Very Healthy Man नाम से विख्यात धनानन्द Dhananand in Hindi

धनानन्द कौन था?

Dhananand:धनानन्द या धननंद मगध देश में नन्द वंश का एक अंतिम राजा था । इसको यूनानी लेखकों ने अग्रमीज कहा है । धनानन्द का राज्य विस्तार व्यास नदी तक विस्तृत था । धनानन्द सिकंदर का समकालीन था ।

धनानन्द को Very Healthy Man किसने कहा था?

Dhananand:जेनोफोन ने धनानन्द को ‘बहुत धनाढ्य व्यक्ति कहा है । यूनानी लेखकों के अनुसार धनानन्द के पास असीम सेना के साथ ही असीम संपत्ति भरा था ।

Dhananand

धनानन्द का सेनापति कौन था?

धनानन्द का सेनापति भददशाल था ।

धनानन्द के मंत्री का क्या नाम था?

नन्द वंश के अंतिम शासक धनानन्द के मंत्री का नाम अमात्य राक्षस था ।  

धनानन्द का सम्राज्य विस्तार

Dhananand:धनानन्द के सम्राज्य की सीमा उत्तर में हिमालय से लेकर पश्चिम में सिंधु नदी तक विस्तृत था और इसके अलावा पूर्व में मगध से दक्षिण में गोदावरी तक विस्तृत था । इसके अलावा पूर्वी दक्षिणापथ में कलिंग भी इसमें शामिल था ।

आपको बताते चलें की धनानन्द के पास अतुल संपत्ति होते हुए भी उसके साम्राज्य में असंतोष और चतुर्दिक घृणा का माहौल था । जनता धनानन्द से खासा परेशान थी ।

चंद्रगुप्त मौर्य धनानन्द को कैसे मारा?

Dhananand:राज्य में बढ़ रही अराजकता को देखते हुए और धनानन्द द्वारा अपमान सहते हुए चाणक्य ने एक प्रतिज्ञा लिया था की मैं धनानन्द के वंश का समूल नाश कर दूंगा । इस तरह चाणक्य ने चंद्रगुप्त मौर्य को अपना शिष्य बनाया और और उसको प्रशिक्षित करके धनानन्द का वध करा दिया ।

नन्दवंश का अंतिम शासक कौन था?

नन्दवंश का अंतिम शासक धनानन्द था ।

नन्द शासन का महत्व

Dhananand:धनानन्द की मृत्यु के पश्चात ही एक शक्तिशाली साम्राज्य का अंत हुआ । लेकिन इसके बावजूद भी नन्द वंश का इतिहास में अपना एक अलग महत्व रखता है ।

सामाजिक रूप से देखा जाए तो यह समय निम्न वर्ग के उत्कर्ष का समय था और इसी वंश ने प्रथम बार उत्तर भारत में एकछत्र राज्य स्थापित करके शासन किया था ।

इनके द्वारा तैयार किया गया सेना परवर्ती मगध राजाओं के काल में भी विदेशी आक्रमण कारियों को रोकने में काम आया था ।

Dhananand:इनके काल में मगध समृद्धि के शिखर तक पहुँच गया था । घनन्द के समय में अतुलित धन संपदा विस्तृत था जिसका प्रभाव व्यापार वाणिज्य पर भी पड़ा । इस बात का हवाला चीनी यात्री हुएनसांग ने भी दिया था ।

इसके साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी प्रगति हुई इस समय । महापद्मनन्द के पाणिनी मित्र थे और इसके अलावा वर्ष,उपवर्ष, वररुची और कात्यायन जैसे विद्वान भी इस समय उत्पन्न हुए थे ।

नन्दवंश के लोग जैन मत के पोषक थे और कई जैन मंत्री पद को प्राप्त हुए थे जिसमें कल्पतरु मुख्य थे ।

Dhananand:मगध में दो राजधानियाँ थीं राजगृह और पाटलीपुत्र ।

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प्रश्न:-नन्दवंश के लोग किस मत के पोषक थे?

उत्तर:-नन्दवंश के लोग जैन मत के पोषक थे ।

प्रश्न:-राक्षस किसके मंत्री थे?

उत्तर:-धनानन्द के मंत्री थे ।

प्रश्न:-व्याकरणआचार्य पाणिनी किसके मित्र थे?

उत्तर:-व्याकरणआचार्य पाणिनी महापद्मनन्द मित्र थे?

प्रश्न:-भददशाल किसका सेनापति था?

उत्तर:-धनानन्द का मंत्री था ।

Dhananand:आज आपने क्या जाना? आज हम इस लेख में बताने का प्रयास किया है की की नंद वंश के संस्थापक कौन थे, महापद्मनंद कौन था, महापद्मनंद का असली नाम क्या है, महापद्मनंद के पिता का नाम, नंद वंश की राजधानी, महापद्मनंद का शासन काल, सम्राट महापद्म नंद के मंत्री का क्या नाम था, महापद्मनंद की पुत्री का नाम, नंद वंश के उत्थान की विवेचना कीजिए-Dhananand in Hindi

Important Gyan: शायद आप लोगों को अपने उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर मिल गया होगा लेकिन अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे।Dhananand in Hindi

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