Atharva Veda in Hindi जानें क्या है रहस्य अथर्वदेव का!
Important Gyan के इस सीरीज में आप सभी का स्वागत है। हम ज्ञान की बातें दिल से करेंगे। आज हमारे लेख का विषय है अथर्ववेद! इसके पहले के लेख में हमने जाना की ऋग्वेद सामवेद और यजुर्वेद किसे कहते हैं और इनकी क्या विशेषता है । आज हम अथर्ववेद के कुछ रोचक रहस्य के बारे में जानकारी हासिल करेंगे । Atharva Veda in Hindi
साथियों इस लेख के अंत में हमने कुछ अथर्ववेद से संबंधित प्रश्नोत्तरी दिए हैं जिसको आप जरूर हल करें । सबसे पहले आप इस लेख को ध्यान से पढ़ें और उसके बाद उन प्रश्नों के उत्तर दें। आप अपने कुछ सुझाव भी दे सकते हैं की और कैसे इस लेख को अच्छा बनाया जाए
अथर्वदेव
अथर्ववेद के रचनाकार अथर्वा ऋषि थे। इसके कुछ अंशों को अंगिरस ऋषि ने लिखा था । अतः इस वेद के ‘अथर्वाअंगिरस’ भी कहा जाता है। Atharva Veda in Hindi Important Gyan
ब्रह्म सबंधित विद्या का विवेचन होने के कारण इस वेद को ‘ब्रह्मवेद’ भी कहा जाता है।
इसके अलावा इसमें अर्थशास्त्र की उत्पत्ति, जादू-टोना ,प्रणय और चिकित्सा पद्धति का उल्लेख हुआ है इस लिए इसको ‘श्रेष्ठ वेद’ भी कहा जाता है ।
आयुर्वेद, औषधियों और चिकित्सा आदि का उल्लेख होने के कारण इस वेद को ‘भैषज्य वेद’ कहा गया है। पृथ्वी सूक्त इस वेद का सबसे महत्वपूर्ण सूक्त है इस लिए इसको ‘महीवेद’ भी कहा जाता है। Atharva Veda in Hindi
थर्ववेद के मंत्र से यज्ञ को सम्पन्न करने वाला व्यक्ति “ब्रह्म” कहलाता था। इसके साथ ही यह ग्रंथ शारीरिक और लौकिक सुखों का वर्णन करता है ।
अगर इसके भाषा और स्वरूप के आधार पर देखें तो इसकी रचना सभी वेदों के बाद में हुआ था। अर्थात इसकी रचनकाल का समय लगभग ईस्वी पूर्व 1000 है । इसमें कुल 731 सूक्त और 5987 मंत्र हैं और 1200 मंत्र ऋग्वेद से लिया गया है ।
इस वेद में मगध और अंग राज्य का उल्लेख हुआ है और इसके लिए ‘ब्रात्य’ अर्थात ‘धर्मच्युत’ शब्द का प्रयोग किया गया है । इसमें प्रार्थना मिलता है की ये लोग ज्वर से पीड़ित हों । Atharva Veda in Hindi
अथर्वदेव की विशेषता
इसमें जंत्र-मंत्र, टोना टोटका,राक्षस,पिशाच ,भूत-प्रेत ,रोग निवारण,औषधि प्रयोग और ब्रह्मज्ञान आदि का उल्लेख हुआ है । अथर्ववेद में ही परीक्षित को कुरुओं का राजा कहा गया है । इसके साथ ही इसमें कुरु देश की सुख समृद्धि का बढ़िया तरीके से वर्णन मिलता है । इसमें आर्य और अनार्य विचार धाराओं का समन्वय हुआ है । वैसे देखा जाए तो ऋग्वेद के दार्शनिक विचार धाराओं का प्रौढ़ रूप देखने को मिलता है । Atharva Veda in Hindi
आयुर्विज्ञान का उल्लेखनीय वर्णन अथर्ववेद में ही मिलता है । इसके आलवा जीवाणु विज्ञान औषधीय विज्ञान का संबंध इसी वेद में मिलता है। Atharva Veda in Hindi Important Gyan
ऋग्वेद के महत्वपूर्ण देवताओं का स्थान इस वेद में गौण रूप में देखने को मिलता है। इसमें अब प्रेत आत्माओं और जादू टोना का स्थान बढ़ने लगा ।
अथर्ववेद का ब्राह्मण ग्रंथ कौनसा है?
अथर्ववेद का एक ही ब्राह्मण ग्रंथ है “गोपथ” ब्राह्मण ग्रंथ। यह ग्रंथ शतपथ ब्राह्मण ग्रंथ से प्रभावित था।
अथर्ववेद का उपनिषद कौनसा है?
- मुंडक
- माण्डूक्य
- प्रशनोपनिषद
- माण्डूक्य
“यज्ञ टूटी हुई नौका के समान है और जो मूढ़(मूर्ख) इनके चक्कर में फँसता है तो उस व्यक्ति को जरामरण के चक्र से छुटकारा नहीं मिलता है ।” माण्डूक्य में कहा गया है ।
इतिहास और पुराणों को पंचम वेद किसमें कहा गया है?
इतिहास और पुराणों को आरण्यक ग्रंथों में पंचम वेद कहा गया है ।
अथर्वाअंगिरस वेद किस वेद को कहा गया है?
अथर्वाअंगिरस अथर्ववेद को कहा गया है क्योंकि इसके कुछ भागों को अथर्व ऋषि ने लिखा था । Atharva Veda in Hindi Important Gyan
ब्रह्मवेद किस वेद को कहा गया है?
‘ब्रह्मवेद’ अथर्ववेद को इसलिए कहा गया क्योंकि इसमें ब्रह्म सम्बधी विद्या का उल्लेख हुआ है ।
श्रेष्ठ वेद किस वेद को कहा गया है?
अथर्ववेद को श्रेष्ठ वेद कहा गया है क्योंकि इसमें अर्थशास्त्र की उत्पत्ति, जादू-टोना ,प्रणय और चिकित्सा पद्धति का उल्लेख हुआ है ।
महीवेद किस वेद को कहा गया है?
अथर्ववेद को महीवेद कहा गया है क्योंकि पृथ्वी सूक्त इस वेद का सबसे महत्वपूर्ण सूक्त है इस लिए इसको ‘महीवेद’ भी कहा जाता है।
कुरु देश की सुख समृद्धि का वर्णन किस वेद में हुआ है?
कुरु देश की सुख समृद्धि का वर्णन अथर्ववेद में हुआ है। इसमें परीक्षित को कुरुओं का राजा कहा गया है।
भैषज्य वेद किस वेद को कहा जाता है?
भैषज्य वेद, अथर्ववेद को कहा जाता क्योंकि इसमें औषधि और आयुर्वेद का उल्लेख हुआ है और सबसे बढ़िया स्रोत है।
गोपथ ब्राह्मण ग्रंथ किस वेद का ब्राह्मण ग्रंथ है?
गोपथ” ब्राह्मण ग्रंथ अथर्ववेद का ब्राह्मण ग्रंथ है और यह ग्रंथ शतपथ ब्राह्मण ग्रंथ से प्रभावित है। Atharva Veda in Hindi
अथर्ववेद का उपवेद क्या है?
अथर्ववेद का उपवेद शिल्पवेद है।
वेदों का आरण्यक किसके नाम पर है ।
वेदों का आरण्यक ब्राह्मण ग्रंथों के नाम पर है ।
अथर्ववेद में ब्रह्म क्या था?
आपको बता दें की अथर्ववेद के मंत्र से यज्ञ को जो व्यक्ति यज्ञ को सम्पन्न करता था वह व्यक्ति “ब्रह्म” कहलाता था।
अथर्ववेद का कौनसा आरण्यक ग्रंथ है?
अथर्ववेद का कोई आरण्यक ग्रंथ नहीं है।
आपको बता दें की कंठ, श्वेताशवर, ईश, मुंडक पद्य भाषा में लिखा गया है और केन तथा प्रश्न उपनिषद पद्य और गद्य में लिखा गया है । बाकी शेष उपनिषद गद्य में है ।
- Rigveda in Hindi
- Samveda(Samaveda) in Hindi जानिए विस्तार से Sam Veda के बारे में
- Yajurveda Meaning in Hindi कुछ दिलचस्प और रोचक जानकारियाँ
Important Gyan के इस सीरीज में मैं आप लोगों को ये बताने का प्रयास किया कि अथर्ववेद किसे कहते हैं इसकी रचना किसने किया था और इसकी अन्य क्या विशेषता है? मित्रों मुझे अपनी लेखनी को यहीं पर समाप्त करने का इजाजत दीजिये।Atharva Veda in Hindi important Gyan
अगर कहीं कोई त्रुटि रह गयी हो तो मानवीय भूल समझ क्षमा कर दीजियेगा और कोई सुझाव हो तो जरूर दें हम अपने लेख में उचित स्थान देंगे और कोई प्रश्न हो तो जरूर पूछे। Atharva Veda in Hindi important Gyan
आप लोगों को और अपना ज्ञानवर्धन करना चाहिए, अगर आप लोगों को लगता है की हमें और क्या पढ़ना चाहिए तो आप www.importantgyan.com के वेबसाईट पर नियमित विज़िट करके अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं । Atharva Veda in Hindi important Gyan
हमारे कुछ मीनू आप लोगों का राह देखते रहते हैं जैसे-Motivation, Health, sarkari Yojna आदि । आप इनका लाभ जरूर उठायें । आपका दिन शुभ हो!-Atharva Veda in Hindi important Gyan