अर्थशास्त्र का लेखक कौटिल्य नहीं था Arthshastra ke lekhak kaun Hai

अर्थशास्त्र का लेखक कौटिल्य नहीं था Arthshastra ke lekhak kaun Hai

आप कैसे साबित करेंगे की कौटिल्य ने ही अर्थशास्त्र लिखा है? कोई प्रमाण है आपके पास? हैं ना साथियों हम आपको प्रमाण देते हैं । आप इस लेख को पूरा पढ़ें आपको इसका पूरा प्रमाण मिल जाएगा!

Arthshastra ke lekhak kaun Hai

Arthashastra meaning in Hindi?

अर्थशास्त्र शब्द संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है । एक ‘अर्थ’ और दूसरा ‘शास्त्र’ । इसमें ‘अर्थ’ शब्द का मतलब है धन और ‘शास्त्र’ शब्द का मतलब है अध्ययन । इसका अर्थ हुआ ‘धन का शास्त्र’

Arthshastra kise kahate hain?

अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है जिसमें वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन, विनिमय, वितरण और उपभोग का अध्ययन किया जाता है । Arthshastra

Arthshastra ko english mein kya kahate hain?

अर्थशास्त्र को इंग्लिश में ‘Economics’ कहते हैं ।

Arthshastra ke lekhak kaun Hai?

अर्थशास्त्र की रचना कौटिल्य अर्थात चाणक्य ने किया था । लेकिन इसके विषय में विद्वानों में भारी मतभेद है । कुछ विद्वान इसे चाणक्य की रचना मानते हैं कुछ नहीं मानते हैं । Arthshastra

मानने वाले विद्वान नहीं मानने वाले विद्वान
जाली, कीथ,विंटरनितज जैकोबी, शामशास्त्री, स्मिथ, काशी प्रसाद जायसवाल

जो विद्वान इसे कौटिल्य की रचना नहीं मानते हैं उन्होंने इसके विषय में कुछ इस तरह का तर्क दिया है-

  1. कौटिल्य ने नगर प्रशासन एवं सैनिक प्रशासन की परिषदों का किसी तरह से वर्णन नहीं किया है । नहीं विदेशी आचरण और उनके देखरेख के बारे में कोई वर्णन है ।
  2. अर्थशास्त्र में कौटिल्य के विचार को ‘इति कौटिल्य’ शब्द कहकर संबोधित किया गया है ।
  3. कौटिल्य के नाम का उल्लेख मैगस्थनीज ने भी नहीं किया है । यहाँ तक की पतंजलि जो मौर्य शासन के बारे में अच्छी जानकारी रखते थे, इन्होंने भी किसी प्रकार से उल्लेख नहीं किया है ।

इस तरह उपर्युक्त विचार देकर इन विद्वानों ने कौटिल्य के अर्थशास्त्र पर पूरा सवाल खड़ा कर दिया है । लेकिन हम यहाँ नहीं रुकेंगे और इसके बारे में और पुख्ता सबूत खंगालेंगे और बताएंगे की सच्चाई क्या है? जो विद्वान इस बात को मानते हैं की अर्थशास्त्र कौटिल्य की रचना है उनका तर्क कुछ इस तरह है-

  1. अर्थशास्त्र का प्रमुख विषय सामान्य राज्य और उसके शासनतंत्र से है । इसमें चक्रवर्ती सम्राट के अधिकार के बारे में बताया गया है की उसका अधिकार क्षेत्र हिमालय से समुद्र तट तक था ।
  2. अर्थशास्त्र में मुख्य रूप से विभागीय अध्यक्षों के बारे में वर्णन किया गया है । इसने नगर और सेना के परिषद को अशासकीय समझकर छोड़ दिया है ।
  3. भारतीय लेखकों में अपने नाम का उल्लेख अन्य पुरुष के रूप में लिखने की परंपरा रही है। अतः कौटिल्य ने ऐसा किया है तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है।
  4. मेगास्थनीज की इंडिका पूरी तरह प्राप्त नहीं है । हो सकता है की कौटिल्य का उल्लेख उन अप्राप्य अंशों में विद्यमान रहा हो ।
  5. रही बात पतंजलि जी की तो उन्होंने तो बिन्दुसार और अशोक के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दिया है ।
  6. कौटिल्य ने नियोग प्रथा, विधवा विवाह आदि प्रथाओं के बारे में जानकारी दिया है जो मौर्य समाज में विद्यमान था ।
  7. कौटिल्य ने युक्त शब्द का प्रयोग अधिकारी के रूप में किया है जिसका प्रयोग अशोक के लेखों में मिलता है ।
  8. मेगास्थनीज की इंडिका और अर्थशास्त्र में बहुत कुछ समानताएं भी देखने को मिलता है ।
  9. मेगास्थनीज के जैसे कौटिल्य भी अर्थशास्त्र में लिखता है की जब चंद्रगुप्त आखेट के लिए निकलता था तो उसके साथ राजकीय जुलूस चलता था, कड़ी सुरक्षा रहती थी, सम्राट की अंगरक्षक महिलायें होती थीं और सम्राट अपने शरीर पर मालिश करवाता था, मेगास्थनीज के ओवरसियर्स कौटिल्य के गुप्तचर हैं । मेगास्थनीज के अधिकारी अर्थशास्त्र के अध्यक्ष हैं । दोनों ने प्रशासनिक और सामाजिक व्यवस्था का समान रूप से विवरण दिया है ।

इस तरह हम यह सवाल नहीं कर सकते हैं की अर्थशास्त्र कौटिल्य की रचना नहीं है। उपर्युक्त बातें यही साबित करती हैं की इसकी रचना चाणक्य ने ही किया था । Arthshastra

Arthshastra ki rachna kab hui thi?

अर्थशास्त्र मौर्य काल की रचना है । अर्थशास्त्र के जनक कौटिल्य हैं । इसमें कोई शंका की बात ही नहीं है।  हाँ इतना जरूर है की कालांतर में इसमें अन्य लेखको द्वारा प्रक्षिप्तांश जोड़ दिए गए हैं। इससे मूल ग्रंथ का स्वरूप बदल सा गया है।

मूल ग्रंथ को चौथी शताब्दी ईस्वी पूर्व हम रख सकते हैं । अर्थात इसकी रचना इसी समय हुई होगी । इस तरह अर्थशास्त्र मूल रूप में 2300 वर्ष पुराना है । Arthshastra

अर्थशास्त्र में कुल 15 अधिकरण और 180 प्रकरण हैं । इसमें कुल 4000 श्लोक हैं ।

आज आपने क्या सीखा?

आज इस लेख के माध्यम से आपने सीखा की kautilya arthashastra क्या है इसकी रचना किसने किया था और इसको kautilya arthashastra क्यों कहा जाता है । Arthashastra ki paribhasha क्या है?

Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि Arthshastra kise kahate hain & Who wrote arthashastra। मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये।

अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ  क्षमा  कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो  जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। 

आप लोगों को और अपना ज्ञानवर्धन करना चाहिए, अगर आप लोगों को लगता है की हमें और क्या पढ़ना चाहिए तो आप www.importantgyan.com के वेबसाईट पर नियमित विज़िट करके अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं । हमारे कुछ मीनू आप लोगों का राह देखते रहते हैं जैसे-Motivation, Healt

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