Jorwe culture in Hindi कुछ विशेष जानकारियाँ जोरवे के बारे में
नमस्कार साथियों!
Important Gyan के इस सीरीज में आप सभी का स्वागत है । आज हम ताम्र पाषाण कालीन से संबंधित प्रमुख स्थल के बारे में कुछ रोचक और दिलचस्प जानकारियाँ लेकर आए हैं । इस संदर्भ में आज हम जानेंगे जोरवे संस्कृति के बारे में । आखिर जोरवे संस्कृति के अंतर्गत कौन से स्थल आते हैं और इसकी क्या विशेषता है । ये लेख आप लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी होने वाला है । इससे न आप लोगों का ज्ञान बढ़ेगा बल्कि आगामी परीक्षाओं में भी उपयोगी साबित होगा । jorwe culture in Hindi
जोरवे के प्रमुख स्थल कौन से है?
ताम्र पाषाण काल से संबंधित उत्खनन पूरे भारत में हुआ है जिसमें से सबसे ज्यादा उत्खनन पश्चिमी महाराष्ट्र में हुआ है । यहाँ पर हुए उत्खनन में प्रमुख स्थल-अहमदनगर, धुले और पुणे । अहमदनगर में प्रमुख स्थल हैं-जोरवे,दैमाबाद और नेवासा । धुले में प्रकाश है और पुणे जिले में चंदौली,सोनगाँव,नासिक और इनामगाँव । jorwe culture in Hindi
जोरवे कहाँ स्थित है?
जोरवे महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है । यह एक प्रतिनिधि स्थल है ।यह महाराष्ट्र के अधिकांश क्षेत्रों में फैला हुआ है । jorwe culture in Hindi
जोरवे किस नदी के किनारे है?
जोरवे अहमदनगर जिले में गोदावरी की शाखा-नदी प्रवरा के बाएं तट पर स्थित है । ये इसका प्रतिनिधि स्थल है । jorwe culture in Hindi
जोरवे संस्कृति का समय क्या है?
जोरवे संस्कृति का समय ईस्वी पूर्व 1400 से 700 के बीच में है । जोरवे से सपाट और आयताकार कुठार मिले हैं । jorwe culture in Hindi
दैमाबाद की विशेषता
यह सिंधु सभ्यता का सबसे दक्षिणतम विंदु है और सबसे बड़ा स्थल है । यह नगरियकरण को प्राप्त हुआ था इसके अलावा भारी संख्या में कांसे के औजार यहाँ से मिले हैं। jorwe culture in Hindi
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नेवासा कहाँ स्थित है?
नेवासा महाराष्ट्र के अहमद नगर जिले में है। यह जिला मुख्यालय से उत्तर पूर्व की तरफ है ।
नेवासा किस नदी के किनारे है?
नेवासा गोदावरी की सहायक प्रवरा के दोनों तट पर स्थित है ।
नेवासा की खोज किसने किया था?
नेवासा की खोज एम एन देशपांडे ने किया था । आपके जानकारी के लिए बता दें की संत ज्ञानेश्वर ने गीता पर टीका ज्ञानेश्वरी का शूरवात यहीं से किया था । यहाँ पर कपास और पटसन की बहुलता थी तथा मोटे रेशम के धागे यहीं से मिले हैं । यह सवाल अक्सर परीक्षाओं में पूछा जाता है । jorwe culture in Hindi
इनामगाँव
यहाँ की बस्ती कीलेबंद थी,नगरियकरण का साक्ष्य मिलता है, पाँच कमरों वाला मकान तथा मातृदेवी की प्रतिमा यहीं से मिलता है । jorwe culture in Hindi
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जोरवे संस्कृति के लोगों का मृदभांड कैसा था?
ये लोग चित्रित मृदभांड का प्रयोग करते थे और साथ ही टोंटी वाले जलपात्र,गोड़ीदार तस्तरियाँ और कटोरे आदि का प्रयोग करते थे । ये सभी मृदभांड चाकों पर बनाया जाता था और इन पर सफेद रैखिक आकृतियाँ भी बनाई जाती थीं । इन पर लाल रंग का लेप लगाया जाता था और काली चित्रकारियाँ की जाती थीं । jorwe culture in Hindi
जोरवे संस्कृति के लोगों का व्यवसाय क्या था?
ये लोग खेती करते थे और साथ ही मवेशी भी पालते थे । ये लोग गेहूं और जौ उपजाते थे । इसके अलावा दलहन,बाजरा,मसूर,उड़द इत्यादि का भी उत्पादन होता था । jorwe culture in Hindi
महाराष्ट्र में जोरवे संस्कृति के स्थल की मिट्टी काली भूरी थी और यहाँ अधिकतर बेर और बबूल के पेड़ थे ।
इस संस्कृति के लोग पत्थर के छोटे छोटे औजारों का प्रयोग करते थे और फलक तथा फलकियों की संख्या ज्यादा थी । इसके साथ ही दक्षिण भारत में प्रस्तर फलक उद्योग भी बढ़ा ।
ये लोग घोड़े से परिचित नहीं थे और साथी ही गोमांस खाते थे लेकिन सुवर का माँस नहीं खाते थे । महाराष्ट्र में कपास, सेमल की रुई आदि मिलता है जिससे यह साबित होता है की यहाँ के लोग वस्त्र निर्माण से परिचित थे । jorwe culture in Hindi
जोरवे संस्कृति के लोगों की बस्ती संरचना कैसी थी?
शुरुवाती दौर में ये लोग कच्ची ईंटों के मकान में रहते थे लेकिन कालांतर में धीरे धीरे परिवर्तन होने लगा और आगे चलकर यहाँ से पाँच कमरों वाला मकान मिला है जिनमें चार कमरे आयताकार हैं और एक वृत्ताकार है। यह किसी सरदार का मकान रहा होगा । jorwe culture in Hindi
सरदार का मकान बस्ती के केंद्र में था जो आयताकार था और गोलाकार घरों में आम जन के लोग रहते थे । आयताकार पाँच कमरों वाले मकान के पास ही एक कोठार मिला है जिसमें शायद राजस्व वसूला जाता होगा । jorwe culture in Hindi
सबसे बढ़िया बस्ती का उदाहरण इनामगाँव था । यहाँ से सौ से भी अधिक कब्रें और घर पाई गई हैं । यह बस्ती कीलाबंद है और खाई से घिरी है । jorwe culture in Hindi
इस तरह से देखें तो यहाँ की बस्ती में निवासगत अधिक्रम दिखाई देता है।
कुछ बस्तियां बहुत बड़ी हैं और कुछ छोटी हैं । इससे ये साबित होता है बड़ी बस्तियों का छोटी छोटी बस्तियों पर दबाव रहता होगा । jorwe culture in Hindi
आपके जानकारी के लिए बता दें की जोरवे संस्कृति ग्रामीण थी लेकिन कुछ बस्तियां जैसे-दैमाबाद और इनामगाँव नगरियकरण की स्थिति को पहुँच गई थीं । jorwe culture in Hindi
जोरवे संस्कृति के लोगों की शवाधान प्रथा कैसी थी?
महाराष्ट्र में जोरवे संस्कृति के लोग शव को कलश में रख कार अपने घर में फर्श के नीचे गाड़ते थे । शव का सिर उत्तर दिशा में होता था और साथ ही शव एक साथ कब्र में कुछ खाने पीने और अन्य प्रकार की वस्तुएं भी गाड़ देते थे जिससे लोक परलोक की भावना उस समय प्रबल होगी । चंदौली और नेवासा की बस्तियों में बच्चों के गले में तांबे के मानकों का हार पहना कार दफनाया गया है । लेकिन कुछ कब्रों में सिर्फ कुछ साधारण समान ही मौजूद थे । jorwe culture in Hindi
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Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि जोरवे संस्कृति कहाँ बसी थी और इसकी क्या विशेषता थी। मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये। jorwe culture in Hindi
अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ कर क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे।
आप लोगों को और अपना ज्ञानवर्धन करना चाहिए, अगर आप लोगों को लगता है की हमें और क्या पढ़ना चाहिए तो आप www.importantgyan.com के वेबसाईट पर नियमित विज़िट करके अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं । jorwe culture in Hindi
हमारे कुछ मीनू आप लोगों का राह देखते रहते हैं जैसे-Motivation, Health, sarkari Yojna आदि । आप इनका लाभ जरूर उठायें । आपका दिन शुभ हो! jorwe culture in Hindi