेंगे और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेंगे । लेकिन दुर्भाग्यवश केनेडा सरकार ने इन यात्रियों को बंदरगाह पर उतरने की अनुमति नहीं दिया । Gadar Party
इस तरह इस जलपोत को 27 सितंबर 1914 ईस्वी को पुनः कलकत्ता बंदरगाह लौटना पड़ा। अब जलपोत में बैठे सभी यात्रियों को पूरा विश्वास हो गया की अंग्रेजी सरकार ने ही केनेडा सरकार को दबाव डालकर हमें यहाँ उतरने नहीं दिया । इसी बीच बाबा गुरुदत्त को गिरफ्तार करने का प्रयास किया गया । लेकिन ये भाग निकले । Gadar Party
शेष जीतने भी यात्री थे उनको गाड़ी में बैठाकर पंजाब लाया गया । लेकिन इसमें से असन्तुष्ट लोग लुधियाना, जालंधर और अमृतसर में बहुत से डाके डाले । Gadar Party
इन्हीं सब घटनाओं को देखते हुए अंग्रेजी सरकार ने कुछ कड़े अधिनियम जो इस प्रकार से है-
- 1907 ईस्वी का राजद्रोही सभाओं को रोकने का अधिनियम(Prevention of Seditious Meeting Act),
- 1908 ईस्वी का विस्फोटक पदार्थ अधिनियम(Explosive substances Act),
- 1908 का ही भारतीय फौजदारी कानून संशोधन अधिनियम और एक समाचार पत्र अधिनियम,
- 1910 का समाचार पत्र अधिनियम,
- 1915 का भारतीय सुरक्षा अधिनियम ।
प्रश्न:-लाला हरदयाल कहाँ के रहने वाले थे?
उत्तर:-लाला हरदयाल पंजाब के क्रांतिकारी थे ।
प्रश्न:-गदर दल का गठन कहाँ हुआ था?
उत्तर:-गदर दल का गठन 01 नवंबर 1913 ईस्वी को संयुक्त राज्य अमेरिका के सैनफ्रांसिस्को में हुआ था ।
प्रश्न:-गदर दल ने कौन सी पत्रिका का प्रकाशन किया था?
उत्तर:-‘गदर’ नामक पत्रिका का प्रकाशन किया था ।
प्रश्न:-गदर पत्रिका किसकी स्मृति में शुरू हुआ था?
उत्तर:-1857 के स्मृति में शूरु किया गया था ।
प्रश्न:-भारतीय स्वतंत्रता समिति का गठन कब कहाँ हुआ था?
उत्तर:-बर्लिन में हुआ था।
प्रश्न:-कामागाटामारू कांड किसके नेतृत्व में हुआ था?
उत्तर:-बाबा गुर दत्तसिंह के नेतृत्व में हुआ था।
प्रश्न:- ‘गदर’ का स्वरूप था? उत्तर:-साप्ताहिक था ।
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साथियों आज अपने इस लेख में क्या पढ़ा? आज हमने समझने की कोशिश किया की Gadar Party ke sansthapk kaun the और इसका कितना असर साबित हुआ । Gadar Party ki Sthapna kisne ki thi ।